लड़के वाले सीजन -3 (भाग – 21) : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : जैसा कि आप सबने अभी तक पढ़ा कि उमेश का टीका चढ़ने वाला हैँ…. शुभ्रा के घरवालें गेस्ट हॉउस के लिए निकल चुके हैँ…. उमेश भी नीले रंग का गर्म सूट पहन तैयार हो चुका हैँ …. वो टीका में जाने से पहले शुभ्रा से बात करना चाहता हैँ…. झट … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 10) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

“अच्छा दीदी, वो अखबार वाले अंकल का क्या सीन है। माॅं उन्हें दादाकहती हैं और अंकल उन्हें बहन।” कुछ देर चुप रहने के बाद विनया पूछती है। “क्या है ना भाभी कि दो तीन साल पहले मम्मी सुबह सुबह सब्जी लेने नीचे गई थी और उन्हें चक्कर आ गया था। मम्मी ने हम सभी को … Read more

लड़के वाले सीजन -3 (भाग – 20) : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :जैसा कि आप सबने अभी तक पढ़ा कि उमेश अपने दोस्तों संग घर पहुँच चुका हैँ…. आज़ टीका की रस्म होनी हैँ…. उमेश और शुभ्रा की प्यार भरी नोंक झोंक जारी हैँ…दोनों तरफ के  सभी मेहमान आ चुके हैँ…घर में रौनक छा  गयी  हैँ…उमेश शुभ्रा से बात कर ही रहा होता … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 9 ) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

विनया जो कि कमरे से निकल कर सम्पदा के पीछे–पीछे बैठक में आकर बैठक की साफ सफाई में लग गई थी लेकिन उसके कान अंजना और संपदा की बातों पर ही लगे थे और चोर नज़रों से रसोई में खड़ी अंजना और संपदा के हाव–भाव के साथ साथ क्रियाकलाप भी देखना चाह रही थी। यूॅं … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 8 ) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

“चाय गिरने कालीन खराब होने की चिंता है। एक बार भूले भी ये नहीं पूछ सकते कि कहीं तुम्हारे हाथ में जलन तो नहीं आ रही।” अचानक ही विनया की ऑंखों में ऑंसू आ गए। जिसे बमुश्किल उसने बहने से संभाला और एक नजर मोबाइल में नजर टिकाए मनीष पर डाल कर चाय पीने लगी। … Read more

पूत कपूत तो क्या धन संचै?,पूत सपूत तो क्या धन संचै! –  पूर्णिमा सोनी: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “विमला काम पूरा हो गया हो तो,चल चाय बना लो, यहीं बाहर लेकर आ जाना ”  सुशीला जी ने आवाज देते हुए विमला से कहा। # बस लाई दीदी”, दरअसल चाय तो उसने आंगन की धुलाई करते समय ही धीमी आंच पर चढ़ा दिया था। ये रोज का ही काम … Read more

आख़िरी इच्छा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “ बाबूजी ये दवाई खा लीजिए…आराम मिल जाएगा ।” काँपते हाथों से कनक अपने ससुर को दवा पकड़ाते हुए बोली दीनानाथ जी बहू के हाथ से दवाई ले कर खाने को हुए तो एक पल को रूके फिर जल्दी से दवाई गटक ली कनक दवा देकर कमरे से जाने को … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 7 ) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

“घर में बहू का पदार्पण होते ही सास और बहू दोनों ही घर वालों के लिए एक बाॅंध की तरह बन जाती हैं। बहू के आते ही अपनी ढलती आयु में भी सास एक जिजीविषा महसूस करती है क्योंकि उन्हें इस घर के रीति रिवाज, रस्मों की जानकारी बहू को देनी होती है। लेकिन हाय … Read more

शर्मिंदा – महजबीं : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ” ये कैसे पुराने फैशन के सिंपल कपड़े पहनती है।। इसका तो हेयरकट भी नहीं है, लंबी सी  चोटी बना कर आ जाती है। मिडिल क्लास लगती है, बहन जी टाइप।  सस्ती सी कार से आती है। अपने आप को पता नहीं क्या समझती है।” नव्या के कानों में ये … Read more

जैसी करनी वैसी भरनी – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज फिर ऑफिस में रूमा के बॉस ने उसे गलत तरीके से छूने की कोशिश की। काम में मगन रूमा हाथ पर कुछ रेंगता हुआ महसूस कर जैसे ही चिहुँक कर अपना हाथ हटाया तो देखती है कि उसका बॉस उसके बगल में खड़ा धूर्तता से मुस्कुरा रहा था। रूमा … Read more

error: Content is Copyright protected !!