“ये मेरे अपने हैं”  – डॉ .अनुपमा श्रीवास्तवा

moral story in hindi

छोड़ दीजिये उनको ! उनका सही इलाज हो रहा है। जैसी करनी वैसी भरनी ! आकाश ,बेटा ऐसे क्यों बोले तुम?   वह गैर थोड़े ही है जैसे भी हैं तुम्हारे चाचा हैं।रिस्तों का लिहाज मत भूलो बेटा !  आकाश अपनी भौ टेढ़ी करते हुए बोला-”  पता नहीं आप किस मिट्टी की बनी हुई हैं। जितना … Read more

खुशियों की चाभी – : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज मीरा का मन बहुत अशांत था। बचपन और माँ बहुत याद आ रही थी । सुनने वाले बोलेंगे पचपन में बचपन क्यों याद आना..। पर शायद हर इंसान के दिल में एक बच्चा छुपा होता है,जब दिल पर चोट पड़ती तो, उसे अपना बचपन और माँ शिद्दत से याद … Read more

बात में दम तो है – : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : श्रुति कालेज से लौटी तो पता चला लड़के वाले आ चुके थे। मम्मी -पापा  उनकी खातिरदारी का काम अकेले ही संभाल रहे थे। भाभी कमरे में बंद थी… जानबूझकर.. हां उनका व्यवहार कुछ ऐसा ही था, परिवार में कोई भी काम पड़े,कमरा बंद करके पड़ी रहती थी।    मम्मी कहती … Read more

आत्मसम्मान – विभा गुप्ता

” कमली.., कल से तुम खाना-नाश्ता भी बना दिया करना, उसके लिये तुम्हें पाँच हज़ार और दे दिया करूँगा।ठीक है ना?” ” हाँ भाइया!” मनीष के पूछने पर कमली तपाक-से बोली।उसके चेहरे पर खुशी के भाव थें।सिंक में रखे बरतनों को साफ़ करते हुए वह मन ही मन कुछ हिसाब लगाने लगी। लेकिन पास खड़ी … Read more

एक बार फिर (भाग 26) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

शेखर प्रिया को बताता है कि उस पर अटैक उसकी एक्स गर्लफ्रेंड रिनी खन्ना के भाई विक्रांत खन्ना ने करवाया था और वह कह रही थी कि उसके पास कुछ ऐसा है जो वो तुम्हें दिखाएगी। कुछ ऐसा जिसके बारे में किसी को पता नहीं है। डिनर के बाद जब शेखर और प्रिया वापस रूम … Read more

लड़के वाले (भाग -10) – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : जैसा कि अभी तक आप सबने पढ़ा कि नरेशजी अपने बड़े बेटे उमेश के लिए लड़की शुभ्रा को देखने भुवेश जी के यहाँ आयें हुए हैं… सभी लड़के वालों को शुभ्रा पसंद आ जाती हैं… नरेशजी लड़की वालों को बुलाकर बात करने ही वाले होते हैं तभी उमेश कहता हैं… … Read more

अपराधबोध – बालेश्वर गुप्ता: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : भाई, तुमने अपने कदम पीछे क्यूँ खींच लिये थे,तुम तो मुझे बचाने चले थे,फिर क्या हुआ?काश मुझे हॉस्पिटल ही पहुँचा देते।मेरे परिवार का क्या होगा?       हड़बड़ा कर रमेश की आँखे खुल गयी।पसीने से तरबतर रमेश असहजता से उठ बैठा।सपने में दिखाई देने वाले व्यक्ति को वह पहचान गया था।उसको डर … Read more

होनहार बेटा – पूनम अग्रवाल

राम आज बहुत खुश हैं , खुश हो भी क्यों न ?आज उसके माॅं बापू गाॅंव से बंगलौर आ रहे हैं । अभी तीन महीने पहले की ही तो बात है जब उसने कामनी के साथ सात फेरे लेकर उसे जीवन संगिनी बनाया था । माॅं भी बहुत खुश थी ।शादी का सारा काम दौड़ … Read more

बात में दम तो है – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

श्रुति कालेज से लौटी तो पता चला लड़के वाले आ चुके थे। मम्मी -पापा  उनकी खातिरदारी का काम अकेले ही संभाल रहे थे। भाभी कमरे में बंद थी… जानबूझकर.. हां उनका व्यवहार कुछ ऐसा ही था, परिवार में कोई भी काम पड़े,कमरा बंद करके पड़ी रहती थी।    मम्मी कहती थी कि पहले बेटे का ब्याह … Read more

“आधा हिस्सा” – डॉ .अनुपमा श्रीवास्तवा

 राकेश बालकनी में बैठे एक हाथ में पेपर और दूसरे हाथ में मोबाईल लिए पता नहीं किस सोच में डूबा था। सामने टेबल पर चाय ठंडी हो रही थी पर उसका ध्यान…..। रिया ने पीछे से आवाज लगाई-” कहाँ ध्यान है आपका? चाय भी ठंडी हो गई। “ “रिया गाँव से पिताजी का फोन था।” … Read more

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