खानदान की नाक – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : राशि ने रो रो कर पूरा घर सिर पर उठा रखा था। वह 12वीं के बाद आगे पढ़ना चाहती थी। वह पढ़ाई और खेलकूद में हमेशा फर्स्ट आती थी। 12वीं में भी उसके 98% नंबर आए थे।  राशि का परिवार एक गांव में रहता था। उसका भाई अविनाश भी पढ़ने … Read more

खानदान – करूणा मलिक  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : निशा , कल आलोकजी अपनी पत्नी के साथ हमारी वंशु से मिलने आ रहे हैं । प्रदीप, आपने अच्छी तरह देख लिया है ना ? वंशु अपने मुँह से कुछ नहीं कहेगी पर आजकल के बच्चों की ख़्वाहिशें  तो ,आप जानते हैं। भाभी तो सब कुछ ठीक ही बता रही … Read more

खानदान पर कलंक मैं नहीं आप हो भैया !! (भाग 4) : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : रमेश की जिद के आगे हमने घुटने टेक दिए  और रीमा शादी करके यहां दुल्हन बनकर आ गई , उस दिन से यह घर हमारा कम और रीमा के माता पिता , भाई – बहन का ज्यादा हो गया , आए दिन वे लोग यहां रहने चले आते !! रीमा … Read more

खानदान पर कलंक मैं नहीं आप हो भैया !! (भाग 3) : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : बनवारी काका की आंखों के सामने पली बढी प्रिया पर बनवारी काका को पहले से ही खुब विश्वास था !! वे बोले बेटा , तेरे भाई भाभी के राज में तेरी मां की हालत दयनीय हो गई हैं , अच्छा हुआ जो तु आ गई , शायद अब तेरी मां … Read more

खानदान पर कलंक मैं नहीं आप हो भैया !! (भाग 2) : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : यहां प्रिया भी राज से मिलने के लिए बेकरार थी !! एक दिन रमेश के घर पर ना होने पर प्रिया घर से अपनी सहेली का बहाना बनाकर राज से मिलने पहुंची और बोली राज मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकती , हमें भागकर शादी करनी होगी वर्ना मेरे घरवाले … Read more

खानदान पर कलंक मैं नहीं आप हो भैया !! (भाग 1) : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : राज , अभी की अभी मेरी इंडिया की टिकट निकलवाओ , मुझे इंडिया जाना हैं रोते हुए फोन पर बोली प्रिया !! प्रिया हुआ क्या हैं ?? तुम इतना रो क्यूं रही हो और अचानक इंडिया क्यूं जाना हैं तुम्हें ?? ऑफिस से राज बोला !! प्रिया बोली पापा नहीं … Read more

अपनापन – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : बेटा, बबलू सुना है अपनी रश्मि को देखने वाले आये थे,बंसी ने तो कुछ बताया नहीं, पता नही क्या हुआ?तुम पता तो करो। ठीक है,पापा मैं सूरज भैय्या से बात करूंगा,तभी पता चल पायेगा।        शांति शरण और बंसीधर दोनो सगे भाई थे।पिता बनारसीदास के गुजर जाने के बाद दोनो भाई … Read more

खानदान – के कामेश्वरी  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सुरेखा की आँखें बरस रहीं थीं उनकी आँखों से नींद कोसों दूर थी । उन्हें बार-बार दोपहर की घटना याद आ रही थी जब ड्राइवर बहूको बता रहा था कि साहब को पुलिस ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है और कस्टडी में ले लिया है । उन्हें नहीं … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 38) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

“भैया, टिकट तो आप आज देख रहे थे। फिर ये दोनों”…संपदा मिन्नी, विन्नी के अंजना के पास जाने के बाद मनीष से धीरे से पूछती है। “ये तो परसों ही करा दिया था मेरी बहन, मिन्नी, विन्नी इसी शर्त पर आई हैं कि दो दिन से ज्यादा नहीं ठहरेंगी तो लौटने की टिकट देख रहा … Read more

गरम होना – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

सुनिए जी आपका ये बात बात पर गरम होने के स्वभाव की वजह से बच्चे आपसे कहीं दूरियां न बढ़ा ले.. कामिनी ने अपने पति सुबोध से कहा जो रोज ऑफिस से आते ही खेल कूद कर रहे , हल्ला गुल्ला कर रहे बच्चों को झिड़क देता ये कहकर कि तुम लोग शांत नही रह … Read more

error: Content is Copyright protected !!