आशीष से गुलज़ार घरबार – सरोज माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi
शांति देवी प्रातःक़ालीन पूजा अर्चना करके मंदिर से घर वापस आईं… तभी टेलीफोन की घण्टी बज उठी हेलो! अरे दिव्या तू!… आज सुबह सुबह कैसे फोन किया?…माँ! तुमसे बहुत जरूरी बात करनी थी… “हाँ! बोल बेटा”.. माँ!… जैसा की तुमको पता हैं घर का काम पूरा हो गया है आज सुबह गृहप्रवेश का शुभ मुहूर्त … Read more