शक का परिणाम – विभा गुप्ता  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi :  ” थोड़ी देर और बैठ जाइये, फिर सब साथ में चलते हैं।”     ” अरे नहीं माणिक,संध्या होने को आ गई और फिर तुम तो जानते ही हो कि…।” कहते हुए मिथिलेश बाबू एक ठंडी साँस भरते हुए उठे और अपने घर की तरफ़ जाने लगे।पीछे से उन्हें सुनाई दिया…     ” … Read more

शक की बीज (भाग 2)- कामिनी मिश्रा कनक  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : अदिति – जी मैम यही कारण भी था , परंतु मुझे क्या पता कि मेरे पिता के मन में शक की बीज पनप चुकी थी । विक्रम को मेरे कमरे से निकलते हुए देखकर , मेरे पिता ने मन घरण कहानी अपने अंदर गहन लिए थे । मैम- ओहो….. तुम्हारी … Read more

शक की बीज (भाग 1) – कामिनी मिश्रा कनक  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : आज काफी सालों बाद अदिति से मिलकर मन उदास सा हो गया , जिस अदिति को मैं जानती थी क्या वह अदिति यही है । नही , नही वह आदिति तो बहुत टैलेंटेड और स्मार्ट थी । आज जब मैं ट्रेन के फर्स्ट ऐ.सी. के डिब्बे  से उतर कर प्लेटफार्म … Read more

कुछ सीखो भाभी से…. (भाग 2)- रश्मि प्रकाश

सुनयना अपनी आदतानुसार जल्दी से साड़ी लपेट कर निकलने लगी…. ये देखते ही मनीष ने बिना ये देखे सामने कौन कौन है सुनयना को सुनाना शुरू कर दिया….,“ आज हमारे बेटे का जन्मदिन है थोड़ा तो ढंग से सज संवर लो… पर तुम तो निहायत ही….।” आगे कुछ कहता सासु माँ ने कहा ,“ठीक ही … Read more

कुछ सीखो भाभी से…. (भाग 1)- रश्मि प्रकाश

“ क्या यार सुनयना…. जब भी हम किसी पार्टी में जाते हैं तुम बस एक साड़ी लपेट लेती हो …. थोड़ा मेकअप किया करो…. घर में बस एक नाइटी डाल कर रहना… कहीं अचानक जाना हो तो एक सूट डाली और चल दी…. कहां मैं सोचता था मेरी बीवी एकदम टिपटॉप मिलेगी पर तुम तो … Read more

आज तो तूने मेरी माँ बन कर दिखा दिया बिटिया (भाग 2) – निभा राजीव “निर्वी”

सामाजिक कुरीतियों के समर्थन से अधिक उन्हें अपनी बिटिया की खुशी प्यारी थी। हर्ष के अतिरेक से परिधि की आंखें भर आईं। उसका प्रथम प्रेम राहुल उसके जीवन में जीवन संगी के रूप में पदार्पण करने वाला था। वह तो राहुल के अतिरिक्त कभी किसी और के विषय में सोच ही नहीं पाई थी। आज … Read more

आज तो तूने मेरी माँ बन कर दिखा दिया बिटिया (भाग 1) – निभा राजीव “निर्वी”

“अरे आप भी ना….आप अभी तक निमंत्रण पत्र बांटने नहीं निकले…. अखबार आता नहीं है कि हाथ धोकर उसके पीछे पड़ जाते हैं…. जल्दी जाइए ना! मुझे भी परिधि को लेकर गहनों की दुकान पर जाना है। कितने सारे काम पड़े हैं अनिकेत को भी साथ ले लीजिए, थोड़ी मदद होगी!”…. गीता जी ने स्नेहपूर्ण … Read more

दिव्या(भाग–2) : Moral stories in hindi

राघव के घर को फूलों से इस तरह से सजाया गया था, जैसे नई नवेली दुल्हन विदा होकर आ रही हो। दरवाजा फूलों की बेहद सुंदर माला और रंग बिरंगे आलोकों से सजा हुआ था। गहरे गुलाबी, लाल और हरा फूल भी एक नई नवेली दुल्हन की तरह उत्साहित थे। कमरे में फूलों की रंगीन … Read more

सिर्फ पत्नी हो गृहस्वामिनी नहीं (भाग 2 ) – रश्मि प्रकाश

शादी के बाद नंदनी ने महसूस किया कार्तिक बस अपने से मतलब रखता था ..उसे नंदनी से कोई मतलब नहीं था वो बस उसके घर में रहे काम करे और उसके माता-पिता का ख़्याल रखें ना उससे ज़्यादा वो कोई ख़्वाहिश रखें… कार्तिक अपने लिए जो चाहे खरीद लें पर जब नंदनी उससे कहती तो … Read more

सिर्फ पत्नी हो गृहस्वामिनी नहीं (भाग 1) – रश्मि प्रकाश

“ कितनी बार कहा है तुमसे इस घर के मामलों से दूर ही रहो… जब देखो तब अपनी नाक हमारे मामलों में घुसेड़ती रहती हो… अपना दिमाग़ मत चलाया करो…. बेकार का झमेला करना कोई तुमसे सीखें..।” ग़ुस्से में नितिन प्रिया  पर चिल्ला रहा था … ऐसे शब्द सुनकर नंदनी का खून खौल गया…जो आज … Read more

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