अपनी जड़ों से जुड़े रहो – करुणा मलिक: Moral stories in hindi
सतीश , बेटा न जाने अब तो कब बुलावा आ जाए , एक बार उस दहलीज़ के दर्शन करवा दे , जहाँ ब्याह कर आई थी ।माँ, कैसे जाओगी ? इतना लंबा सफ़र, बुढ़ापे का शरीर, ऊपर से कहीं ठहरने का बंतोबस्त नहीं । फिर आप वहाँ किससे मिलोगी ? अपने कुटुंब का तो अब … Read more