रिक्त स्थान (भाग 35) – गरिमा जैन

पूरे चांद की रात थी और कमरे में बिखरी चांदनी में रेखा संगमरमर सी तराशी  बहुत खूबसूरत लग रही है ।आज उसने सफेद रंग की पोशाक पहनी है ।वह बिल्कुल परी लोग से उतरी कोई अप्सरा लग रही है। बहुत दिनों के बाद आज रेखा का मन काफी हल्का है। इधर काफी दिनों से दिल पर जैसे एक बोझ था जो उतर गया ।

रेखा जितेंद्र का इंतजार कर रही है। आज कितने दिनों के बाद बर्फ की दीवार जो उनके बीच आ गईं थी वह गिर गई है। बाहर गेट पर कार के हॉर्न की आवाज आती है ।रेखा भागकर बालकनी में जाती है ।ठंडी हवा में उसके खुले बाल लहरा रहे हैं। बालकनी में लगे छोटे-छोटे  रंग बिरंगे फूल अपनी खुशबु बिखेर रहे थे।वही बालकनी में जितेंद्र भी आ गया था।

” रेखा”

जब जितेंद्र की हल्की सी आवाज रेखा के कानों में पड़ी तो जैसे उसका रोम-रोम पुलकित हो उठा ।आज कितने दिनों के बाद जितेंद्र ने उसका नाम पुकारा था ।कभी-कभी जिंदगी में ऐसे कुछ पल आ जाते हैं जब कसूर किसी का भी नहीं होता लेकिन मन में एक दूसरे के प्रति बुरी भावना आने लगती है। शायद पति पत्नी का रिश्ता होता ही ऐसा है ,लेकिन समय के साथ यह बर्फ पिघल जाती है । “समय “यही सबसे बड़ा मरहम होता है लेकिन कई बार यही नहीं होता हमारे पास!! हम अपना धैर्य खो बैठते हैं और त्वरित निर्णय कर लेते हैं। लेकिन रेखा के अंदर बहुत धैर्य है। जितेंद्र में उतना धैर्य नहीं है वह एक हवा के झोंके जैसा है और रेखा एक विशाल  पर्वत की तरह खड़ी रहती है। हवा के झोंके पर्वत से टकराते तो हैं लेकिन धीरे-धीरे उसकी आगोश में खो जाते हैं।

जितेंद्र आज बहुत खुश है ।वह हमेशा से यह चाहता था कि रेखा अपने लिए खुद कदम उठाए ।वह हमेशा उस पर निर्भर ना रहे ।आज रेखा ने जिस बहादुरी से, जिस निडरता से सारे प्रश्नों के उत्तर दिए कि हर तरफ उसकी सराहना हो रही है।  टीवी चैनल जो कल तक रेखा हो छोटे चरित्र की औरत समझ कर उसका मजाक उड़ा रहे थे आज हर तरफ उसकी कहे शब्दों की तारीफ थी ।रेखा से जुड़ी महिलाएं भी आज उस पर गर्व महसूस कर रही थी ।ऐसी सशक्त नारी के साथ खड़े होकर उनका भी जीवन संवर जाएगा।

जितेंद्र हौले इसे रेखा के बालों में अपनी उंगलियां फेरता है। उसकी ठंडी उंगलियों का स्पर्श  रेखा के रोम-रोम को पुलकित कर देता है ।

“रेखा” वह फिर धीरे से कहता है ।तुम यूं ही खड़ी रहना मैं अभी आया ।थोड़ी देर में जितेंद्र बालकनी में कैनवस लेकर आता है ।रेखा उसी तरह से चांदनी में खड़ी रहती है और जितेंद्र उसका एक बेहद खूबसूरत सा चित्र बनाता है। रेखा के जीवन में यह बहुत यादगार लम्हा था ।उसके लिए यह ऐसा खुशी का पल था कि शायद जिंदगी भर नहीं भूलेगी ।झीनी सी सफेद पोशाक में रेखा का सुंदर चित्र थोड़ी देर में बनकर तैयार हो जाता है ।जितेंद्र रेखा को धीरे से चूम लेता है  शायद उनका प्रेम पहले से भी ज्यादा मजबूत था।

कमरे में जितेंद्र का मोबाइल मेज पर  रखा है ।उस पर लगातार मैसेज आ रहे हैं लेकिन जितेंद्र रेखा के साथ समय बिताना चाहता है ।जब वह सोने जाता है तब देखता है कि उसके मोबाइल पर बहुत सारे मैसेज आए हैं।  इंस्टाग्राम पर समीर जी ने भेजे थे ।हर तरफ रेखा की तारीफ हो रही है। उसकी तुलना देश में ऊंचे ओहदे पर बैठी महिलाओं से की जा रही थी।यह सब देख कर जितेंद्र का रोम-रोम पुलकित हो उठता है। वह प्रसन्नता की चरम सीमा पर था ।वह रेखा के पास जाता है और उसे वह तस्वीरें दिखाने लगता है। उसे उस पर बहुत गर्व है लेकिन उन्हीं तस्वीरों के नीचे एक खबर थी। जब रेखा वह तस्वीरें देख रही थी तब उसकी नजर खबर पर भी जाती है।

खबर में एक लड़की की तस्वीर है जिसे धुंधला कर दिया गया था ।उसे किसी ने बेरहमी से मारा था ।पूरा चेहरा लहूलुहान था। लड़की आईसीयू में एडमिट है।वह जिंदगी और मौत के बीच लड़ाई लड़ रही है। रेखा वह खबर ध्यान से पढ़ने लगती है। खबर में लिखा था कि लगभग 1 हफ्ते पहले किसी ने उस लड़की के इंस्टाग्राम अकाउंट को हैक किया और उसके अगले ही दिन उसके घर पर ढेरो फूल भिजवाए ।हर फूल पर एक मैसेज लिखा था। लड़की बहुत खुश हुई कि शायद उसके किसी मित्र ने उसके लिए सरप्राइस प्लान किया है। उन्हीं फूलों के गुच्छे में एक मैसेज था जिसमें उस लड़की को शहर के बाहर एक घर में आने का निमंत्रण दिया गया था ।उस पर यह भी लिखा था कि वहां पर इससे भी बड़ा सरप्राइस उसका इंतजार कर रहा है ।लड़की ने यह बात किसी को भी नहीं बताई और वह चुपचाप उस जगह चली गई जिस जगह का पता उस कागज पर लिखा था। लेकिन वहां जाकर उसके साथ बहुत बुरा हुआ। किसी ने उसे मारने का प्रयास किया और उसे अध मरी हालत में वही छोड़कर भाग गया ।लड़की बहुत हिम्मत वाली थी ।उसने किसी तरह से पुलिस को फोन किया और अब वह जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही थी ।रेखा जब यह खबर पढ़ती है तो वह सकते में आ जाती है ।उसके साथ भी 15 दिन पहले बिल्कुल यही सब हुआ था ।उसे भी फूलों के गुलदस्ते में एक नोट लिखा मिला था ।तब वह बहुत गुस्से में थी उसने ठीक से उस कागज को पढ़ा नहीं था लेकिन उसमें कहीं का पता तो अवश्य लिखा था और उसे वहां आने के लिए कहा गया था ।उसमें यह भी लिखा था कि उसे वहां आकर एक बहुत बड़ा सरप्राइस मिलेगा। तब जितेंद्र बहुत गुस्से में था इसलिए रेखा ने सारे गुलदस्ते माली से कहकर बाहर फिकवा दिए थे ।रेखा जितेंद्र को सारी बातें बताती हैं। जितेंद्र बहुत गंभीर हो जाता है ।

क्या रेखा की जान को खतरा था !! क्या कोई सीरियल किलर शहर में घूम रहा था !!क्या वह फिर से रेखा पर हमला करने की सोचेगा या फिर पुलिस उसे पकड़ लेगी?? क्या वह लड़की जिंदगी और मौत की लड़ाई में जीत जाएगी!! पढ़िए अगले भाग में.

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रिक्त स्थान (भाग 34) – गरिमा जैन

गरिमा जैन 

2 thoughts on “रिक्त स्थान (भाग 35) – गरिमा जैन”

  1. When are we going to read the next episode?
    Also I missed few in between so do let me know how will I be able to read all episodes at a go????

    Reply

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