फैसला – मंगला श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

माही पिछले कुछ दिनों से बहुत परेशान सी रहने लगी थी,वह ऑफिस से घर आकर चुपचाप अपने कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर लेती व बहुत देर बाद निकलती। रचना देवी कुछ दिनों से लगातार उस पर ध्यान भी दे रही थी ,पर माही से कुछ पूछती तो वह हर बात टाल देती थी। हर … Read more

फैसला – मंगला श्रीवास्तव: Moral stories in hindi

माही पिछले कुछ दिनों से बहुत परेशान सी रहने लगी थी,वह ऑफिस से घर आकर चुपचाप अपने कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर लेती व बहुत देर बाद निकलती। रचना देवी कुछ दिनों से लगातार उस पर ध्यान भी दे रही थी ,पर माही से कुछ पूछती तो वह हर बात टाल देती थी। हर … Read more

घर की नौकरी – मंगला श्रीवास्तव  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सोमा एक सँयुक्त परिवार की सबसे बड़ी बहू थी। उसकी बहुत ही कम उम्र में ही शादी हो गई थी..!क्योंकि उस समय बहुत जल्दी ही शादी हो जाती थी ।। इस कारण वह दसवीं से आगे पढ़ नही पाई थी । सास तो उसके आने के बाद अपने घर अपने … Read more

अनोखा बन्धन – मंगला श्रीवास्तव

जैसे ही विदा हुई वह बस में बैठी थी और बस चल पड़ी थी उसने पीछे मुड़ कर खिड़की से देखा, उसको विदा करके  माँ पाप भाई भाभी सभी रो रहे थे ।छोटा सा बिट्टू भी रो रहा था।।उनको रोता देख उसकी रुलाई भी बढ़ती जा रही थी।जैसे जैसे बस आगे बढ़ी  सब पीछे रह … Read more

प्रतिस्पर्धा – मंगला श्रीवास्तव  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : सुहाना और सविता दोनो बहनें थी। सुहाना बड़ी थी और सविता उससे चार साल छोटी थी । सुहाना को बचपन से ही विहान और  संजीता ने बहुत लाड़ प्यार से पाला था , क्योंकि उसका जन्म उन लोगो की शादी के काफी दिनों बाद बहुत मान मन्नत से हुआ था … Read more

प्रतिस्पर्धा- मंगला श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सुहाना और सविता दोनो बहनें थी। सुहाना बड़ी थी और सविता उससे चार साल छोटी थी । सुहाना को बचपन से ही विहान और संजीता ने बहुत लाड़ प्यार से पाला था क्योंकि उसका जन्म उन लोगो की शादी के काफी दिनों बाद बहुत मान मन्नत से हुआ था, लेकिन … Read more

उजड़ा हुआ घरौंदा – मंगला श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : रागिनी आज सुबह से ही बहुत उदास थी। वह बैंक से लौट कर आई तभी से अपने फ्लैट की गैलरी में लगे झूले में बैठी ढलती शाम में अपने घर लौटते कलराव करते पंछियों को देख रही थी। कभी वह भी इसी तरह खुश होकर अपने घर को आती थी … Read more

जिगर का टुकड़ा – मंगला श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  :   सोहन बाबू  जो एक बहुत बड़ी कम्पनी के मालिक थे।आज कानपुर के सबसे बड़े अस्पताल में भर्ती थे। उनका पूरा परिवार आज बहुत परेशान था, क्योंकि सोहन बाबु की तबियत बहुत खराब थी, उनके सारे टेस्ट हो चुके थे डॉक्टर के अनुसार  उनका लिवर ख़राब हो गया  हो गया था। … Read more

और गरूर टूट गया – मंगला श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : रंजना की शादी एक अमीर संयुक्त परिवार में हुई थी, वह घर की छोटी बहू थी । उसके ससुर शामलाल जी का होलसेल कपड़ो का बहुत बड़ा व्यापार था। उससे बड़ी दो जेठानियां और थी पर दोनो ही अमीर घराने की थी जो बहुत दान दहेज लेकर आई थी। उसके … Read more

रुतबा – मंगला श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : ढलते सूरज के साथ ही शाम की अगुवाई हो रही थी मोहनदास जी अकेले अपनी गैलरी में कुर्सी पर बैठकर कलराव करते लौट कर अपने घर को जाते पंछियों को देख रहे थे l उनका एक साथ उड़कर चहचहाना झुंड के रूप में एक साथ उड़ना उनको मानो कुछ याद … Read more

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