जीवन का सवेरा (भाग – 2) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

आरुणि शीशे से रोहित को जाता हुआ देखती हुई बुदबुदाती है, “कन्फ्यूजड है ये बंदा। महादेव की इच्छा हुई कि इसका दिमाग संतुलित हो जाए तो फिर से यही भेज देंगे.. आरुणि कैफे.. आरुणि से मिलवाने”…जी हाँ.. बिल्कुल सही सुना आपने.. ये आरुणि का कैफे है… इसीलिए वो हमेशा यहाँ मिलती है। रोहित होटल में … Read more

जीवन का सवेरा (भाग – 1) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

आसमान में मद्धम मद्धम चमक रहे सूरज के साथ बारिश की बूँदों से नहाया रोहित जल्दी जल्दी पैर बढ़ाता कैफे के सामने रुकता है। रोहित खुद से भागने की कोशिश में पचमढ़ी आया था, खुद के बारे में रोहित की यही सोच है। छींकते हुए रोहित को एक अदद गर्म कॉफी की तलब हो रही … Read more

प्रेम का बंधन – आरती झा आद्या  : Moral stories in hindi

“भैया ये घर मत बेचो, अंकल यहीं रहते थे, वो अभी भी यहीं हैं। जब तक मैं हूॅं, घर की देख रेख करुॅंगा। आप इसके लिए मुझे कोई मेहनताना मत देना, बस जब तक मैं यहाॅं हूॅं, अंकल की यादों को मत बेचो।” उमंग बार बार रोते हुए विजय के दोनों बेटों अभिनव और अभिषेक … Read more

मन का तकरार – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

यह तो बिल्कुल मेरे जीवन की ही कहानी है। पत्रिका में छपी एक कहानी पढ़ते पढ़ते नीना खो सी गई थी, शादी के तेईस साल बाद भी उसके पति भी तो इसी तरह हर बात में “दिक्कत है तो अपना रास्ता देख लो”, कहते हिचकते नहीं है और वो तनाव से भर उठती है और … Read more

रिश्ते को भी रिचार्ज करना पड़ता है (भाग-5) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

वह उन्हें देखते हुए मुस्कराते हुए कहती है, “क्या हो गया, सबके हाथ रुक क्यों गए। हाँ, रसोई के साथ-साथ जीवन को भी नमक मिर्च के सही अनुपात के साथ बनाना काफी महत्वपूर्ण होता है। जीवन में सामाजिक, आर्थिक और नैतिक पहलुओं को सही रूप से संतुलित रखा जाना चाहिए, क्यों नवीन गलत कह रहे … Read more

रिश्ते को भी रिचार्ज करना पड़ता है (भाग-4) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

“देख सुरेंद्र समय ने करवट ले ली है। हमारा छोड़, अब तो तेरा वाला समय भी नहीं रहा। अब बच्चों की रजामंदी से ही उनके जीवन का निर्णय लेना उचित है।” सुरेंद्र जो कि दो दिन बाद ही गाँव आता है.. उससे सुचित्रा कह रही थी।  “अम्मा अपनी बिरादरी की लड़की होती तो कोई दिक्कत … Read more

रिश्ते को भी रिचार्ज करना पड़ता है (भाग 3) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

“दिल्ली प्रोद्योगिकी संस्थान… मेरे ख्वाबों की ताबीर, जिसके लिए मैंने दिन-रात एक करके मेहनत की थी और जहाॅं मुझे पहुँचाने आप सब चले थे। तब मैंने सोचा नहीं था कि वहाँ कोई ऐसी मिल जाएगी जो मेरे दिल दिमाग, मेरी जिन्दगी के दरवाजे पर बिन दस्तक दिए दाखिल हो जाएगी। आप तो जानती ही हैं, … Read more

रिश्ते को भी रिचार्ज करना पड़ता है (भाग 2) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

“अम्मा कल हमलोग शहर जा रहे हैं। नीतू की कक्षाएँ परसों से शुरू होने वाली है।” नवीन की माँ आशा चाय देती हुई कहती है।  “अच्छा, खूब मन लगाकर पढ़ बचिया। पढ़ लिख जाएगी तो जिंदगी बन जाएगी।” सुचित्रा जी चाय के घूंट के साथ कहती हैं।  तुम्हारे ही पढाई पढ़ाई की जिद्द के कारण … Read more

रिश्ते को भी रिचार्ज करना पड़ता है – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

सुचित्रा जी के चेहरे पर आज एक अद्भुत उत्साह और खुशी का संगम था। उनकी ऑंखों में चमक थी और मुस्कान ने उनके चेहरे पर चमक बिखेर दी थी। पचहत्तर साल की उम्र के बावजूद, उनके पैर नृत्य करते हुए खुशी से उछल रहे थे, जैसे कि वे अपने सपनों के साथ एक नए युग … Read more

धिक्कार – आरती झा ‘आद्या’ : Moral stories in hindi

“देखिए मिसेज दत्ता, मैं आपको अधिक से अधिक दवा ही दे सकती हूॅं। आपकी दिनचर्या तो आप ही सुधार सकती हैं। देखिए आपका कोलेस्ट्रॉल, शुगर सब की रिपोर्ट गड़बड़ है। सुबह-शाम की नित्य सैर आपके लिए, आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही आवश्यक है।” डॉक्टर माया क्लिनिक में नीरा दत्ता की रिपोर्ट्स देखती समझा रही … Read more

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