एक बार फिर (भाग 42 ) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

 शादी की तैयारियों के बीच प्रिया दी के घर चली जाती है। शेखर दी के घर जाता है और वहां पर ‌प्रिया के जीजा जी और शेखर शादी के बारे में डिस्कस करते हैं अब आगे डिनर के बाद जब शेखर निकलता है तो प्रिया उसे सी ऑफ करने आती है तभी उसे एक फोन … Read more

एक बार फिर (भाग 41 ) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

प्रिया शेखर को फोन पर बात करते हुए सुन कर डिस्टर्ब हो जाती है, पर शेखर उसे चिढ़ाते हुए बात को खत्म कर देता है प्रिया के जीजा जी को उसे लेने आना है अब आगे – शेखर के ऑफिस जाने के बाद प्रिया दादी और मम्मी के पास बैठ गई। राजेश तुम्हें लेने साढ़े … Read more

अनकहा बंधन (अंतिम भाग ) : Moral Stories in Hindi

सावी अस्पताल से अपने माता-पिता के साथ चली गई। जगन्नाथ जी अस्पताल से सतीश के साथ घर वापस आ ग‌ए। लता ने उनको देख कर गुस्से से अपना मुंह फेर लिया। खाने की टेबल पर सतीश चुपचाप सिर झुकाए खाना खा रहा था कि लता ने अपने तानों से से उसे बींध दिया। अच्छा हुआ … Read more

अनकहा बंधन (भाग–2) : Moral Stories in Hindi

सावी सतीश का इजहार- ए- मोहब्बत सुनकर बेहोश हो जाती है। उसे अस्पताल में एडमिट किया जाता है जहां डाक्टर उसकी हालत खराब बताते हैं। सतीश और उसके पिता जगन्नाथ जी अस्पताल में सावी के पास होते हैं।सावी की हालत देख सतीश बेहद दुखी हो जाता है वो उसकी इस हालत के लिए खुद को … Read more

अनकहा बंधन (भाग–1) – रचना कंडवाल : Moral Stories in Hindi

“हां मुझे मोहब्बत है उससे” सतीश बहुत जोर से चिल्लाया।  ये सुनकर सावी तो जैसे किचन में जम कर पत्थर की मूरत बन गई। चाय का कप उसके हाथ से नीचे गिर कर टूट गया। उसकी सास बेहद कर्कश स्वर में छाती पीट पीट कर चिल्ला रही थी। सुनते हो  सतीश क्या कह रहा है???  … Read more

एक बार फिर (भाग 40 ) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

शेखर प्रिया को नाइट ड्रेस गिफ्ट करता है प्रिया रिवीलिंग ड्रेस देख कर कहती है मैं इसे नहीं पहनूंगी जिससे शेखर नाराज हो जाता है। प्रिया उसका उखड़ा हुआ मूड देखकर ड्रेस पहन लेती है। वह बाहर आ कर चुपके से ब्लैंकेट ओढ़ कर लेट जाती है शेखर फोन पर किसी से बात कर रहा … Read more

सफर (लिहाज से तल्ख लहजे तक का) – रचना कंडवाल   : hindi stories with moral

hindi stories with moral : रागिनी की शादी को बीस साल हो चुके हैं। बीस साल पहले जब वो इस घर में दुल्हन बन कर आई थी तो घर में उसे बहू का दर्जा नाम का मिला।असल में एक निम्न मध्यमवर्गीय बड़े परिवार परिवार की बेटी को बहू बनाने के पीछे का जो असली कारण … Read more

एक बार फिर (भाग 39 ) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

प्रिया और शेखर की शादी के बाद अगले दिन बहुत खुशी का माहौल होता है। शेखर के पापा कंस्ट्रक्शन बिजनेस में पहली बार कदम रखते हैं डील फाइनल होती है। डिनर के बाद सभी आपस में बात करते हैं और शादी के फंक्शन के बारे में डिसाइड करते हैं कि तभी किसी अननोन नंबर से … Read more

एक बार फिर (भाग 38 ) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

शेखर और प्रिया की कोर्ट मैरिज के बाद अगली सुबह  दादी कहती हैं कि प्रिया और शेखर की शादी पूरे रीति-रिवाज के साथ की जाएगी बाकी रस्में भी परंपरागत ढंग से होंगी तब तक प्रिया को मायके भेज दिया जाए। दूसरी तरफ शेखर के पापा शेखर को साढ़े दस बजे ऑफिस पहुंचने को कहते हैं … Read more

एक बार फिर (भाग 37 ) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

शेखर और प्रिया कोर्ट में शादी कर लेते हैं। क्योंकि शेखर कहता है कि मैं तुम्हें अब मना करने का मौका नहीं दूंगा। प्रिया रेड साड़ी में घूंघट ओढ़े शेखर के रूम में बैठी हुई होती है आज उनकी फर्स्ट नाइट है अब आगे- उसके गालों का रंग साड़ी को मैच कर रहा था, शेखर … Read more

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