झूठे दिखावे से जिंदगी नहीं चलती।- अर्चना खंडेलवाल : Moral stories in hindi

“अब अपनी आंखें खोलो, सौरभ ने निमिषा की आंखों से हथेली को धीरे-धीरे हटाते हुए कहा, और हाथ में दो फ्लाइट के टिकट पकड़ा दिये।” निमिषा हैरान थी, “हम कहीं जा रहे हैं क्या? सौरभ खुशी से बताने लगा, ” मुझे कंपनी की तरफ से इनसेंटिव मिला है तो मैंने गोवा जाने के टिकट बनवा … Read more

टूटने से जुड़ने तक – शिप्पी नारंग : Moral stories in hindi

“सुनो मीतू आज पैकिंग कर लेना कल सुबह निकल लेंगे। अभी मैं भैया के साथ जा रहा हूं।” ससुराल में आए आकाश ने अपनी पत्नी  स्मिता से कहा। अपने साले मुदित के साथ आकाश बाहर निकल ही रहा था कि सासू मां वीना जी की आवाज़ आई “आकाश बेटा ऐसा है तुम पहले जाकर अपने … Read more

सीख – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ तुम ये  कैसे बात कर रहे हो अंश.. यही सब सीख रहो हो स्कूल जाकर…पहले तुम कितने अच्छे बच्चे थे …अब बड़ों से बात करने की तमीज़ भी भूलते जा रहे हो… चलो सॉरी बोलो …नहीं तो आज मेरा हाथ उठ जाएगा ।” कसमसाते हुए निशिता ने बेटे से कहा आठ साल का अंश … Read more

बदलाव किस चीज का जरूरी है ।। – अंजना ठाकुर : Moral Stories in Hindi

गांव से अंजली के सास ,ससुर आए हुए थे अंजली शहर मैं रहती थी उसे लगा उनके संग रह कर उसका बेटा भी देहाती नही हो जाए इसलिए किट्टू को उनसे दूर ही रखती बेचारे दादा ,दादी मन मार कर रह जाते पर पांच साल का किट्टू दादी के पास जाने की जिद्द करता उसका … Read more

इल्जाम – शिव कुमारी शुक्ला : Moral stories in hindi

घर आते ही देव अपनी पत्नी संगीता पर बरस पडा कैसे हिम्मत हुई तुम्हारी उस  पराए मर्द के साथ  डांस  करने की। मेरी इज्जत का तुम्हें जरा भी ध्यान नहीं रहा। क्या सोचेंगे लोग मेरे बारे में कि मेरी पत्नी दूसरे  मर्दों के साथ डांस करती है।आज संगीता भी चुप न रही बोली वैसे ही … Read more

पत्नी नहीं मेरी शक्ति…! – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय  : Moral stories in hindi

विनायक एक आम आदमी था। महीने के तीसों दिन कोल्हू के बैल की तरह खटने के बाद बड़ी मुश्किल से महीने के अंत में एक साधारण सी तनख्वाह आती थी, जिससे बड़ी मुश्किल से उसके घर का खर्चा चल रहा था।  बच्चों की पढ़ाई लिखाई, घर का किराया,उसके वृद्ध और बीमार माता पिता की दवाइयाँ, … Read more

धिक्कार – उमा वर्मा : Moral stories in hindi

आज लक्ष्मी अपने को कोस रही थी “धिक्कार है ऐसे जीवन पर ” सच में अम्मा जी के पोते की लालसा ने उसे पाँच पाँच बेटियों की माँ बना दिया था ।वह तो कभी ऐसा चाहती भी नहीं थी।पर पति की जिद के आगे हार गई थी वह ” अरे अम्मा गलत क्या सोचती है, … Read more

मायके के लिए फ़र्ज़ कैसे भूल जाऊँ – रश्मि प्रकाश  : Moral stories in hindi

“ अरे बेटा तू अचानक यहाँ आ गई.. सब ख़ैरियत तो है?” दरवाज़े की घंटी बजते दरवाज़े पर राशि को यूँ अचानक आया देख सुमिता जी बोली “हाँ माँ तुम तो जानती हो मैं बहुत जल्दी घबरा जाती हूँ दो तीन दिन से बड़े बुरे सपने देख रही थी तो सोचा आकर तुम सब से … Read more

ज़िंदगी का तराजू – शुभ्रा बैनर्जी  : Moral stories in hindi

मालती आज जैसे ही बाजार जाने के लिए निकलने लगी,सासू मां ने बताया इन्सुलिन ,प्रेशर की दवाई,ख़त्म हो गई है।और हां हाजमोला भी लेना है।सुबह अखबार पढ़ते समय बोलीं थीं”अब दूसरी आंख से भी बहुत कम दिखता है बहू।” सड़क पर चलती हुई मालती सोचने लगी।परिवार की पूरी जिम्मेदारी उसके ऊपर डालकर क्यों चले गए … Read more

चमेली से मिली हिम्मत – के कामेश्वरी   : Moral stories in hindi

चमेली मेरे घर में तीन साल से काम कर रही है । वह मेरे लिए दाएँ हाथ के समान है । वह घर के कामों के अलावा खाना बनाने में और मेरी बेटी की देखभाल में भी मदद कर देती है ।  मैं और मेरे पति दोनों ही दस बजे तक ऑफिस के लिए निकल … Read more

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