खिलाफ़ – लक्ष्मी कानोडिया : Moral stories in hindi
युवराज, बेटा युवराज मैं जरा पड़ोस में जा रही हूं। अपने नए पड़ोसी आए हैं। अभी-अभी शिफ्ट हुए हैं। जाकर पूछती हूं कहीं उन्हें किसी चीज की जरूरत तो नहीं। मैं रसोई संभाल दी है पीछे से चौक वाली आएगी तो उस से बर्तन मंजवा लेना। घर का ध्यान रखना ठीक है। अपने युवा बेटे … Read more