बेरंग से रिश्तों में रंग भरने का समय आ गया है – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral stories in hindi

  जबसे नैना रमन की जिंदगी में आई है… बहार सी आ गई है। दोनों की नौकरी एक ही मल्टीनेशनल कंपनी में… और सोने पर सुहागा एक ही महानगर में।  दिन भर लैपटॉप में आंखें गडा़ये… एक ही गाडी़ से वापसी… कुछ बाहर से मंगवा लिया या मिलजुलकर बना- खा लिया… हंसे बोले… अपने-अपने घर बात … Read more

अपना काम – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral stories in hindi

उसके आने से घर में सन्नाटा सा छा गया।अम्मा ने उसे सिर से पाँव तक घूर कर देखा।   साँवला रंग, तीखे नाक-नक्श ,गाल पर मचलते बालों का लट, कानों में लटकन, छींटदार सलवार कुर्ता  …स्टाइल से ली गई  आडी़ तिरछी चुन्नी  ऊंची ऐडी़ की सस्ती चमकदार सैंडल… बात-बात पर खिलखिलाती धवल दंतपंक्तियां। सीधी सादी अम्मा … Read more

यादों की पोटली – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral stories in hindi

कई वर्षों पश्चात मामा के गाँव आना हुआ। मेरे बचपन का ज्यादा हिस्सा इसी गाँव में बीता है। यहाँ का ताल-तलैया, बडा़ सा… कुमुदिनी कमल ककडी़ …बडी़ छोटी मछलियों से भरा हुआ तालाब… उसमें छलांग लगाकर घंटों अपने हम उम्र बच्चों के साथ जल क्रीड़ा करना… आम महुआ जामुन लीची बेर करौंदे  गुल्लर के बागीचे … Read more

हृदयपरिवर्तन – डाॅ उर्मिला सिन्हा: Moral stories in hindi

  मौसम के बदलाव का रुख भांपने में किसी न किसी को महारत हासिल रहता है और स्त्रियों को अपने घर-गृहस्थी में मेहमानों का आवागमन… शायद ही आनंदित करता हो।   नाक पर गुस्सा लिये मीता की बड़बड़ाहट चालू थी, “अब फिर वे लोग आने वाले हैं… खुद तो मौजमस्ती करेंगे… शामत आयेगी हमारी!” “कौन आ रहा … Read more

रिश्वत – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral stories in hindi

उपमा के ललाट पर पसीना छलक आया! सांसें फूलने लगी पकड़े जाने के भय से वे नीली पड़ गई…  “चोरी… हां चोरी ही तो है… दो मिठाईयों की चोरी… वह भी अपनों के घर में। “  मोतियाबिन्द से ऐसे ही आंखों की रौशनी धुंधली हो गई है… चारो ओर धुआँ सा दीखता है। आई थी … Read more

मेरा कसूर क्या था? – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral stories in hindi

 भैया ने कुछ शादी के कार्ड थमाते हुये कहा, “लगे हाथ इसे भी बांटते आना, छोटू तुम्हारे साथ जा रहा है… तुम्हारी मदद कर देगा। “ छोटे बड़े सामानों की सूची… पैसा भाभी ने मुझे पहले ही थमा दिया था… ड्राइवर गाड़ी में थैले रख रहा था। आज ही मैं आई हूं। भैया की बेटी … Read more

कसक – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral stories in hindi

   नीम की सूखी पत्तियां  आंगन में  चारों ओर फैली हुई थी। कई दिनों तक भागदौड़ के पश्चात नीम की छाँव में बैठते ही पारो  की आंखें लग गयी। शीतल मंद बयार…।   अपने इकलौते बेटेबहू को आज ही बहू के मायके पग फेरे के लिये भेजा है। अकेली जान हजारों काम। नैहर ससुराल… अडो़सी पडो़सी …सभी … Read more

कटी पतंग – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral stories in hindi

  हवाई यात्रा के दौरान केतकी की भेंट कलश से हुई थी। दरअसल दोनों सिंगापुर जा रहे थे अपने-अपने काम से। दोनों की पहली विदेश यात्रा थी। थोड़ा कौतूहल और घबडा़हट स्वाभाविक था।  प्लेन के उडते ही केतकी ने कमर की पेटी ढीली की… इधर-उधर नजरें दौडाई… बराबर के सीट से कलश उसे ही देख रहा … Read more

नई लहर – डाॅ उर्मिला सिन्हा: Moral stories in hindi

  शहर के नामी युनिवर्सिटी की शोध छात्रा जया को जब अपने टाॅपिक में  ग्रामीण पुरातन रीति-रिवाजों, संस्कृति पर अध्ययन करने का मौका आया… वह घबरा उठी। गांव-देहात की चर्चा उसने सिर्फ किताबों में पढी थी या सिनेमा के सुनहरे परदे पर देखा था। हीरो हीरोइन रंग-बिरंगे कपड़ों में पेड़ के इर्दगिर्द गीत गाते या नदी … Read more

एक पत्र – डॉ उर्मिला सिन्हा : Moral stories in hindi

short story in hindi

स्थान-गुलमोहर तले   दोस्त,  आज बरसों बाद मैं तुम्हें पत्र लिख रही हूं। गृहस्थी के मकड़जाल में कुछ ऐसी उलझी कि दीन-दुनिया ही भुला बैठी। अपना तन-मन धन सर्वस्व न्यौछावर कर बैठी अपने संसार को सुखमय बनाने के लिए।मन के किसी कोने में तुम्हारी याद क्षणभर के लिए ही सही विद्युत तरंगों की भांति चमक जाती … Read more

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