संस्कारहीन – पूजा शर्मा  : hindi stories with moral

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hindi stories with moral : प्रिया ओ प्रिया !अपना नाम सुनकर प्रिया नेजैसे ही पीछे मुड़कर देखा साधना खड़ी थी और उसी की ओर दौड़ी चली आ रही थी ,तू यहां कैसे?ऐसे गायब हो गई जैसे ईद का चांद ,फोन नंबर भी बदल दिया पिछले 2 साल से कोई खैरखबर नहीं है तेरी ? एक … Read more

परीक्षा – मीनाक्षी सिंह : hindi stories with moral

hindi stories with moral : बापू जल्दी चलो कोचिंग का टाइम हो गया हैँ…. इतनी देर से लायें तुम रिक्शा …. कुछ छूट जायेगा तो कोनो नहीं समझायेगा मुझे…. चंचल रिक्शा चलाते अपने बापू से बोली…. बिटिया सबेरे 30 रूपये कमा आया… मुझे पता था तू लेट ना हो जायें इसलिये एक सवारी छोड़ आया…. … Read more

मेरे घर में कोई बदलाव नहीं होगा…. – रश्मि प्रकाश  : hindi stories with moral

hindi stories with moral : राशि जब से शादी कर के आई ….ससुराल में इतना सारा बिना काम का सामान देख कर आश्चर्य करती ….पर नई बहू कहे भी तो क्या…. महीने भर बाद वो पति निकुंज के साथ नौकरी वाली जगह रहने चली गई । कुछ समय बाद दिवाली आने वाली थी पहली दिवाली … Read more

हाँ, हो गयी हूँ मैं स्वार्थी – पूजा मणि : hindi stories with moral

hindi stories with moral : “घर के कागज़ात पर अपने हस्ताक्षर कर दो। हम दोनों भाईयों को बहुत सारे काम हैं।” एक कागज़ के टुकड़े को शिवा ने अपनी बहन धर्मिणी की दिखाया। धर्मिनी अपने बड़े भाई का मुँह चुपचाप निहारती रही और अपने काम लग गयी। “क्या हुआ? तुम्हारा मन बदल गया? यार धर्मिणी … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 16) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

विनया ने बीप की आवाज से मोबाइल उठा कर देखा और एक प्यार भरी इमोजी भेज कर मोबाइल रख आगे की रणनीति पर गौर करने लगी और रणनीति के बीच में कब उसके पलकों पर नींद ने अपना घर बना लिया, उसे पता भी नहीं चला और उधर अंजना की ऑंखों का नींद उड़ चुका … Read more

माँ का घर – के कामश्वरी : hindi stories with moral

hindi stories with moral : शारदा काम ख़त्म करके बैठक में बैठकर पेपर देख रही थी । उसी समय गेट के खुलने की आवाज़ आई तो उठकर देखने गई थी कि कौन आया है देखा तो उसे आश्चर्य हुआ कि बड़े भाई शंकर थे । उनके हाथों से बैग लेकर उन्हें सादर सहित घर के … Read more

घर की रौनक कहां खो गयी : hindi stories with moral

hindi stories with moral : दीनानाथ जी की पत्नी को गुजरे हुए कुछ समय ही क्या बीता ,उनके घर में रिश्तेदारों ने आना ही छोड़ दिया। कहते क्या करेंगे उनके यहां जाकर खुद ही जाकर खाना बनाओ और काम करो,दीनानाथ जी के घर में एक बेटा ही था। जिसके पैर घर पर तो रहते नहीं … Read more

घर दीवार से नहीं परिवार से बनता है। – सविता गोयल : hindi stories with moral

hindi stories with moral :  “मुझे नहीं जाना यहाँ से कहीं, मेरी डोली इसी घर में आई थी और मेरी अर्थी भी इसी घर से उठेगी|”  “लेकिन माँ, यहाँ रखा भी क्या है अब? आप क्यों जिद पर अड़ी हैं। अब तो पापा भी नहीं रहे। आपको यहाँ किसके सहारे छोड़ कर जाएं? क्यों आप … Read more

परित्याग – आरती झा आद्या : hindi stories with moral

hindi stories with moral :  “सुनो जी, कब तक यहाॅं से वहाॅं डोलते रहेंगे। जब शादी के बाद चावल का कलश पैरों से छुआ कर आई थी तो वो भी किराए का ही घर था। तब सोचा था चलो कोई बात नहीं, अपना भी एक घर बनाएंगे। लेकिन अब भी वही हालात हैं। हर दूसरे … Read more

घर है, कोई होटल नहीं!! – पूर्णिमा सोनी : hindi stories with moral

hindi stories with moral : बस- बस… यहीं रख देते हैं बेड, सुवर्णा ने बेड को जमीन पर टिका दिया। बाकी बड़े फर्नीचर और सामान पहले ही कुछ हेल्पर की मदद से अपने स्थान पर रख दिए हैं। थोड़ा बहुत  खींच, खिसका कर एडजस्ट करना अलग बात है। बेड के लिए इससे उपयुक्त जगह नहीं … Read more

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