एक बार फिर (भाग 37 ) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

शेखर और प्रिया कोर्ट में शादी कर लेते हैं। क्योंकि शेखर कहता है कि मैं तुम्हें अब मना करने का मौका नहीं दूंगा।

प्रिया रेड साड़ी में घूंघट ओढ़े शेखर के रूम में बैठी हुई होती है आज उनकी फर्स्ट नाइट है अब आगे-

उसके गालों का रंग साड़ी को मैच कर रहा था, शेखर आया और उसने डोर बंद कर दिया।

हौले से उसका घूंघट उठाया और गुनगुनाते हुए कहा “अजी रूठ कर कहां जाइएगा जहां जाइएगा हमें पाइएगा”

“कोई ऐतराज ???” प्रिया की पलकें झुकी हुई थीं, वो लाज से सिमट गई।

हाय! इतना शरमा कर कहां जाओगी, कहते हुए उसने दिल पर हाथ रख लिया।

हर कोई आप जैसा बेशर्म नही होता प्रिया ने धीरे से कहा।

मैंने अपनी तारीफ सुन ली है, बेशर्म कैसे होते हैं??? अभी बताता हूं।

मैंने कहा था न तुम्हें पाने के लिए मैं हद से गुजर जाऊंगा।

हां आप तो ऐसे ही हैं, प्रिया ने मुंह फेर कर धीरे से कहा।

मेरी जान गुस्सा करने के लिए तो पूरी जिंदगी पड़ी है आज के दिन तो बख्श दो।

कह कर शेखर ने मुस्कराते हुए उसे अपनी बाहों में कस कर उसका माथा चूम लिया।

सुनो, आज तुम्हें मुंह दिखाई में क्या दूं??? अब तो कह दो।

प्रिया का शर्म से सिमटना उसे अंदर ही अंदर गुदगुदा रहा था।

चलो मुंह दिखाई में मैं तुम्हें खुद को ही दे देता हूं, उसने उसे छेड़ते हुए कहा।

मैं…प्रिया के मुंह से बड़ी मुश्किल से निकला। मैं क्या बोलो??? उसने धीरे से उसकी पीठ पर हाथ रख कर बड़े प्यार से पूछा, उसके बदन की सिहरन वह महसूस कर रहा था।

“मुझे कुछ नहीं चाहिए” प्रिया ने धीरे से सिर झुकाए हुए कहा।

शादी की है तो गिफ्ट तो लेना ही पड़ेगा और मुझे तो बहुत कुछ चाहिए, उसने करीब हो कर  उसकी गर्दन पर झुकते हुए कहा।

उसके स्वर की गहराई प्रिया को महसूस हो रही थी।

रोकोगी तो नहीं, मैंने बहुत इंतजार किया है इस पल का

जानती हूं, आपने ये सब करने के लिए ही इतनी जल्दी मचाई, प्रिया ने कहते हुए मुंह घुटनों में छिपा लिया।

क्या करने के लिए ?? उस ने प्रिया के कान पर एक चुम्बन लिया।

प्रिया घबरा उठी, क्या आज हम बात नहीं….. आधे शब्द गोल हो ग‌ए।

आज सब कुछ होगा, बातें भी और मेरे इरादे भी सब पूरे होंगे

घबरा रही हो??? वह मिस्टीरियस तरीके से बोला

मैंने ये आठ महीने कैसे गुजारे?? पल पल तड़पा हूं तुम्हारे लिए।

वो सब सूद समेत वसूल करूंगा वो खड़ा उठा और उसने  लाइट्स ऑफ कर दी।

रूम को बेहद खूबसूरती से तैयार करवाया गया था सफेद और लाल गुलाब की पंखुड़ियां सब तरफ बिखरी हुई थीं।

जो रूम के व्हाइट गोल्ड कलर थीम को कांम्पलीमेंट कर रही थी। भीनी खुशबू से मदहोश कर देने वाला शमा तैयार किया गया था।

गोल्डन कलर के शमादान में जलती कैंडिल्स की रोशनी में वातावरण रूमानी महसूस हो रहा था।

प्रिया का चेहरा कैंडिल्स के रोशनी में दमक उठा। शेखर पल भर के लिए उस खूबसूरती में खो गया फिर अचानक से संभल कर करीब आ कर उसने उसे बाहों में भर लिया, उसके होंठों के स्पर्श से प्रिया का चेहरा शर्म से लाल हो गया उसने निर्विरोध अपने आपको उसकी बाहों में सौंप दिया।

क्योंकि आज तो वो हक हासिल कर चुका था।

शेखर के हाथ उसके शरीर को कोमलता से छू रहे थे कोई जबरदस्ती नहीं थी।

सुनो! वो उसके कान के पास मुंह ले आया, उसकी आवाज में नरमी थी, प्यार था।

जी, प्रिया ने लरजती आवाज में कहा।

आज मेरा इश्क मुक्कमल कर दो।

हमारे बीच में इनकी क्या जरूरत है?? उसने उसके कपड़ों की तरफ देख कर शरारत से कहा।

दोनों के बीच समर्पण का नया अध्याय जन्म ले रहा था।

सांसों की गर्मी और चुंबनों की तपिश से एक दूसरे में मिल कर पति पत्नी के रिश्ते का जन्म हो चुका था।

पूर्ण तृप्ति का अहसास होते ही शेखर ने प्रिया के इर्द-गिर्द

अपनी बाहों का मजबूत घेरा कस दिया।

‌उसने प्यार से प्रिया के माथे को चूमा और उसे सीने से लगा कर आंखें बंद कर ली।

प्रिया ध्यान से उसे देखती रही कुछ लम्हे यूं ही गुजर गए।

फिर उसने शेखर के सीने पर एक किस किया और उसकी बांह पर सिर रख लिया।

ये रात हर विवाहित जोड़े के जीवन में खास होती है। एक दूसरे को पूर्ण रूप से पाकर दोनों खुश थे।

सुबह उसकी नींद खुलने में देर हो गई। वह हड़बड़ाई उसने पलट कर शेखर को देखा जो औंधे मुंह लेटा हुआ सो रहा था। प्रिया ने चुपके से अपनी साड़ी लपेटी और बाथरूम में चली गई।

उसने खुद को मिरर में देखा अपनी नेक पर बने लव बाइट पर हाथ फेरा और मुस्कुराते हुए बाल समेट कर ब्रश करने लगी।

यही कोई पच्चीस मिनट के बाद वह बाहर आई, उसकी आहट से शेखर की नींद खुल गई।

वो नहा धोकर बिल्कुल फ्रैश लग रही थी उसके बाल गीले थे, शेखर की जल्दबाजी की वजह से उसका सामान रूम में नहीं आया था।

उसने शेखर का बाथरोब पहन लिया था जो ओवर साइज था।

शेखर उसे देख कर मुस्कराया और उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया जैसे ही उसके हाथ बाथरोब की तरफ बढ़े प्रिया ने उसे और कस कर लपेट लिया।

शेखर की आंखों में शरारत देख कर उसने अपना हाथ छुड़ा लिया।

अब आप बताइए मैं बाहर कैसे जाऊं? मेरा लगेज भी पता नहीं कहां रखा है।

बाहर क्यों जाना?? और कपड़ों की क्या जरूरत है??? शेखर उसे देख कर मुस्कराया।

प्रिया का चेहरा गुलाबी हो गया।

हां, मुझे पता था आप ऐसे ही कहेंगे, प्रिया सिर झुका कर बोली।

घर में सब क्या कहेंगे??? सुबह इतनी देर तक कौन सोता है???

मैं सोता हूं, वो उसके चिढ़ने को एन्जॉय करने लगा

आप भी उठिए फ्रैश हो कर नीचे चलते हैं सब इंतजार कर रहे होंगे।

इतने में डोर पर नॉक हुआ प्रिया घबरा कर ड्रेसिंग रूम में चली गई।

शेखर ने फुर्ती से ड्रैसिंग गाउन पहन कर डोर खोला।

मॉम!

शेखर की मॉम खड़ी थीं, प्रिया का सामान है, और ये साड़ी के साथ पूरा सैट है उसे कहना कि आज ये साड़ी पहन ले।

शेखर की मॉम उसे देखकर मुस्कुराते हुए चली गईं।

शेखर ने डोर बंद कर दिया।

शेखर ड्रेसिंग रूम में गया,प्रिया चुपचाप खड़ी थी। उसने लपककर उसे जकड़ लिया।

प्लीज! आओ ना, उसने उसके होंठों को उंगलियों से छुआ।

कहां??? प्रिया उसकी बाहों में कसमसाई,

और कहां,वो धीरे से उसके कान में बोला समझ रही हो न???

नहीं समझी तो समझा देता हूं।

छोड़िए मुझे नीचे सब इंतजार कर रहे हैं, उसका चेहरा सुर्ख हो गया।

क्यों मेरी जान की दुश्मन बनी हुई हो??? शेखर ने उसे पूरी ताकत से अपने सीने में भींच कर कहा।

शेखर आज वैसे भी आपने पूरी रात सोने ……. प्रिया के शब्द होंठों में ही थे पर शेखर ने सुन लिया।

फिर शादी क्यों की ?? शेखर मुस्कराया।

आपने सब जगह मनमानी की, प्रिया उसके दोनों हाथों के बीच में फंसी हुई थी।

इतने में इटंरकाम बीप कर उठा।

देखा मैं कह रही थी न प्रिया ने उसकी पकड़ से छूटने की कोशिश करते हुए कहा।

सब मेरे रोमांस के दुश्मन हैं, कहते हुए शेखर ने प्रिया को छोड़ दिया।

जाइए आप बोलें कि आ रहें हैं।

मैं तब तक तैयार होती हूं।

इटंरकॉम पर मॉम थीं, शेखर तुम सोते रहो मेरी बहू को नीचे भेज दो।

वो फटाफट से ड्रेसिंग रूम की तरफ मुड़ा डोर क्लोज था।

डोर खोलो प्रिया!

मैं साड़ी पहन रही हूं, प्रिया ने अंदर से जवाब दिया।

तो मैं क्या कर रहा हूं, मुझे अपने कपड़े चाहिए।

देखो! अगर डोर जल्दी नहीं खुला तो सोच लो बाहर भी तुम यहीं से आओगी।

प्रिया ने डोर खोल दिया। हॉट पिंक, गोल्डन कलर की साड़ी में उसका हुस्न निखर आया था वो साड़ी बांध रही थी। शेखर ने आव न देखा ताव उसे पीछे से बांहों में भर लिया उसका एक हाथ  प्रिया के पेट पर था।

चलो मैं तुम्हें साड़ी पहना देता हूं उसने कान पर किस करते हुए कहा।

तब तो पहन चुकी मैं साड़ी। वैसे जनाब ने अब तक कितनी साड़ियां पहनाई हैं।

गिनती नहीं है, उसने प्रिया के पेट को हल्के से सहलाया।

शेखर! प्रिया उसकी तरफ घूमी

अच्छा एक किस तो कर लूं ???  जैसे मैं मना करूंगी तो आप रूक ही जाएंगे।

Wow, बहुत अच्छे से जानती हो।

कहते हुए उसने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए।

कुछ सेकंड बाद प्रिया ने उसे पीछे किया। 

शेखर दीवार से टिक कर उसे देखने लगा,

सोचा नहीं था कि सुबह इतनी खूबसूरत हो सकती है।

प्रिया मिरर के सामने खड़ी हुई अचानक से उसने फटाफट से अपना बैग खोला उसमें से गोल्डन हॉल्टर नेक ब्लाऊज निकाला और ड्रेसिंग रूम में जाने लगी।

क्या हुआ?? शेखर ने उसकी तरफ देखा

ये जो पहना हुआ है वह बहुत खूबसूरत और सेक्सी लग रहा है चेंज क्यों कर रही हो?? डीप नेक ब्लाऊज में उसकी बैक बहुत खूबसूरत लग रही थी।

आपको कोई और काम नहीं है???

नहीं तुम्हारे सिवा कोई काम नहीं है।

लाओ तुम्हारी हैल्प कर देता हूं।

कल आपने बहुत ज्यादा हैल्प की थी इस वजह से ही चेंज कर रही हूं।

शेखर ने उसकी नेक पर पड़े लव बाइट को देखा और मुस्कुरा दिया।

यही तो प्यार है??

हां आपका “सो ‌कॉल्ड प्यार”

प्रिया ने आंखों में काजल लगाते के बाद माथे पर सिन्दूर लगा कर लुक कम्पलीट किया।

तुम्हें मेकअप की कोई जरूरत नहीं है।

प्रिया शरमा कर मिरर के सामने से हट ग‌ई।

मैं जा रही हूं आप भी जल्दी नीचे आ जाइए।

प्रिया नीचे डाइनिंग हॉल में आई उसने सबके पैर छुए।

दादी और मॉम की नजरें उस पर टिक गई।

बहुत खूबसूरत लग रही हो बेटा मम्मी ने प्यार से उसका माथा चूम लिया।

साहबजादे अभी तक सो रहे हैं??? शेखर के पापा ने मुस्कराते हुए पूछा

प्रिया ने मम्मी की तरफ देखते हुए धीरे से कहा,वो शावर ले रहे हैं,आते ही होंगे।

शेखर भी आकर दादी के गले से लिपट गया दादी ने उसे देख कर मुंह बनाया।

शेखर! बहू के साथ जा कर मंदिर में जाकर शीश नवाओ।

दोनों मंदिर में ग‌ए दादी और मम्मी दोनों साथ थीं। देवी मां के समक्ष दोनों ने दीप जलाकर आशीर्वाद लिया।

दादी ने प्रिया को आशीर्वाद दिया “जल्दी से मुझे पड़पोते का मुंह दिखा दो”

दादी अगर बेटी हुई तो शेखर ने मुस्कराते हुए प्रिया की तरफ देखा।

प्रिया ने मुंह फेर लिया, तभी मम्मी ने उसकी पीठ पर हाथ रखा, पड़पोता मांजी को चाहिए, मुझे तो पोती चाहिए वो भी मेरी बहू जैसी

देखते हैं मांजी जीत किसकी होगी ???

डाइनिंग टेबल पर मम्मी और दादी आपस में बात करने लगे।

शादी की बाकी रस्में कब की जाएं??

मांजी, मैं भी यही सोच रही हूं आपके लाड़ले ने तो अजीब सिचुएशन पैदा कर दी है।

शादी तो हो चुकी है और बाकी रस्में पंद्रह दिनों बाद करेंगे, जब शादी पूरे रीति-रिवाज के साथ होगी।

तब तक प्रिया को उसके मायके भेज देते हैं।

ठीक है बेटा?? दादी ने प्रिया की तरफ देखते हुए कहा।

जी दादी! प्रिया ने हां में गर्दन हिलाई।

ये सुनते ही शेखर जो अभी तक नाश्ते में मशगूल था उसने चौंक कर दादी की तरफ देखा।

इसकी क्या जरूरत है??

शादी तो हो चुकी है।

तुम तो चुप ही रहो सारे रीति-रिवाज ताक पर रख कर अभी भी तुम्हें मनमानी करनी है, दादी चिढ़े हुए स्वर में

बोलीं।

शेखर ने नाश्ता छोड़ कर चुप्पी साध ली।

प्रिया ने चोरी से उसकी तरफ देखा वो लगातार उसे ही घूर रहा था।

शेखर नाश्ता करो  मम्मी उसे देखते हुए बोलीं।

“नो मॉम आई फिनिश्ड”

उसने सख्त लहजे में कहा।

शेखर! उसके पापा ने गंभीर स्वर में कहा, आज बोर्ड मेंबर्स की मीटिंग है उसमें तुम्हारा रहना जरूरी है। 

10.30 ऑफिस पहुंच जाओ।

शेखर ने डायनिंग टेबल से उठते हुए प्रिया को आवाज दी और तेजी से स्टेयर्स चढ़ने लगा।

उसकी चाल और मुखमुद्रा से दिख रहा था कि वो गुस्से में है।

ये लड़का बस अपने मन की करना चाहता है, दादी उसे देखते हुए बोली।

प्रिया जाकर उसे देखो।

जी, प्रिया भी शेखर के पीछे पीछे स्टेयर्स चढ़ने लगी।

क्रमशः

©®  रचना कंडवाल

एक बार फिर (भाग 36 )

एक बार फिर (भाग 38 )

6 thoughts on “एक बार फिर (भाग 37 ) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi”

  1. Thank❤🌹🙏 very much ma’am ki aapne is story ko continue kiya…. Please🙏🙏🙏 isi trh story continue rkhiye… And please next part jldi upload kijiyega ☺….

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  2. Rachna ji really like the story 😍😍 there is a request koi sad ending mat karna. Happy ending mood boost karti hai .sad ending depression deti hai. All the best wishes

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