बेबी चांदनी (भाग 4) – सीमा वर्मा

चांदनी को पेटिंग थमाते वक्त ही चित्रा ने नोटिस कर लिया था। चांदनी असहज हो गयी है। लेकिन टोकना सही नहीं जान कर चुपचाप ही रही। परंतु इस एकांत में चांदनी की अपनी ममा से इस तरह की बातें और फिर उसका लड़खड़ाना चित्रा को स्वाभाविक नहीं लगा। उसने चांदनी को थाम कर गिरने से … Read more

बेबी चांदनी (भाग 3) – सीमा वर्मा

मेडिकल कॉलेज की ऊंची ईमारत इस समय रात के अंधेरे  में डूबी हुई है। चित्रा हैरान चांदनी को अकेली न छोड़ उसके हाँथ पकड़ कर बाहर ले आई है। सच में संसार में मित्रता से बढ़ कर और कोई नाता नहीं होता है। चांदनी भी कुछ  देर के लिए अपनी अफाट निराशा और चिंता को … Read more

बेबी चांदनी (भाग 2) – सीमा वर्मा

बेबी चांदनी की आंखों में रहस्य के काले घेरे उभरने के पहले ही मम्मी ने एक गाड़ी वाले अंकल की सिफारिश से उसका दाखिला शहर से दूर बने इस बोर्डिंग स्कूल में करवा दिया था। जिसके चारो ओर दूर-दूर तक कोई घनी आबादी नहीं थी। वह छुट्टियों में भी घर नहीं जा कर यहां ही … Read more

बेबी चांदनी (भाग 1) – सीमा वर्मा

सांवली-सलोनी और घनेरी जुल्फों वाली चांदनी ने जब से देखना शुरू किया है तभी से कदाचित सोचना भी प्रारंभ किया है। इस वक्त वह हॉस्टल की सीढि़यों पर बैठी अपनी दोनों हथेलियों में चेहरे को छुपाये अन्तर्द्वन्द से उबरने की पुरजोर कोशिश कर रही है। उसे घर और मम्मी की बहुत याद आ रही है। … Read more

रिक्त स्थान (भाग 35) – गरिमा जैन

पूरे चांद की रात थी और कमरे में बिखरी चांदनी में रेखा संगमरमर सी तराशी  बहुत खूबसूरत लग रही है ।आज उसने सफेद रंग की पोशाक पहनी है ।वह बिल्कुल परी लोग से उतरी कोई अप्सरा लग रही है। बहुत दिनों के बाद आज रेखा का मन काफी हल्का है। इधर काफी दिनों से दिल … Read more

रिक्त स्थान (भाग 34) – गरिमा जैन

भारत माता की जय रेखा ने सब को संबोधित करते हुए जैसे ही यह नारा लगाया पूरा हॉल भारत माता की जय से गूंज उठा। रेखा धीरे से मुस्कुराई।तभी किसी ने उससे एक बड़ा तीखा प्रश्न किया ” तो आप भी एक फेमिनिस्ट है??” रेखा ने मुस्कुराते हुए बहुत अच्छा उत्तर दिया उस प्रश्न का। … Read more

रिक्त स्थान (भाग 33) – गरिमा जैन

उस हादसे को बीते आज 2 हफ्ते हो चुके लेकिन उसकी कड़वी यादें आज भी रेखा की मन पर छाई रहती हैं। जितेंद्र रेखा से कुछ कटा कटा सा रहने लगा है। रेखा क्या करें!! वह समझ नहीं पाती, वह किस तरह जितेंद्र को फिर से वैसा ही हंसता मुस्कुराता बना दे ,उसके घर का … Read more

रिक्त स्थान (भाग 32) – गरिमा जैन

आज रेखा की जिंदगी का बहुत बड़ा दिन है ।आज उसकी जिंदगी में दो दो खुशियां एक साथ दस्तक दे रही थी। जानू आज पहले दिन स्कूल जा रहा था और रेखा ने आज अपने सालों की मेहनत के बाद कंपनी खोली है। यह दो साल ना जाने पंख लगा कर कहां उड़ गए? रेखा … Read more

रिक्त स्थान (भाग 31) – गरिमा जैन

आज रेखा की जिंदगी का बहुत बड़ा दिन है ।आज उसकी जिंदगी में दो दो खुशियां एक साथ दस्तक दे रही थी। जानू आज पहले दिन स्कूल जा रहा था और रेखा ने आज अपने सालों की मेहनत के बाद कंपनी खोली है। यह दो साल ना जाने पंख लगा कर कहां उड़ गए? रेखा … Read more

खानदान की इज्जत – संगीता त्रिपाठी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : रति ने अपना प्लानिंग शीट रवि के सामने रख दिया। खाना खाते रवि का हाथ लेटर देख रुक गया। प्रश्नवाचक दृष्टि से देखते बोला -अचानक ये अलग कोचिंग खोलने का फैसला क्यों..? तुम्हे क्या पैसों की कमी है, बोलो…. अब तुम ये सब करके क्या बताना चाहती हो लोगों को, … Read more

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