चाय-नाश्ता – पुष्पा कुमारी “पुष्प” 

“आइए बैठिए शोभा जी!.लगता है आज सूरज पश्चिम से निकला है!” यह कहते हुए अंजना ने पड़ोस में रहने वाली अपनी सहेली शोभा को बैठने के लिए वही रखी कुर्सी खिसका दिया। कुर्सी पर बैठते हुए शोभा धीरे से बोली.. “जरा वकील साहब से मिलने आई थी!” “वकील साहब से!” अंजना को हैरानी हुई। असल … Read more

चरित्र प्रमाण-पत्र – वंदना चौहान

मिसेज शर्मा छत पर कपड़ों की बाल्टी लेकर पहुँची ही थीं कि मिसेज वर्मा की आवाज से चौंक पड़ीं । अरी बहन, कब से तेरी राह देख रही हूँ। आज इतनी देर कैसे कर दी कपड़े धोने में, मैं तो कब से सारे कपड़े सुखा चुकी तेरे इंतजार में खड़ी हूँ । हाँ बहन, आज … Read more

मजबूरी – अनुपमा

नीरजा अपने पति को चाय दे ही रही थी की बाहर के शोर की आवाजें उसके कानों मैं सुनाई दी , वैसे तो आए दिन कुछ न कुछ होता ही रहता था नीरजा के पड़ोस मैं पर सबसे ज्यादा जो कुछ भी होता था उसके बगल वाले घर मैं ही होता था । कभी सब्जी … Read more

गैरों में अपनों की परख – मुकेश पटेल

बंसी लाल जी की इलाहाबाद में किराने की दुकान थी।  इसी किराने दुकान से घर भी चलता था और अपने इकलौते बेटे को पढ़ाकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बना दिया था।  बेटा गुड़गांव में एक एमएनसी कंपनी में नौकरी करता है।   गर्मी की छुट्टी में बेटा और बहू दोनों इलाहाबाद आए हुए थे और उन्होंने अपने पापा … Read more

हम थे जिनके सहारे वह हुए ना हमारे

संतोष जी बैंक में मैनेजर थे। उनको  दो बेटा और एक बेटी थी  बड़ा बेटा और बेटी की शादी हो गई थी,बड़ा बेटा अपनी पत्नी के साथ अलग फ्लैट लेकर रहता था।  एक दिन उनकी पत्नी राधा जी  का बाथरूम में पैर फिसला और कमर में काफी चोट आ गई डॉक्टर को दिखाया गया तो … Read more

अब तेरे बिन जी लेंगे हम

गौरी ने कभी नहीं सोचा था कि उसकी शादी गांव में हो जाएगी।  उसके पिताजी का दिल्ली के चांदनी चौक में कपड़े की दुकान थी और उसने अपनी पढ़ाई लिखाई दिल्ली में ही की थी, उसे तो लगता था कि उसकी शादी दिल्ली में ही किसी लड़के से होगी। लेकिन गौरी ने जैसे ही ग्रेजुएशन … Read more

मायके का बेटा – मुकेश कुमार

मैं बाथरूम से जैसे ही नहा कर निकली मेरी पड़ोसन शीला ने दरवाजा खटखटाया।   दरवाजा खोलते ही मैंने बोला अंदर आओ, कैसी हो और क्या हाल है। तभी शीला ने कहा मैडम हाल-चाल बाद में पूछना पहले यह बताओ तुम्हारा फोन कहां है तुम्हारे मिस्टर ने हमें फोन किया है यह लो बात करो। … Read more

तुम देना साथ मेरा- मुकेश पटेल

समीरा देखने में जितनी सुंदर थी उतनी ही सुशील स्वभाव की भी थी। । समीरा ने शादी के कुछ दिनों बाद से ही पूरे परिवार का ख्याल रखना शुरू कर दिया था क्योंकि वह घर की सबसे बड़ी बहू थी  समीरा के पति से छोटे उसके देवर और एक ननद थी लेकिन उनकी अभी शादी … Read more

भाभी का घर – मुकेश कुमार

गर्मी की छुट्टियां शुरू होने वाली थी और  रजनी को मायके जाने की छटपटाहट मचने लगी थी क्योंकि इस बार मायके में सिर्फ मां और पापा नहीं थे बल्कि वहां पर एक और नया मेहमान आ चुका था वह थी  रजनी की भाभी ‘शालिनी’, रजनी के बड़े भाई की शादी को अभी कुछ महीने ही … Read more

मेरी गुरूर है मेरी सास!-Mukesh Kumar

रोजाना की तरह आज भी मैंने बच्चों और पति को नाश्ता दे कर बच्चो को स्कूल और पति को जॉब पर भेज दिया था। उसके बाद मैं कुछ देर अपने बालकनी में थोड़ी देर बैठती थी वहाँ पर ठंडी ठंडी हवा आती थी तो बहुत अच्छा लगता था। बालकनी में बैठे हुए रोजाना में एक … Read more

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