कभी किसी को मुक्कमल जहां नही मिलता- अंजना ठाकुर  : Moral stories in hindi

रिया और मीरा दोनों पक्की सहेली थी अपनी सभी बातें वो एक दूसरे को बताती थी ।मीरा की शादी हो गई और वो अपने ससुराल चली गई और दो साल बाद रिया की भी शादी हो गई अब उनकी बातचीत कम हो गई दोनों अपनी जिंदगी मै व्यस्त हो गई।

आज अचानक पांच साल बाद  बाजार मैं मीरा को देख रिया की खुशी का ठिकाना नहीं रहा ।वो जोर से मीरा के गले लग गई और बोली तू यहां कैसे ..!

मीरा ने बताया उसके पति का तबादला इसी शहर मैं हो गया है और अपने पति से मिलवाया उसके पति को देख रिया को अंदर से बुरा सा लगा एक दम लंबी कठ -काठी, गोरा रंग, और कपड़ों से भी अमीर लग रहा था ।मीरा को देख कर भी महसूस हुआ की उसका स्टैंडर्ड काफी ऊंचा है रिया से

रिया को खुद को देख अजीब सा लगा सस्ता सा सूट ,गरीबी सी हालत ।

मीरा और उसके पति उस से काफी अच्छे से मिले और दोनों ने एक दूसरे का नंबर  लिया बातों बातों मैं पता चला मीरा का पति एक बड़ी कंपनी मैं मैनेजर है जबकि रिया के पति एक छोटी कंपनी मैं थे रिया के एक बेटी भी थी कुल मिलाकर महीना थोड़ी खींच तान कर निकलता ।

रिया का पति दिल का भला इंसान था वो हर संभव प्रयास करता परिवार को खुश रखने का रिया को भी बहुत प्यार करता रिया अपनी जिंदगी मै खुद थी पर आज पहली बार उसे जलन सी हो रही थी ।

घर आकर भी वो अनमनी सी थी आज उसने घर की हर चीज को नोटिस किया तो महसूस हुआ की वो कितनी तंगहाल जिंदगी जी रही है बस मन मै कुंठा जाग गई ।

शाम को अनुज ऑफिस से आया तो उसने मीरा के बारे मैं बताया और ताना मारती हुई बोली तुमने अपनी क्या हालत बना रखी है थोड़ा ध्यान अपने उपर भी दो अभी से बूढ़े से लगने लगे ।

अनुज पहली बार ऐसे शब्द सुनकर चौंक गया ।फिर हंसते हुए बोला तो अब हम बूढ़े लगने लगे कहीं छोड़ने का इरादा तो नहीं क्योंकि तुम तो आज भी वैसी ही हो ।

मीरा का घर रिया के घर से ज्यादा दूर नहीं था मीरा को रिया की बेटी से मिलना अच्छा लगता तो वो अक्सर खुद आ जाती या रिया को बुला लेती मीरा अक्सर कहती तू कितनी खुशनसीब है तेरे पास सब कुछ है ।

पर रिया तो मीरा का दुख नहीं उसका रहन सहन देख रही थी उस दिन मीरा के घर गई तो देखती ही रह गई आलीशान घर पूरी सुविधा से भरा हुआ ।

ये देख उसे अपना दो कमरों का घर जेल की तरह लगने लगा ।अब। उसकी कुंठा बढ़ती गई और अब वो बात बात पर अपनी चिड़चिड़ाहट कभी अनुज कभी बेटी मिस्टी पर उतारती ।अनुज रिया मै आए परिवर्तन से हैरान था उसने कई बार पूछा तो गुस्से मै रिया बोलती तुम से शादी करके तो मेरी जिंदगी खराब हो गई एक भी सुख नही मिला ।मीरा को देखो कितनी सुखी है वो किसी चीज की कमी नही है ।

अनुज समझाता की किसी को देख कर अपनी जिंदगी खराब नही करनी चाहिए जो है उसमें खुश रहना सिखो नहीं तो जीना मुश्किल हो जायेगा पर रिया की समझ नहीं आता अब वो अच्छे अच्छे कपड़े खरीदने लगी जिस से मीरा से मिले तो पहन जाए और इस से घर का बजट गड़ बड़ होने लगा ।पर मीरा ने कभी उसके रहन सहन के बारे मैं कुछ नहीं बोला बल्कि यही कहती की तू कितनी खुश नसीब है ।

मीरा मिस्टी के लिए बहुत सा सामान लाती उसे मिस्टी से लगाव हो गया था।आज जब वो मिस्टी को गोद मै ले कर प्यार कर रही तो रिया ने पूछ ही लिया की तेरी शादी तो मुझसे पहले हुई थी फिर तूने बच्चा क्यों नहीं किया ।

सुनकर मीरा की आंख मैं आंसू आ गए ।बोली बहुत कोशिश करी सब इलाज करवा लिया सब जगह मन्नत मांग ली पर मेरे अंदर कुछ दिक्कत है तो मैं मां नही बन सकती ।

सुनकर रिया को दुख हुआ  बोली आजकल तो आईवीएफ से भी हो जाते है ।मीरा बोली सब ट्राई कर लिया अब गोद लेने का ही सोच रहे है वो भी आजकल इतना आसान नहीं है भगवान जाने कब मेरी सुनेगे पता है ये सब सुख सुविधा फीकी लगती है मनोज पर भी काम का ज्यादा बोझ है वो भी इतना समय नहीं दे पाते दिन भर घर काटने को दौड़ता है जब से तू और मिस्टी मिली है मैं खुश रहने लगी हूं ।

रिया ने मीरा को चुप कराया और हौसला दिया की जल्दी सब ठीक हो जाएगा ।लौटते समय यही सोच रही की मीरा मुझसे मिल कर खुश है और मैं उस से मिलकर दुखी हो रही थी सच कभी किसी को मुक्कमल जहां नही मिलता अनुज सही कहते है जो है उसमें खुश रहना चाहिए । मेरा परिवार पूरा है

ये भौतिक सुविधाएं तो कभी पूरी नहीं होती आज उसका बोझ उतर चुका था ।आज उसने प्रण किया की किसी की खुशी को देख कर जलेगी नहीं क्योंकि कई बार हम उसके दुख महसूस नहीं कर पाते ।।

#बेटियां जन्मोत्सव 6

कहानी #,5

स्वरचित

अंजना ठाकुर 

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!