मैं तो अमृत पीकर आई हूं –  हेमलता गुप्ता : Moral stories in hindi

आह.. रवि कहां हो तुम ..प्लीज जल्दी आओ.. यार देखो.. गरम-गरम तेल मेरे हाथ और  पेट पर गिर गया और  बहुत जलन हो रही है, प्लीज.. जल्दी से डॉक्टर के पास चलो ना..! बस हो गए तुम्हारे सुबह से नाटक चालू? फिर एक नया बखेड़ा कर लिया खड़ा तुमने,.. ऐसा क्या कर रही थी किचन … Read more

खानदान – गीता चौबे गूँज  : Moral stories in hindi

“आप यह कैसे भूल सकते हैं कि आप पं. सूर्यप्रताप शर्मा के खानदान से हैं। आपने सोच भी कैसे लिया कि हम आपकी शादी एक अनाथ लड़की से करने के लिए राजी हो जाएँगे?” भानुप्रताप शर्मा की गरजती आवाज से पूरा परिवार चुप्पी साधे हुए था। किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी कुछ भी … Read more

वापसी – करुणा मलिक : Moral stories in hindi

मालू, याद तो है ना कि पापा 20 तारीख़ को इंडिया पहुँच रहे हैं । बहुत कोशिश की कि सही समय पर पहुँचे पर किसी फ़्लाइट में बिज़नेस क्लास की टिकट ही नहीं मिली । रात में दो बजे लैंड करेंगे । एक हैंड बैग ही होगा, उनके साथ इसलिए ज़्यादा टाइम नहीं लगेगा बाहर … Read more

आ अब लौट चलें….. – वीणा सिंह : Moral stories in hindi

बारह वर्ष बाद आज तनय से शुभा की मुलाकात हो गई मॉल में.. दो बच्चों की मां शुभा फिर से वही शुभा बन गई.. कुवारीं बारह साल पहले वाली.. दिल की धड़कने बेकाबू होने लगी.. गालों पर हल्की लाली आ गई.. तेजी से वह तनय के पास चली गई.. तनय की पत्नी लक्मे पार्लर में … Read more

गलतफहमी – डॉ संगीता अग्रवाल  : Moral stories in hindi

आज सुबह से ही निशा का सारा बदन टूट रहा था,शायद हल्का सा बुखार भी था ,जैसे ही सुबह का अलार्म बजा,वो हड़बड़ा के उठ बैठी,पास निगाह घुमाई…पतिदेव  मजे से खर्राटे भर रहे थे।दिल किया,उन्हें कह दे,मेरे बस का आज उठना नहीं है,कर लेना खुद काम या बाजार से लेकर कुछ खा लेना। पर कह … Read more

दो कदम तुम भी चलो,दो कदम हम भी चलें। – सुषमा यादव : Moral stories in hindi

केशव अपनी पत्नी रूपा की जिद पर अपनी बेटी और रूपा को उसकी सहेली के मकान में लेकर पहुंचा। जहां उसने अपनी सहेली के घर में एक कमरा किराए से ले लिया था। उसे छोड़ने के बाद केशव ने मायूस होकर कहा,रूपा, क्या तुमने मुझसे तलाक लेने का फैसला कर लिया है?  नहीं, केशव, मैं … Read more

कभी कह कर तो देखो… रश्मि प्रकाश  : Moral stories in hindi

“ अरे बहू अब तक चाय नहीं बनी है क्या… कब से हम लोग सैर कर के आ गए… आज चाय में देरी क्यों कर रही हो?” राजबाला जी ने बाहर बरामदे से ही राशि से कहा “ ला रही हूँ मम्मी जी…सब को सब हाथ में ही वक्त पर चाहिए ये नहीं कि थोड़ा … Read more

इंस्टेंट नूडल्स वाली पीढ़ी – डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral stories in hindi

दो तीन दिन से मीरा देख रही थी कि उसकी बेटी परिधि काफी अनमनी सी है। उसका खाना पीना भी बहुत कम हो गया था। वो सोच ही रही थी कि उससे बात करेगी पर अपनी नौकरी की व्यस्तता के चलते और कुछ बेटी की भी कॉलेज की गतिविधियों के चलते उसको समय नहीं मिल … Read more

अपने अपने फ़ैसले – माधुरी गुप्ता : Moral stories in hindi

आज सुबह की सैर कुछ अधिक होने के कारण मनोहर लाल कुछ थकान सीं महसूस कर रहे थे।पेपर पढ़ने बैठे तो झपकी सी आगई,जिसके कारण मेज़ पर रखा पानी का गिलास गिर गया।कुछ गिरने कीआवाज़ सुन कर माया रसोईघर से दौड़ती सी आई।पानी का गिलास गिरा देख कर समझ गई कि आज फिर,उसके पति लम्बी … Read more

निर्णायक फैसला –  बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi

      पापा, आप यहाँ अकेले क्यूँ रहना चाहते हैं, बढ़ती उम्र है,आप  यहीं मेरे पास अमेरिका आ जाओ।पापा मैं आपका एकलौता बेटा हूँ, मैं सब व्यवस्था कर दूंगा,बस आप हाँ बोल दो।        नहीं बेटा, मेरा वहाँ बिल्कुल भी मन नही लगता।सबकुछ मशीन सा, न अपनी भाषा, न अपने पन का अहसास।मुन्ना जिद न कर मैं वहाँ … Read more

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