शक की बीज (भाग 1) – कामिनी मिश्रा कनक  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : आज काफी सालों बाद अदिति से मिलकर मन उदास सा हो गया , जिस अदिति को मैं जानती थी क्या वह अदिति यही है । नही , नही वह आदिति तो बहुत टैलेंटेड और स्मार्ट थी ।

आज जब मैं ट्रेन के फर्स्ट ऐ.सी. के डिब्बे  से उतर कर प्लेटफार्म पर जा रही थी। कि अचानक जनरल बोगी से दो, तीन बच्चों के साथ अदिति को उतरते देखा । उसे देख मानो ऐसा लगा जैसे  पैरों तले जमीन खिसक गई हो ।

झट मैं अदिति के पास गई , और उसकी मदद करने लगी , अदिति मुझे देखकर सहम सी गई और मुझे पहचानने से इनकार करने लगीं।

अदिति तुम ऐसी अवस्था में क्यों…???? ऐसा क्या हुआ तुम्हारे साथ इन 6 सालों में , 

अदिति नजरें झुकाए हुए आगे बढ़ने लगी ।

अदिति बोलो….. आंसर मी ……अदिति …. 

बिना तुमसे बात किए हुए मैं यहां से नहीं जाऊंगी ।

मेरी इन बातों को सुनकर अदिति के कदम रुक गए , और आंखों से आंसू बरसने लगे ।

अदिति – सॉरी मैम  , मैं आपको क्या बताऊं कि मेरे साथ 6 साल पहले क्या हुआ

 है । मैं जानती हूं  , आपने जिस अदिति को कॉलेज में देखा था और जिसे आज आप देख रही है उस में बहुत फर्क है ।

मैम- अदिति मुझे जानना है , तुम्हारे साथ ऐसा क्या हुआ । जिस कॉलेज की  टॉपर को मैं जानती थी , उसकी हालत आज ऐसी क्यों ……????? ऐसा क्या हुआ तुम्हारे साथ  ।

अदिति – मैम मेरे पापा के एक शक ने मेरी पूरी जिंदगी बर्बाद कर दी ।

मैम – वॉट……… तुम्हारे पापा तो ऐसे नहीं थे , तुमसे बहुत प्यार करते थे ।

अदिति – मैम मुझसे ज्यादा उन्हें आज भी अपना बिजनेस , अपनी सोसाइटी से प्यार है ।

मैम – क्यों अदिति ऐसा क्या हुआ जो उन्हें अपनी बेटी और बिजनेस में से बिजनेस को चुनना पड़ा और सोसाइटी के लिए तुम्हारी ऐसी हालत कर दिए हैं।

अदिति – एक रात मेरे पापा और मम्मी दोनों पार्टी में गए थे और मेरे सर में बहुत दर्द हो रहा था, तो मैं अपने पापा से पार्टी में जाने से मना कर दी , मुझे रेस्ट करना है, पापा मेरी बात मान लिए और मम्मी पापा दोनों पार्टी में चले गए ।

 जब पापा पार्टी से लौटकर घर आए तो विक्रम जो कि मेरे यहां नौकर था उसे मेरे कमरे से निकलते हुए देखा । उस वक्त पापा चुप रहे । वही गलती कर बैठे उसी वक्त अगर मुझसे पूछ लेते उनका शक मैं दूर कर देती ।

मैम- तो क्या हुआ अदिति ……. विक्रम तो तुम्हारे घर में नौकर था , वह तो किसी भी कमरे से आ जा सकता है ।

अदिति – हां मैम ….. आ जा सकता था , लेकिन उस वक्त विक्रम छुट्टी पर था , और वह अचानक उसी रात लौटकर आया जिस रात पापा और मम्मी पार्टी में गए हुए थे । जबकि उसे एक हफ्ते बाद आना था । 

मैम – अदिति हो जाता है ऐसा ……. 

हो सकता है विक्रम जिस काम के लिए गया हो , वह काम हो गया हो , इसीलिए वह जल्दी लौट आया होगा ।

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शक की बीज (भाग 2)- कामिनी मिश्रा कनक  : Moral stories in hindi

कामिनी मिश्रा कनक  

 

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