घर सबका होता है – अंजना ठाकुर  : hindi stories with moral

hindi stories with moral : भाभी किस से पूछ कर आपने ये सोफा की जगह बदल दी नेहा की ननद रीना गुस्से मै बोली नेहा डर गई बोली दीदी मुझे लगा थोड़ी जगह बदलने से नया लुक आ जाएगा और सफाई भी हो जाएगी इसलिए मैने ..और आगे बोलती तब तक मांजी आ गई बोली … Read more

फुलवारी – विभा गुप्ता  : hindi stories with moral

hindi stories with moral :  ” आंटी….आप लोगों को ज़रूर आना है।” अपने पिता के साथ आई नित्या सुनंदा जी को निमंत्रण-कार्ड के साथ चार प्रवेश-पत्र(पास)देते हुए बोली।    ” कितने बजे का प्रोग्राम है बेटा..।”   ” आंटी…कार्ड में पूरी डिटेल है।बाय आंटी…।” कहकर वह जाने लगी तो गेट पर श्रीधर और महेन्द्र जी को देखकर बोली,” … Read more

जमाने की रफ्तार – बालेश्वर गुप्ता : hindi stories with moral

hindi stories with moral : अरे तुझे क्या पड़ी थी,क्यूँ इस लफड़े में पड़ा, राजेश तूने बहुत बड़ी गलती कर दी है।       मैंने ऐसा क्या कर दिया माँ?     होरी आया था,उसका बेटा अनिल  किसी दूसरी जात की लड़की के साथ गायब है।उसका कहना था कि उन्हें राजेश ने ही समर्थन भी दिया और पूरी शह … Read more

कैसा ये इश्क है ( भाग – 6) – संगीता अग्रवाल : hindi stories with moral

hindi stories with moral : ” केशव तुमने कुछ खाया आज या गुस्से के कारण भूख भी उड़ गई तुम्हारी !” घर आकर केशव को कमरे मे लेटा देख मीनाक्षी बोली। ” तुमसे मतलब !” केशव उखड़े स्वर मे बोला। “” चलो ना कही घूमने चलते है !” मीनाक्षी घर वालों के होते बात नही … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 18) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

“नमस्ते मामाजी”…. संपदा ट्रे रखती हुई अखबार वाले अंकल से कहती है। संपदा के नमस्ते कहने पर अंजना और अखबार वाले अंकल हड़बड़ा जाते हैं और अखबार वाले अंकल खड़े हो गए क्योंकि इन दो तीन सालों में इस घर में अंजना के अलावा किसी ने भी बात करने की आवश्यकता नहीं समझी थी और … Read more

अनजाने रास्ते (भाग-11) – अंशु श्री सक्सेना : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : बीतते समय के साथ वैदेही की प्रेगनेन्सी को लेकर यूनिवर्सिटी कैम्पस में तरह तरह की चर्चाएँ होने लगीं। साथी लेक्चरार और रीडर्स की तिरस्कार भरी बींधती निगाहें और व्यंग्यात्मक परिहास वैदेही का कलेजा छलनी कर जाते । छात्र छात्राएँ उसे मुड़ मुड़ कर देखते और मुँह फेर कर हँसते। परन्तु … Read more

अनजाने रास्ते (भाग-10) – अंशु श्री सक्सेना : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अयान के जाने के बाद वैदेही बिलकुल टूट गई। बार बार उसकी आँखों के सामने वही दृश्य घूम जाता, अस्तव्यस्त हालत में अयान और नजमा…नजमा का बेशर्मी से हँसना, उसकी अलमारी के बिखरे कपड़े…। वह डिपार्टमेंट क्लास लेने जाती और घर वापस आकर चुपचाप बिना खाये पिये पड़ जाती। डिपार्टमेंट … Read more

अनजाने रास्ते (भाग-9) – अंशु श्री सक्सेना : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : फिर उसका ध्यान वैदेही पर गया। वह नीलिमा जी से पूछ रही थी, “आपने वसु की कोई तस्वीर बाहर क्यों नहीं रखी है? दराज़ में, अल्बम में क्यों ?” “बेटा, कुहू की वजह से…वह इतनी छोटी है कि वह अपनी माँ को देखने और मिलने के लिए ज़िद करेगी…अभी उसको … Read more

अनजाने रास्ते (भाग-8) – अंशु श्री सक्सेना : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : घर की बालकनी में सूरज रोज़ हाज़िरी बजा रहा था और चाँद भी गाहे बगाहे वैदेही का हाल चाल लेने आ जाया करता था। ख़ाला की बेटी नजमा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के एम.ए. पॉलिटिकल साइंस में प्रवेश ले लिया और वह अक्सर सप्ताहांत पर अयान और वैदेही के घर आ … Read more

अनजाने रास्ते (भाग-7) – अंशु श्री सक्सेना : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : लगभग दस बाद अयान वह ख़ुशख़बरी लेकर आया जिसका वैदेही को बेसब्री से इंतज़ार था। ख़ाला के देवर ने दिल्ली से बुलावा भेजा था। वैदेही दिल्ली जाने की तैयारियों में जी जान से जुट गई। अयान की अम्मी इस बात से दुखी थीं कि वैदेही के कारण अयान को भी … Read more

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