कभी सौतन कभी सहेली

लक्ष्मी की सास को अपने बहू की कोख से सबसे पहले बेटा चाहिए था लेकिन बेटे की चाह मे लक्ष्मी 4 लड़कियों को जन्म दे चुकी थी। पांचवी बार लक्ष्मी माँ नहीं बनना चाहती थी, इस महंगाई के जमाने में चार लड़कियों का पालन-पोषण करना ही बड़ी बात है। लेकिन उसने मन बना लिया था … Read more

मायके की ललक

रागिनी का जन्म एक संयुक्त परिवार में हुआ था। रागिनी के पापा के चारों भाई दादा-दादी सब साथ ही रहते थे। संयुक्त परिवार में होने के कारण रागिनी, रिश्तो की कद्र करना जानती थी और वह खुद भी एक बेहद समझदार और जिम्मेदार लड़की थी। जब रागिनी कॉलेज में थी तभी उसकी शादी प्रकाश से … Read more

मायके का बेटा – मुकेश कुमार

मैं बाथरूम से जैसे ही नहा कर निकली मेरी पड़ोसन शीला ने दरवाजा खटखटाया।   दरवाजा खोलते ही मैंने बोला अंदर आओ, कैसी हो और क्या हाल है। तभी शीला ने कहा मैडम हाल-चाल बाद में पूछना पहले यह बताओ तुम्हारा फोन कहां है तुम्हारे मिस्टर ने हमें फोन किया है यह लो बात करो। … Read more

बीमार हूँ लाचार नहीं-मुकेश कुमार

प्रताप जी का दिल्ली में शर्ट की अपनी खुद की फैक्ट्री थी। गांधीनगर के होलसेल बाजार में उनकी खुद की अपनी दुकान भी थी उनके तीनों बेटे मिलकर दुकान को संभालते थे।  प्रताप जी पैसे की कमी की वजह से स्वयं तो पढ़ाई नहीं कर पाए थे क्योंकि वह खुद एक गरीब परिवार से आते … Read more

पलकों की छांव में

साहिल बंगलोर की कंपनी में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर था छोटा सा परिवार था पत्नी, एक बेटा,एक बेटी  और उसके पापा, मां बचपन में ही गुजर गई थी एक बहन थी तो वह शादीशुदा थी।   साहिल के पापा स्कूल शिक्षक थे जब तक नौकरी में थे तब तक तो वह गांव में ही रहते थे … Read more

तुम देना साथ मेरा- मुकेश पटेल

समीरा देखने में जितनी सुंदर थी उतनी ही सुशील स्वभाव की भी थी। । समीरा ने शादी के कुछ दिनों बाद से ही पूरे परिवार का ख्याल रखना शुरू कर दिया था क्योंकि वह घर की सबसे बड़ी बहू थी  समीरा के पति से छोटे उसके देवर और एक ननद थी लेकिन उनकी अभी शादी … Read more

सौतेली सही पर सगी बहन से कम नहीं हूँ-मुकेश कुमार

निशा अपनी बड़ी बहन गीता से कह रही थी “दीदी जल्दी से ब्यूटी  पार्लर चलो लड़के वालो ने 4:00 बजे तक टाइम दिया है घर पर तुम्हें देखने आने के लिए फिर पार्लर में भी तो टाइम लगता है.”  दरअसल बात यह है कि आज गीता को लड़के वाले देखने आ रहे थे गीता और … Read more

भाभी का घर – मुकेश कुमार

गर्मी की छुट्टियां शुरू होने वाली थी और  रजनी को मायके जाने की छटपटाहट मचने लगी थी क्योंकि इस बार मायके में सिर्फ मां और पापा नहीं थे बल्कि वहां पर एक और नया मेहमान आ चुका था वह थी  रजनी की भाभी ‘शालिनी’, रजनी के बड़े भाई की शादी को अभी कुछ महीने ही … Read more

अफ़सर बिटिया – मुकेश कुमार

अरे वो  दिव्या सुनाई नहीं दे रहा है क्या? तुम्हारे बाबूजी कब से घर पर आए हुए हैं उनके लिए पानी तो लेकर आ, दिव्या ने छत से आवाज़ लगाई जी नई माँ आ रही हूं। दरअसल  दिव्या की माँ का देहांत बचपन में ही हो गया था, घर में देखभाल करने वाला कोई नहीं … Read more

सास घर की नौकरानी नहीं हैं

शालिनी  मां बनने वाली थी। आठवां महीना चल रहा था।  इस वजह से अपने मायके चली आई थी, धीरे धीरे डिलीवरी का डेट  नजदीक आ गया और वह पास के ही एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती हो गई। शालिनी को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। घर में सब बहुत खुश हुए घर आते ही एक … Read more

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