आशीष से गुलज़ार घरबार – सरोज माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

शांति देवी प्रातःक़ालीन पूजा अर्चना करके मंदिर से घर वापस आईं… तभी टेलीफोन की घण्टी बज उठी  हेलो! अरे दिव्या तू!… आज सुबह सुबह कैसे फोन किया?…माँ! तुमसे बहुत जरूरी बात करनी थी… “हाँ! बोल बेटा”.. माँ!… जैसा की तुमको पता हैं घर का काम पूरा हो गया है आज सुबह गृहप्रवेश का शुभ मुहूर्त … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 28) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

“ये तुम क्या कह रही हो बेटा, ये सही नहीं है। घर के सारे लोग परेशान हो जाएंगे बेटा फिर कोयल और संभव भी यही हैं। अच्छा नहीं लगेगा ये सब।” विनया की बात सुनते ही लेटी हुई अंजना उठ कर बैठ गई। “इसमें बुराई क्या है माॅं। हम सब तो होंगे ही यहाॅं, कोई … Read more

आशीर्वाद की लाज..!! – लतिका श्रीवास्तव  : Moral Stories in Hindi

दादी आज मेरा फाइनल मैच है… सर पर कैप लगाए और हाथों में क्रिकेट का बेट लिए हुए शानू ने पैर छूते हुए कहा …जोरदार वाला आशीर्वाद  दीजिएगा दादी प्लीज इस बार ट्रॉफी लेकर आना है…” अरे बेटा दादी के आशीर्वाद से नहीं तेरे जोरदार खेलने से ही ट्रॉफी मिलेगी….सुधीर जी ने हंसते हुए कहा। … Read more

आशीर्वाद – कामिनी मिश्रा कनक : Moral Stories in Hindi

आज सुबह से ही पूरे गाऊँ को सजाने में लगे थे  , कोई इधर से सामान ला रहा है तो कोई उधर से , हो भी क्यू ना  यसोधरा जी कि एकलौति पोती कि जो शादी है ….. सारा सामान शहर से आया है  । यशोधरा जी  पैसे पानी कि तरह बहा रही थी  । … Read more

अपना घर छोड़ कर क्यों जाना…(भाग 2) – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : देखो गिरने की वजह से सिर पर चोट भी आ गई..पर उन्हें मेरी तकलीफ़ ना दिखी… फिर क्या मैं अपने कमरे में पड़ी थी कोई पूछने तक ना आया..इतना ज़लील करता है क्या कोई अपनी माँ को?” थोड़ा साँस चढ़ने लगा तो कहते हुए कजरी रूक गई  “मैं खुद ही … Read more

अपना घर छोड़ कर क्यों जाना…(भाग 1 ) – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अचानक किसी ने जोर से दरवाज़ा खटखटाया…इस वक़्त कौन आया होगा सोचती हुई काव्या दरवाज़े की ओर बढ़ ही रही थी की देखा सासु माँ दरवाज़ा खोल चुकी थी और किसी से बात करने में व्यस्त थी.. “ कौन है माँ जी ….?” काव्या ने पूछा  “ वो मेरी एक … Read more

लौट आओ अपराजिता (अंतिम भाग ) – डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

अब तक आपने पढ़ा कि कैसे कार्तिक के जाने के बाद अपराजिता सब कुछ भुलाकर अपने प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में जुट जाती है और प्रथम बार में ही सफल भी हो जाती है। सफल होने के बाद वो अपने सास ससुर की दशा देखकर कार्तिक को कहीं ना कहीं से ढूंढ निकालने का वादा … Read more

लौट आओ अपराजिता (भाग 3) – डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

दूसरे भाग में आपने पढ़ा कैसे मध्यमवर्गीय परिवार की सुंदर और संस्कारी अपराजिता अमीर घराने के बिगड़े बेटे कार्तिक की पत्नी बन जाती है। अब आगे…. अभी तक सब कुछ देखने में बहुत सुंदर लग रहा था। मनोहर लाल जी बहुत प्रसन्न थे। कार्तिक और अपराजिता की सुंदर जोड़ी पूरे खानदान में ही नहीं शहर … Read more

लौट आओ अपराजिता (भाग 2) – डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

जैसा कि आप लोगों ने प्रथम भाग में पढ़ा अपराजिता जो कि जिलाधीश है,प्रदेश में चुनाव के चलते सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह सुदृढ़ बनाए रखने के लिए काफ़ी व्यस्त चल रही थी पर चुनाव के अच्छे ढंग से निबटने के बाद उसको बहुत दिनों के बाद अवकाश मिलता है। जिसमें वो किसी अज्ञात लेखक … Read more

लौट आओ अपराजिता (भाग 1) – डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

प्रदेश में होने वाले चुनावों की वजह से शांति व्यवस्था बनाए रखनी की सारी जिम्मेदारी शहर की जिलाधीश अपराजिता के कंधों पर थी। आज चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न हो गए थे। अभी परिणाम आने में थोड़ा समय था। इतने दिन से शांति व्यवस्था सफलतापूर्वक बनाए रखने के लिए वो और उसकी टीम दिन रात एक किए … Read more

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