मैं प्रायश्चित कर रही हूं… : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : शांति का मन अशांत था और कुछ दिनों से उसकी बेटी की शिकायतें  करके रिश्तेदार उसे  परेशान कर रहे थे । शांति सोच रही थी कि हर रोज बेटी का बे- लगाम होते जाना अच्छा नहीं है । पैदा होते ही मर जाती तो कौन सा घाटा पड़ जाता दुनिया … Read more

इस अपराध की कोई माफ़ी नहीं …- डॉ.विभा कुमारिया शर्मा : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : देखो बेटा , अब तुम्हारी कोई बात मुझे नहीं सुननी है , तुम ऐसा ही समझ लो।   तुम अब निकलो यहां से । सागर सिंह ने सीधे-सीधे अपने दामाद अमन से कह दिया। पर ,  पर , पापा जी हमारी रिजर्वेशन तो परसों की है,  मतलब परसों शाम को … Read more

समझदार हो गए हैं, मेरे बच्चे… – डॉ.विभा कुमरिया शर्मा : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : इतनी लाल आंखें ?बेटा क्या हो गया सुबह- सुबह ? मम्मी मैंने आपकी  टिकट कैंसिल करवा दी,  कहते – कहते ही उसके गाल मोटे-  मोटे आंसुओं से भर गए । मेरी टिकट कैंसिल करवा दी , क्यों ? मैंने उससे पूछा।  मुझसे पूछे बगैर कैंसिल  करवा दी क्यों ?  वह … Read more

अम्माजी , आंखें खोलो बस… – डॉ. विभा कुमरिया शर्मा : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : तू क्या जाने हम तो राजा – महाराजा के बच्चे हैं ,जो राजपाट और शान -शौकत हमने अपने मायके में देखी है ना वह ससुराल में और तुम्हारे पापा से नहीं मिली , कुछ ना ही कहूं तो अच्छा है।‌ अरे कहां कर सकते थे हमारा मुकाबला यह लोग ? … Read more

error: Content is Copyright protected !!