समय से सबक – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

केतकी के कपड़ों के नए शोरूम का उद्घाटन होने वाला था , सब परिवार वाले जहां बहुत खुश थे वहीं केतकी की आंखों में आसूं थे, उसके पति राजीव से उसकी हालत छिप नहीं सकी और उसने केतकी से पूछा “क्या बात है केतकी आज इतना खुशी का दिन है और तुम्हारी आंखों में आसूं … Read more

दो बुजुर्गों का आशीर्वाद मिला – सुषमा यादव : Moral Stories in Hindi

शिवानी अपने पति, मां और सास के देहांत के बाद अपने पिता और श्वसुर जी को गांव से अपने साथ अपने कार्यस्थल एक शहर में लेकर आई। दोनों अकेले थे।उसके दो बेटियां थीं दोनों को पढ़ा लिखा कर बड़ा किया जो बड़ों के आशीर्वाद से आज उच्च पदों पर बाहर आसीन हैं। वह अकेले ही … Read more

आशीर्वाद – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

एनसीआर  के बहुत पॉश इलाके के एक अपार्टमेंट से शुरू होती है ये कहानी…         अपार्टमेंट के नजदीक के एक पार्क में अक्सर सत्तर साल के बुजुर्ग मिल जाते.. ऑफिस का रास्ता पार्क से होकर हीं जाता था… हाथ जोड़कर नमस्ते करती और आगे निकल जाती..                               लगभग एक महीने से वो बुजुर्ग मुझे दिखाई नहीं दे … Read more

पहला हक – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  काका की मृत्यु के बाद राजेन्द्र अकेला ही दुनिया मे रह गया।बचपन मे ही माता पिता के निधन के बाद काका ने ही उन्हें पाला पोसा था,अब वो भी नही रहे थे।राजेन्द्र की हार्दिक इच्छा थी कि वह काका की खूब सेवा करे,आखिर वह नौकरी कर कमाने लगा था।काका ने राजेन्द्र को कोई मौका दिया … Read more

टाट का पैबंद – डॉ संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

सुमी! सुमी!सुनो यार!कहां बिजी हो? चिराग ने घर में घुसते ही अपनी पत्नी सुमी को बुलाया। तभी उसकी मां दया सामने आई,”पार्लर गई है,आती होगी अभी,दो घंटे हो गए हैं।” ठीक है!ठीक है मां,बेरुखी से बोलता वो कमरे में घुस गया। मैंने कुछ गलत बोल दिया क्या?मां आश्चर्य में सोचती रह गई। तभी सुमी लौट … Read more

नालायक बेटा – मंजु ओमर : Moral Stories in Hindi

गोविन्द भइया करीब डेढ़ महीने से बीमार चल रहे थे बहन मालती ने आज भाई से मिलकर हाल-चाल जानना चाहा सो पहुंच गई गोंविदा भाई के पास । मालती जब घर गई तो बाहर चबूतरे में भतीजा राजीव कुछ उदास सा बैठा था , मालती ने पूछा अरे राजीव यहां क्यों बैठे हो तो उसका … Read more

सूद समेत – अर्चना सक्सेना : Moral Stories in Hindi

इतने बरसों बाद अपने पौत्र को अपने सम्मुख खड़ा देखकर एकबार तो अपनी आँखों पर विश्वास ही नहीं हुआ सुहासिनी जी को, जब उसने आगे बढ़कर चरणस्पर्श किये और पूछा- “कैसी हो दादी?” तो आशीर्वाद देने को उनके दोनों हाथ उठ गये और अविरल अश्रुधारा बह निकली उनके नेत्रों से परन्तु मुख से बोल नहीं … Read more

आँखें खुल गई – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  प्राची काॅलोनी में नई थी।किसी से खास उसका परिचय नहीं था।ऐसे में उसकी पड़ोसिन देविका जी ने उसकी तरफ़ दोस्ती का हाथ बढ़ाया।उसे बहुत अच्छा लगा।देविका जी उसे शहर और काॅलोनी की पूरी रिपोर्ट समय-समय पर बताती रहती थीं, साथ ही अपने परिवार की प्रशंसा करना भी कभी नहीं भूलती थीं।        एक दिन प्राची किसी … Read more

बेमेल (भाग 5) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

“देख न श्यामा, लगता है आज बड़े और मंझले भईया की बातों में आकर कुछ ज्यादा ही पी ली मैने! सिर दर्द से फटा जा रहा है! बर्दाश्त न हुआ तो मजबूरी में तुझे आवाज देना पड़ा। बंशी और बाकी नौकर-चाकर भी सो गए हैं! हाय…मेरा सिर!!” – संझले ननदोई ने कराहते हुए कहा और … Read more

बेमेल (भाग 4) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

…बंशी की बातें सुन श्यामा मुस्कुरायी और कहा – “काका, बचपन में माँ ने सिखाया था कि पालनहार ने जितना दिया है उसी को अपनी नियती मान ईमानदारी से आगे बढ़ने का प्रयास करती रहना। परिस्थिति चाहे कितनी भी बुरी आए, चाहे कितना भी दु:ख सहना पड़े, कभी किसी का अनिष्ट मत करना! माँ का … Read more

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