कुछ सीखो भाभी से…. (भाग 1)- रश्मि प्रकाश

“ क्या यार सुनयना…. जब भी हम किसी पार्टी में जाते हैं तुम बस एक साड़ी लपेट लेती हो …. थोड़ा मेकअप किया करो…. घर में बस एक नाइटी डाल कर रहना… कहीं अचानक जाना हो तो एक सूट डाली और चल दी…. कहां मैं सोचता था मेरी बीवी एकदम टिपटॉप मिलेगी पर तुम तो …. खैर पाँच साल से एक ही बात कह कह कर अब उब गया हूँ….कभी जो खुद पर ध्यान दे दिया करती…।” मनीष अपनी पत्नी के साधारण रहन सहन पर कभी कभी खींझ कर आपा खो बैठता था पर सुनयना भी क्या करें बेचारी को मेकअप करना हद से ज़्यादा भारी लगता था

वहीं उसकी बड़ी जेठानी मिताली फ़ुरसत से तैयार होती एकदम बन ठन कर जब वो किसी पार्टी में जाती तो सबकी वाहवाही पाती …. तब मनीष सुनयना को आँखें तरेरते हुए मानो कहता ,“सीखो कुछ भाभी से…।”

तब सुनयना का जी करता उलटें पाँव वो लौट जाए… 

जेठानी वो तो कुछ करती नहीं…..घर की सारी ज़िम्मेदारी सुनयना के मत्थे रहती…. घर के एक कमरे में मिताली अपनी एक दोस्त के कहने पर उसके साथ मिल कर बुटीक चलाती हैं तो दिन भर उधर ही रहती….एक सहायिका भी है घर के लिए पर मिताली उसे भी अपने कामों में उलझाए रखती है …. सुनयना बुलाना भी चाहे तो मिताली कह देती,” खुद कर लो ना सुनयना काम ही कितना होता है …।”

सुनयना कुढ़ती पर कुछ कह नहीं पाती उसके भी अपने दो छोटे बच्चे वो उनको देखे काम करे या खुद का ध्यान रखें….

आज भी देवर की शादी की रिसेप्शन पार्टी में जाने के लिए वो जल्दी से बच्चों को तैयार कर निकल रही थी कि पति मनीष के ऐसे कमेंट्स से दिल टूट सा गया…. एक पैर पर खड़ी हो काम करे… फिर खुद के लिए वक़्त कहाँ से निकाले …. सास भी सुनयना सुनयना करती रहती ….

खैर नई देवरानी घर आ गई…. हँसमुख मिलनसार स्वभाव की मीनल जल्दी ही पूरे परिवार में हिल मिल गई…. पूरे घर में सुनयना का ही नाम गुंजता देख समझ आ गया कि सुनयना भाभी पर पूरे घर की ज़िम्मेदारी रहती है…. वो उनकी मदद को जाना भी चाहती तो कहती ,“अभी तो आई हो … कुछ दिन के बाद करना… तब तक घर के लोगों के स्वभाव, रहन सहन और व्यवहार को समझो।”

मीनल के लिए तो दोनों जेठानियाँ ही थीं …. पर वो देख रही थीं बड़ी जेठानी जरा भी घर के कामों में छोटी जेठानी की मदद नहीं करतीं बस पूरा दिन अपनी बुटीक में बैठी रहतीं और हुक्म चलातीं….. सासु माँ भी अधिकांश कामों के लिए सुनयना पर ही निर्भर रहतीं…जेठानी का एक ही बेटा था उसे उन्होंने हॉस्टल में डाल रखा था…. पर सुनयना भाभी काम और बच्चों में पिसती रहती।

कुछ ही दिनों बाद सुनयना के बड़े बच्चे का जन्मदिन आया…. कुछ ही लोगों के साथ पास ही एक रेस्टोरेंट में पार्टी का आयोजन किया गया….
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