इल्ज़ाम :~ सही या ग़लत – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ मैडम जी हमें आपसे कुछ बात करनी है ।” दरवाज़े की घंटी बजते जैसे ही रति ने दरवाज़ा खोला सामने सोसायटी में काम करने वाली दो ( कला और सविता) महिलाओं ने कहा  “हाँ बोलो।” रति ने कहा  “क्या हम अंदर आ जाए?” उनमें से एक ने कहा जिसका नाम कला था  “ हाँ … Read more

आखिर कब तक – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : बस बहुत हो गया ,मेरे भी बर्दाश्त की एक सीमा है! तुम सब मेरी अच्छाइयों का नाजायज फायदा उठा रहे हो! मैं भी इंसान हूं कोई मशीन नहीं! मैं भी थक जाती हूं !आखिर कब तक सहन करूं ?आप सभी लोग मुझसे सिर्फ अपने मतलब और स्वार्थ के लिए रिश्ता … Read more

मैं प्रायश्चित कर रही हूं… : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : शांति का मन अशांत था और कुछ दिनों से उसकी बेटी की शिकायतें  करके रिश्तेदार उसे  परेशान कर रहे थे । शांति सोच रही थी कि हर रोज बेटी का बे- लगाम होते जाना अच्छा नहीं है । पैदा होते ही मर जाती तो कौन सा घाटा पड़ जाता दुनिया … Read more

नया रंग – माता प्रसाद दुबे : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : होली का त्यौहार रंगों की तरह ही रंगीला होता है। अपने पराए का कोई भेदभाव नहीं होता है। फिर भी अपनों के बीच होली का आनंद ही अलग होता है। बस की खिड़की के पास बैठा हुआ प्रकाश कुछ ऐसा ही सोच रहा था। बीते वर्ष की होली में वह … Read more

वनवास – डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : आर्यन अठारह साल का आकर्षक सा किशोर जिसने अपनी बारहवीं की परीक्षा बहुत अच्छे अंको से पास की थी।आगे की शिक्षा के लिए उसका मन बाहर की यूनिवर्सिटी में जाने का था पर दिल के कोने में कहीं ना कहीं उसको अपनी मां की भी चिंता थी। असल में आर्यन … Read more

झुमका – संध्या त्रिपाठी  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : क्या बात है छोटी , जब से दिल्ली से आई है खोई खोई रहती है अपने आप हँसती है , मुस्कुराती है और बार-बार ये अपने कान के झुमके को क्यों छूकर शरमा जाती है , तू तो खेलने गई थी ना दिल्ली ? कौन सा खेल , खेल के … Read more

मैं प्रायश्चित कर रही हूं – डॉ.विभा कुमरिया शर्मा। : Moral Stories in Hindi

शांति का मन अशांत था और कुछ दिनों से उसकी बेटी की शिकायतें  करके रिश्तेदार उसे  परेशान कर रहे थे । शांति सोच रही थी कि हर रोज बेटी का बे- लगाम होते जाना अच्छा नहीं है । पैदा होते ही मर जाती तो कौन सा घाटा पड़ जाता दुनिया को । जरूरी तो नहीं … Read more

पूरे हुए अरमान – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : अपने हाथों में फोन लिए निशिता की आंखें बहने लगी थी। उसकी आवाज रूंध  गई थी।  वह कुछ बोल ही नहीं पा रही थी। बड़ी मुश्किल से उसने कहा ” बेटा खुश रहो ।”उधर से पूरन उसे फोन कर बार-बार बोल रहा था.. मम्मी तुम ठीक हो ना!”  “बेटा ,मैं … Read more

“मर्यादित रिश्ते” – कविता भड़ाना: Moral stories in hindi

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Moral stories in hindi : चीखने की तेज आवाज़ के साथ कई लोगों की निगाहें उसी ओर उठ गई, एक सुंदर सी महिला ने एक पुरुष को कालर से पकड़ा हुआ था और बेहद गुस्से में बोल रही थी.. “आखिर दिखा ही दिया ना तुमने अपना असली रंग, अपनी बीवी के होते हुए भी अपने … Read more

विकल्प – अमरपाल सिंह ‘ आयुष्कर ’ : Moral stories in hindi

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Moral stories in hindi : ऐसा नहीं था कि इस घर में पहले ऐसा पहाड़ न टूटा हो |रतन गया था |दस बरस पहले |बीती बात है, पर आज भी नई – सी  लगती है ,पुरानी नहीं पड़ी |अरे !पुरानी  पड़ेगी भी तो  कैसे ? सर्वजीत बाबू  की साँसें जो नहीं टूट रहीं , ऊपर … Read more

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