दीवारों के मुंह भी होते हैं। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi
“थोडा धीरे बोलो दीवारों के भी कान होते हैं, एक सेकेंड में बात इधर से उधर हो जायेगी, पहले काम पूरा हो जाएगा, हम तभी सबको बतायेंगे, रजनी ने अपने पति शोभित को समझाया। ये सुनकर शोभित हंसने लगा, अरे! ये सिर्फ मुहावरा हैं, भला दीवारे हमारी बाते कैसे सुनेंगी? मान लो उसने सुन भी … Read more