प्रतिस्पर्धा- मंगला श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सुहाना और सविता दोनो बहनें थी। सुहाना बड़ी थी और सविता उससे चार साल छोटी थी । सुहाना को बचपन से ही विहान और संजीता ने बहुत लाड़ प्यार से पाला था क्योंकि उसका जन्म उन लोगो की शादी के काफी दिनों बाद बहुत मान मन्नत से हुआ था, लेकिन … Read more

उजड़ा हुआ घरौंदा – मंगला श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : रागिनी आज सुबह से ही बहुत उदास थी। वह बैंक से लौट कर आई तभी से अपने फ्लैट की गैलरी में लगे झूले में बैठी ढलती शाम में अपने घर लौटते कलराव करते पंछियों को देख रही थी। कभी वह भी इसी तरह खुश होकर अपने घर को आती थी … Read more

जिगर का टुकड़ा – मंगला श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  :   सोहन बाबू  जो एक बहुत बड़ी कम्पनी के मालिक थे।आज कानपुर के सबसे बड़े अस्पताल में भर्ती थे। उनका पूरा परिवार आज बहुत परेशान था, क्योंकि सोहन बाबु की तबियत बहुत खराब थी, उनके सारे टेस्ट हो चुके थे डॉक्टर के अनुसार  उनका लिवर ख़राब हो गया  हो गया था। … Read more

और गरूर टूट गया – मंगला श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : रंजना की शादी एक अमीर संयुक्त परिवार में हुई थी, वह घर की छोटी बहू थी । उसके ससुर शामलाल जी का होलसेल कपड़ो का बहुत बड़ा व्यापार था। उससे बड़ी दो जेठानियां और थी पर दोनो ही अमीर घराने की थी जो बहुत दान दहेज लेकर आई थी। उसके … Read more

रुतबा – मंगला श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : ढलते सूरज के साथ ही शाम की अगुवाई हो रही थी मोहनदास जी अकेले अपनी गैलरी में कुर्सी पर बैठकर कलराव करते लौट कर अपने घर को जाते पंछियों को देख रहे थे l उनका एक साथ उड़कर चहचहाना झुंड के रूप में एक साथ उड़ना उनको मानो कुछ याद … Read more

कसूरवार कौन – मंगला श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : सुरभि और सहज दोनों ही बड़ी कम्पनी में ऊँचे पद पर कार्यरत थे l सहज को तो कई कई दिनों तक कम्पनी के काम से बाहर ही रहना पड़ता था l कभी कभी विदेश में भी जाना पड़ता था, इस कारण वह घर पर पूर्ण रूप से ध्यान भी नहीं … Read more

दामन का दाग – मंगला श्रीवास्तव : Short Moral Stories in Hindi

Short Moral Stories in Hindi : सुशील और वंदना दोंनो जैसे ही अपने अपने काम से घर आये तो देखा कि पास वाले गुप्ता जी के घर पर बहुत भीड़ लगी थी। वहाँ पुलिस भी आई हुई थी।उनका मन बहुत घबरा गया। उन्होंने गाड़ी दूर ही खड़ी कर दी और उतर कर बाहर आये। थोड़ा … Read more

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