वक्त गुजर जाने पर शर्मिंदगी ही हाथ लगती है – स्नेह ज्योति  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi :

एक दिन माँ को आने में देरी हो गई थी । मैं उनका बाहर खड़े होकर इंतज़ार कर रहा था , कि अचानक से एक तेज रोशनी मेरी आँखो में लगी । अंधेरे को चीरते हुए जब रोशनी दिखी तो मेरी नज़र कार से बाहर आते हुए पैर पर पड़ी । मैं टकटकी बांध देखने लगा । जैसे ही वो कार से उतरी तो उसकी भोली सी हंसी आँखो की चमक ने मेरे दिल पे दस्तक दी । मैं उनके पास गया और बोला नमस्ते अंकल ! मैं आपका पड़ोसी सत्या हूँ । उन्होंने अपना परिचय दिया और बताया कि वो दिल्ली से आए है । मैंने उनका सामान अंदर रखने में मदद की , तभी मेरी माँ आ गयी और हमारे नए पड़ोसी को देख बहुत खुश हुई ।

हमारे परिवारों में अच्छी दोस्ती हो गयी थी । इसलिए मैं और शिप्रा आए दिन मिलते रहते थे । मैं तो उसे पहली ही नज़र में दिल हार बैठा था । पर वो मेरे इस एकतरफ़ा प्यार से अनजान थी । यूँ ही दिन गुजरे और हम क़रीब आ गए । गर्मी का मौसम था । बाहर कहीं जाने का मन नहीं था । पर जैसे ही शिप्रा ने बाहर चलने का कहा तो मैं ना नहीं कह पाया ।

मार्केट से सामान ख़रीदने के बाद हम एक कॉफ़ी की दुकान में बैठ गए । मैंने उसे कहा कुछ ऑर्डर करते है । वो कहने लगी थोड़ी देर बाद ,अभी मेरा एक दोस्त आने वाला है । तभी शिप्रा हाथ हिलाते हुई उठी । मैंने पीछे मुड़ के देखा तो एक लड़का हमारे पास आया और शिप्रा के गले लग गया । यें सब देख मैं अचरज में पड़ गया ।

शिप्रा ने जब मुझें बताया कि वो और राजीव एक दूसरें को कॉलेज से जानते है । तब मुझें एहसास हुआ कि यें दोनों एक दूसरे से प्यार करते है । शिप्रा ने बताया कि वो दोनों शादी करना चाहते है । लेकिन पापा को बताने से पहले वो मुझसे से बात करना चाहती थी । क्योंकि मैं उसका सब से अच्छा दोस्त जो था । ये सब जान मैं उसे क्या कहता ,कि तुम शादी मत करो ! क्योंकि मैं तुम्हें पसंद करता हूँ । मैंने अपने दिल को समझाया और राजीव से बात करी । राजीव ने बताया कि उसके परिवार की आर्थिक दशा ठीक नहीं है । ना ही अभी उसके पास कोई नौकरी है । यह सुन बहुत अटपटा सा लगा । नौकरी भी नहीं है और शादी के ख़्वाब देख रहा है ।

मैंने राजीव से कहा पहले कुछ काम ढूँढो फिर शादी की बात करना । मेरी ये बात शायद राजीव को अच्छी नहीं लगी और वो जाने का कहने लगा । शिप्रा ने उसे रोकने की बहुत कौशिश की , पर वो शिप्रा का हाथ झटक चला गया । शिप्रा मेरी तरफ उम्मीद भरी नज़रों से देखने लगी । लेकिन मैंने उसे साफ बता दिया कि लड़का ठीक नहीं है । अभी उससे शादी करने का विचार त्याग देना चाहिए । इस वाक्या के बाद शिप्रा मुझसें कम मिलती थी और उसकी बातो में भी एक लकीर खिच गई थी ।

शिप्रा और राजीव रोज़ फ़ोन पे बात करते थे । एक रात शिप्रा घर में अकेली थी । उसके सोने के बाद कोई खिड़की से घर में दाखिल हुआ और शिप्रा को सोता देख घर से कैश ,जवेल्लारी क़ीमती सामान उठाया और बाहर खड़े अपने दोस्त के साथ रफू चक्कर हो गया । कुछ घंटे बाद जब मैंने शिप्रा के घर का दरवाज़ा खुला देखा , तो मैं अंदर गया और सारा सामान बिखरा पाया । तब मैंने शिप्रा को उठा पुलिस को बुलाया । जब पुलिस ने छान बीन की और सीसी टी वी की विडीओ देखी , तो उसमे चोरों के मुँह ढके हुए थे । उनकी कोई पहचान नहीं हो पाई ।

लेकिन शिप्रा यें सब देख चुप रही । क्योंकि वो अपने दिए ब्रेसलेट को पहचान चुकी थी जो उसने राजीव को दिया था । लेकिन वो अब किसी से क्या कहती , कि ये वही राजीव है जिससे वो प्यार करती है । उसने राजीव को बहुत कॉल करी पर उसने कोई जवाब नहीं दिया , ना ही कभी फ़ोन किया ।

कुछ दिन बाद शिप्रा मेरे पास आयी और हिचकिचाते हुए सारा सच बता डाला । उसके बहते अश्रुओं को जब मैं पोंछने लगा तो वो मुझसें हाथ जोड़ माफी मांगने लगी । सत्या मैं बहुत शर्मिंदा हूँ , कि मैंने अपने प्यार के आगे अपने परिवार को और तुम्हें कोई अहमियत नहीं दी । जिसका परिणाम मैं आज भुगत रही हूँ । तभी मैंने उसे कहा कि तुम तो भुगत रही हो पर वो आजाद घूम रहा है । तुम्हें उसकी शिकायत दर्ज करनी चाहिए । लेकिन जब सबको सब पता चलेगा तो वो मेरे बारे में क्या सोचेंगे ।

तुमने कोई गुनाह नहीं किया ,बस प्यार किया था । मेरी बात मान उसने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज की और झूठी मोहब्बत से मुक्ति पा ली । लेकिन आज भी राजीव का कुछ पता नहीं चला । आज चाहें सब लोग सब भूल गए है । पर शिप्रा को प्यार में जो शर्मिंदगी उठानी पड़ी वो कभी कभी ताजा हो जाती है ।

#शर्मिंदा

स्वरचित रचना

स्नेह ज्योति

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