ममता की छांव -ऋतु गुप्ता : Moral stories in hindi

दरवाजे की कुंडी बजते ही सामने अपने बेटे दीपक को नेवी अफसर की वर्दी में देखकर रागिनी को एक बारगी तो अपनी आंखों पर विश्वास ही नहीं हुआ, वह भाग कर  घर के मंदिर में जाती है और बेटे की नजर उतारने के लिए पूजा की थाली लेकर आती है। रागिनी की बेटी समृद्धि जो … Read more

मेरे बीमार होने से किसी को फ़र्क़ नहीं पड़ता – रश्मि सिंह : Moral stories in hindi

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दीपिका (फ़ोन पर)-बताओ मम्मी क्या है ? अभी मैं मीटिंग में थी, आप बार बार फ़ोन कर रही हो। सविता (दीपिका की माँ)-तूने आज ऑफिस जाते समय फ़ोन नहीं किया वैसे तो रोज़ करती है। दीपिका-अरे मम्मी आज मीटिंग थी तो जल्दी आना था कल रात आपको बताया तो था। अच्छा अब रखो मैं काम … Read more

फैसला – अदिति महाजन : Moral stories in hindi

अदालत परिसर का दृश्य| न्याय की आस में बैठा पीड़ित पक्ष व अपना पक्ष रखने के प्रयास  में अभियुक्त की वकील | वाद-  प्रतिवाद का दौर अब समाप्‍त हो चुका था व फ़ैसले की घड़ी आ गई थी | ‘ऑर्डर- ऑर्डर’ कह कर न्यायधीश पुरूषोत्तम दास ने अदालत को तो शांत कर दिया था, परंतु … Read more

नोक झोंक जरूरी है – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

…बुद्धि भ्रष्ट हो गई थी मेरी, जो तुमसे शादी के लिए हां कर दी !अरे बुद्धि तो मेरी भ्रष्ट हुई है.. तुम्हारे घर वालों ने तो कहा था की लड़का इतनी अच्छी नौकरी पर है, सीधा-साधा, संस्कारी है, और देखो.. कैसा लड़ाकू निकला, हर छोटी-छोटी बात पर बस लड़ाई झगड़ा करना सुझता है तुमको! अरे … Read more

मेरे बीमार होने से किसी को फ़र्क़ नहीं पड़ता है – के कामेश्वरी   : Moral stories in hindi

सुहानी के माता-पिता की मौत किसी दुर्घटना में हो गई थी । पूरा घर लोगों से भरा हुआ था । सब लोग बारहवीं ख़त्म होते ही अपने अपने घर जाने के लिए तैयार हो गए थे । किसी ने भी सुहानी के बारे में नहीं सोचा था कि इसे कौन ले जाएगा । जबकि वह … Read more

मेरे बीमार होने से किसी को फ़र्क़ नहीं पड़ता है – करुणा मलिक   : Moral stories in hindi

कुसुम, पंद्रह दिन बाद बुआ भात नोतने के लिए आ रही है । अच्छे से तैयारियाँ कर लेना । यही कोई तीस पैंतीस लोग होंगे। तीस पैंतीस……? इतने लोगों का , मैं कैसे करूँगी?  पचास ही लोग होंगे कुल मिलाकर । घर के और पास पड़ोसियों को गिनकर । आपको तो पता ही है कि … Read more

प्यार तेरे लिए – माधुरी गुप्ता : Moral stories in hindi

सुवह उठ कर नोट्स बनाने में व्यस्त मीता के काम में व्यवधान उस समय पड़ा, जब मां की आवाज कानों में पड़ी,मीता नीचे आकर चाय नाश्ता कर लो ‘मॉं की आवाज को अनसुना करते हुए,मीता ने नोट्स बनाने में अपना ध्यान लगाया, क्योंकि लाइब्रेरी  में यह बुक वापस करने का आज आखिरी दिन था , … Read more

छांव प्यार की – अंजना ठाकुर  : Moral stories in hindi

नीरू जब से शादी हो कर आई थी तब से ही काम अपने सर पर ले लिया उसकी सास बोलती भी की बहु नई नई शादी हुई है अभी आराम करो राघव के साथ घूमने जाया करो उसे ज्यादा समय दो पर नूरी के मन मै बचपन का डर बैठा की काम नहीं किया तो … Read more

रितेश का फैसला – मंजू ओमर  : Moral stories in hindi

रितेश अपने साले को बाहर गाड़ी तक छोड़ कर जब अंदर आया तो देखा नुपुर मुनमुन की फोटो लिए आंसू बहा रही थी। रितेश ने नुपुर को गले से लगा लिया और आंसू पोंछते हुए समझाने लगा धीरज रखो नुपुर कितना रोओगी बस भी करो नहीं था अपनी किस्मत में मुनमुन,वो बस थोडे समय के … Read more

बीमार होने से फर्क पड़ता है… रश्मि झा मिश्रा  : Moral stories in hindi

“अरे मां…! कितनी बार कहा है… इतनी सुबह मत नहाया करो.. तुम हो कि तुम्हें कुछ सुनाई ही नहीं देता… क्या जरूरत है.. ठंडी में इतनी सुबह हड़़बड़ हड़़बड़ करने की… आराम से सब चले जाएं.. तब नहा लो.. धूप निकलने दो.. तब नहाओ….!” आदर्श अपनी मां रमा जी को लगभग डांटते हुए ही.. इतना … Read more

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