अजन्मे बेटी का दर्द – रीता मिश्रा तिवारी
मेरा सिर थोड़ा भारी सा लग रहा है। थोड़ा आराम कर लेती हूं कह सुषमा बिस्तर पर लेट गई , लेटते ही उसे नींद आ गई। मां, पापा! मैं जन्म ले कर इस दुनियां में आना चाहती हूं। देखना चाहती हूं प्राकृतिक सुंदरता को। महसूस करना चाहती हूं तुम्हारे स्पर्श को। तुम्हारी गोद में सुकून … Read more