“ये मेरे अपने हैं” – डॉ .अनुपमा श्रीवास्तवा
छोड़ दीजिये उनको ! उनका सही इलाज हो रहा है। जैसी करनी वैसी भरनी ! आकाश ,बेटा ऐसे क्यों बोले तुम? वह गैर थोड़े ही है जैसे भी हैं तुम्हारे चाचा हैं।रिस्तों का लिहाज मत भूलो बेटा ! आकाश अपनी भौ टेढ़ी करते हुए बोला-” पता नहीं आप किस मिट्टी की बनी हुई हैं। जितना … Read more