कायापलट – डॉ संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

निहारिका कितनी खुश थी जब उसके पिता ने उसे राजवीर की फोटो दिखाई थी,एक फौजी से शादी करने का सपना बचपन से उसकी आंखों में पलता था और राजवीर जैसा बांका नौजवान,सजीला व्यक्तित्व और हिम्मती आर्मी ऑफिसर उसे दूसरा न मिलता,ये बात उसे उसकी फोटो देखकर समझ आ गई थी। एक बिजनेसमैन परिवार की बेटी … Read more

जब आंख खुली तो… – डॉ  संगीता अग्रवाल  : Moral stories in hindi

खा ले बेटा खाना!राधा ने गुहार लगाई थी मोनू से जिसका आखिरी पेपर था आज और  वो गुस्से में फूल कर कुप्पा हुआ बैठा था कि कितने दिनों से कह रहा हूं कि दोस्तों के साथ घूमने पिकनिक पर जाना है तो रुपए चाहिए पर आप के कान पर जूं ही नहीं रेंगती। बेटा!तू समझता … Read more

बदसूरत कौन? – डॉ  संगीता अग्रवाल: Moral stories in hindi

क्या?तुझे घर से निकाल दिया रचित ने?वो ऐसा कैसे कर सकता है?ललित गुस्से से चिल्लाते हुए बोले। सामने उनकी बेटी श्यामा मुंह लटकाए खड़ी थी,जब से उसकी शादी रचित से हुई थी,वो दुखी ही रहती थी,कभी दहेज को लेकर,कभी फूहड़ कहकर तो कभी कोई और कमी निकाल कर वो उसे तंग ही करता रहता था … Read more

ये कैसी सोच? – डॉ संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

बधाई हो मिसेज गुप्ता!शालिनी ने बराबर वाले फ्लैट वाली अपनी पड़ोसन रेखा गुप्ता को मुबारकबाद देते कहा। बहुत धन्यवाद जी!मिसेज गुप्ता मुस्कराते हुए बोली। आइए!एक प्याला चाय तो पीते जाइए।मुंह भी मीठा कीजिए,आप तो फंक्शन में आ ही नहीं पाई। जी…जरूर…आपने तो मेरे मुंह की बात छीन ली,मेरा भी दिल था कि आपसे बातचीत करूं, … Read more

वटवृक्ष – डॉ  संगीता अग्रवाल  : Moral stories in hindi

रामदीन जब से रिटायर हुए थे,बहुत खुश थे, कितनी ही योजनाएं बना रखीं थीं उन्होंने इस समय के लिए,जब काम से  फ्री हो जाऊंगा,सब दोस्तों के साथ एक बार वैष्णो देवी की यात्रा पर जरूर जाऊंगा। बेटा अजय चेताता उन्हें,”पिताजी!इस उम्र में चढ़ाई नहीं कर पाएंगे,छोड़िए!कहीं और घूम आइए आप।” पर वो हंसकर कहते,”तू फिक्र … Read more

तेरे मेरे बीच में – डॉ संगीता अग्रवाल: Moral stories in hindi

मयंक,बहुत उदास था आज,रह रह के उसे ये ख्याल परेशान कर रहा था कि वो घरवालों से और चांदनी से कब तक ये बात छुपा पायेगा कि कोरोना के चलते रिसेशन की मार का शिकार वो भी बन चुका था। अपने घर से वो ठीक टाइम  निकलता और देर शाम घर पहुंच जाता। चांदनी,जिससे उसकी … Read more

पगली – डॉ संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

सब लोगों का झुरमुट लग गया था उस विशाल बरगद के पेड़ के चारों ओर,रेलवे स्टेशन की भीड़भाड़ आज ,अचानक उस चबूतरे के चारों ओर थी जहां वो “पगली “बैठा करती थी रोजाना, जाड़े, गर्मी,बरसात,कैसा भी मौसम हो वो वहीं रहती, दीन दुनिया से बेखबर,उलझे बाल,फटी हुई धोती पहने,धंसी हुए बेनूर आंखों से शून्य में … Read more

छलका सब्र का प्याला – डॉ संगीता अग्रवाल: Moral stories in hindi

मोहित की लव मैरिज हुई थी प्रिया के साथ,संग ही काम करते थे,फिदा हो गया था मोहित प्रिया की खूबसूरती पर।थोड़ी नखरीली जरूर थी लेकिन मोहित को लगता था कि वो दिल की अच्छी है,जल्दी ही उनके घर में एडजस्ट हो जायेगी। घर में ले दे कर एक मां ही तो थीं मोहित के,और मोहित … Read more

अब मान भी जाओ – डॉ संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

दीपक!आओ बेटा,बड़े अच्छे वक्त पर आए हो,चाय ही बना रही थी मैं,सुधा देवी ने प्यार से कहा। नहीं आंटी, मै पी के ही चला था,फिर कभी…वो संकोच करता बोला। मुझे मां समान मानता है न तू,फिर ये संकोच कैसा?सुधा देवी ने जबरदस्ती उसे चाय पकड़ा दी। लो इसकी पसंद के मिर्च के पकोड़े भी दो … Read more

सबक – डॉ संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

हुर्रे!हम पिकनिक पर जा रहे हैं..खुशी से उछलते हुए शिवम ने कहा तो उसकी बहन रिदिमा चौंक गई। “क्या सच में?”पापा तो कह रहे थे कि ये उनकी ऑफिस ट्रिप है वो हमें साथ नहीं ले जा सकते? नहीं..दीदी!मैंने रिक्वेस्ट की तो पापा को मानना पड़ा।शिवम खुश होता बोला। चल पगले!ऐसे भी कहीं होता है, … Read more

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