रिक्त स्थान (भाग 36) – गरिमा जैन

रेखा यह खबर पढ़कर बहुत घबरा जाती है ।उसे उस लड़की की बहुत चिंता होने लगी।

उस लड़की के साथ क्या हुआ?

क्या वह जिंदगी और मौत की जंग में जीत जाएगी?

क्या वह सीरियल किलर खुलेआम शहर में ऐसे ही घूमता रहेगा?

क्या उसने इससे पहले और भी खून किए थे ?

उसे इन सब सवालों का जवाब सिर्फ एक ही शख्स दे सकता था और वह था इंस्पेक्टर विक्रम ।वह फौरन इंस्पेक्टर विक्रम को फोन करती है ।

“हेलो इंस्पेक्टर विक्रम मुझे आपसे बहुत जरूरी बात करनी है क्या हम कहीं मिल सकते हैं !!”

इंस्पेक्टर विक्रम :”रेखा जी आप इतनी परेशान क्यों लग रहे हैं? मैं अभी आपकी सहेली रूपा यानी आपके पड़ोस में ही हूं ।आप चाहे तो अपने घर आ जाए मैं आपसे वही मिलने आ जाऊंगा ।”

“जी विक्रम जी मैं आ रही हूं”

रेखा और जितेंद्र तुरंत रेखा के घर के लिए निकल पड़ते हैं। जितेंद्र रेखा के लिए बहुत चिंतित है ।वह सीरियल किलर लगभग रेखा को छूते हुए निकल गया ।रेखा की जान को बहुत खतरा था और वहां जितेंद्र को अपनी बेवकूफी पर गुस्सा आ रहा था ।वह रेखा पर कितना नाराज था। अगर रेखा जरा सा भी समझदारी से काम ना लेती तो आज ना जाने क्या हो जाता !! जितेंद्र के हाथ कांप रहे हैं ।उसे ऐसा लग रहा है कि वह गाड़ी नहीं चला पाएगा ।रेखा ड्राइव करती है। रेखा ने खुद को बहुत संभाला हुआ है मुसीबत तो उसी के सर पर थी ।

जितेंद्र रेखा को लेकर बहुत भावुक है ।अगर उसका बाल भी बांका हो जाए तो वह सहन नहीं कर पाएगा ।थोड़ी देर में वे घर पहुंच गए थे ।इंस्पैक्टर विक्रम रूपा सब वहीं पर थे। इस्पेक्टर विक्रम समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर रेखा इतनी परेशान क्यों है !! रेखा ने  जब सारा मामला इंस्पेक्टर विक्रम को बताया तो उन्होंने तुरंत पुलिस स्टेशन में अपने दोस्त को फोन किया और केस के बारे में सारी जानकारी ली। यह केस इंस्पेक्टर विक्रम के अंडर में नहीं था ।उनकी टीम इस केस को नहीं देख रही थी लेकिन अहम जानकारी उन्हें अपने दोस्त से मिल जाती है ।इंस्पेक्टर विक्रम रेखा को बताते हैं कि यह सीरियल किलर तो नहीं कहलाया  जा सकता क्योंकि उसने लड़कियों को मारा नहीं है सिर्फ उन्हें अधमरी हालत में छोड़ कर भाग जाता है ।अभी तक कोई भी लड़की जान से नहीं गई है लेकिन कई को  मल्टीपल फ्रैक्चर हो गए थे तो किसी का जबड़ा टूट गया था। एक लड़की के तो 4 दांत टूट गए थे और उसकी आंख को ठीक होने में 2 महीने लग गए लेकिन पुलिस यह नहीं पता लगा पाई कि इसमें कौन संलग्न है ।यह अलग-अलग तरीके से वार करता है ।कभी इंस्टाग्राम पर लुभावने मैसेज देकर लड़कियों को फंसाता है तो कभी उन्हें महंगे गिफ्ट भेजता है ।यह बात तो पक्की है यह सनकी आदमी जो भी है काफी पैसे वाला है ।

रेखा इंस्पेक्टर विक्रम से कहती है कि उसे वह सब जानकारी चाहिए जो इन लड़कियों ने पुलिस को दी हो ।किसी ने तो उसकी एक झलक देखी होगी या फिर उसकी कद काठी कुछ तो मालूम पड़े शायद रेखा ने उसे देखा हो क्योंकि वह रेखा के बहुत करीब से होकर गुजरा है ।शायद रेखा उसे पकड़वाने में पुलिस की मदद कर सके !!

अगले ही दिन इंस्पेक्टर विक्रम और रेखा उस लड़की को मिलने अस्पताल जाते हैं जो उस सनकी आदमी का शिकार हुई थी ।लड़की के पैर में फ्रैक्चर था ,एक हाथ की भी हड्डी टूट गई थी ,आधा चेहरा पट्टियों से ढका हुआ था ।उसे बोलने में भी बहुत दिक्कत आ रही थी ।रेखा उससे पूछती है कि क्या उसने उस आदमी के बारे में कोई ऐसी खास चीज देखी हो जो उसे याद रह गई हो तो वह लड़की इशारे से अपनी छोटी उंगली दिखाती है और बताने की कोशिश करती है कि उस आदमी की छोटी उंगली का नाखून काफी लंबा था और उसमें उस पर उसने शायद गोल्डन नेल पॉलिश लगा रखी थी। आदमी ने अपना चेहरा नकाब से ढक रखा था। उसने अपने हाथ में एक भारी लोहे की रॉड ली हुई थी और उसने उसी रॉड से उस लड़की पर वार किया था ।यह सब सुनकर रेखा सकते में आ जाती है।वह डॉक्टर से पूछती है कि क्या यह लड़की सही सलामत ठीक होकर अपने घर वापस जा पाएगी और क्या उसके साथ रेप भी हुआ था ।डॉक्टर बताते हैं कि नहीं सेक्सुअल एसॉल्ट तो नहीं हुआ है उसके साथ लेकिन जिस तरह से उस आदमी ने इस लड़की को पीटा है उससे तो यही प्रतीत होता है कि वह आदमी मानसिक तौर पर ही नहीं शारीरिक तौर पर भी शायद बीमार है ।कई बार मर्द अपनी कमजोरी छुपाने के लिए औरतों को इस बुरी तरह से पीटते हैं। ऐसे कई क्रिमिनल्स हैं जो अपने अंदर का गुस्सा दूसरे पर इसी तरह निकालते हैं। जरूर उसके मानसिक भी कुछ प्रॉब्लम है क्योंकि इस तरह किसी लड़की को सुनसान विरान में बुलाकर पीटना और उसके ऊपर हजारों खर्च भी करना इसमें कोई भी तुक नजर नहीं आता। आखिर  कोई ऐसी बेतुकी हरकत क्यों करेगा??

रेखा हॉस्पिटल रूम से बाहर जाने लगती है तभी वह लड़की इशारे से फिर रेखा को रोकती है और वह रेखा को बताती है कि उसे एक बात और याद आ रही है ।रेखा उसके बिल्कुल करीब चली जाती है वह धीरे से रेखा के कान में कहती है कि वह आदमी जब उसे ज़ोर से मार रहा था तो एक ही बात बार बार चीख कर बोल रहा था कि वह नामर्द नहीं है !!वो नामर्द नहीं है !!

रेखा यह सुनते ही सहम जाती है ।उसे जिस चीज का शक था वही हुआ ।डॉक्टर ने भी थोड़ी देर पहले उसे बताया था कि जरूर उस कातिल में कोई ऐसी कमी होगी जिसका गुस्सा वह दूसरों पर निकालता है ।रेखा रास्ते में कुछ भी नहीं बोलती वह चुपचाप जितेंद्र के साथ बैठे घर आ जाती है। जितेंद्र रेखा की इस खामोशी से बहुत परेशान है ।

तभी नौकर बताता है कि समीर जी जितेंद्र से मिलने आए हैं। जितेंद्र उन्हें नीचे बैठाने को कहता है और वह फ्रेश होकर नीचे ड्राइंग रूम में जाता है। समीर जी आने वाले इलेक्शन के बारे में जितेंद्र से बात करने आए थे ।वह चाहते हैं कि रेखा उनके साथ इलेक्शन की कैंपेनिंग करें। रेखा इस समय एक जाना माना चर्चित चेहरा है अगर वह उनके साथ होगी तो उन्हें इस इलेक्शन में बहुत फायदा हो सकता है ।जितेंद्र उनसे कहता है कि वह पूरी कोशिश करेगा कि वह रेखा को मना ले उनका साथ देने के लिए पर इस समय रेखा बहुत परेशान है। समीर  पूछते है कि रेखा आखिर क्यों परेशान है ??तब तक रेखा नीचे उतर जाती है और वह जितेंद्र को कुछ भी कहने से रोक देती है ।वह समीर जी को नमस्ते करती है और कहती है कुछ नहीं बस हल्का सा सर दर्द है। जितेंद्र रेखा को देखता है आखिर समीर के सामने कुछ भी बताने से रोक क्यों दिया??

काफी देर इलेक्शन के बारे में ही बातचीत होती रहती है। किस तरह से कैंपेनिंग होगी ।कहां-कहां रेखा को उनके साथ जाना होगा ।इन सब बातों पर विचार हो रहा था पर रेखा जैसे कहीं खोई हुई थी ।वह कुछ सोच रही थी फिर अचानक उठती है और समीर जी से हाथ मिलाने के लिए अपना हाथ आगे करती है ।समीर और जितेंद्र देख कर चौक जाते हैं अचानक समीर जी से हाथ मिलाना क्यूं चाहती है? वह कहती है यह हमारे आने वाले भविष्य के लिए बहुत जरूरी है कि अब हम लोग दोस्त बन कर रहे हैं .समीर जी सहर्ष रेखा से हाथ मिलाते हैं ।रेखा बहुत ध्यान से समीर जी का हाथ देखने लगती है फिर वह झट से अपने कमरे में चली जाती है।

थोड़ी देर बाद समीर जी वापस लौट जाते हैं ,जितेंद्र कमरे में आता है वह सोचता है कि आज रेखा नहीं बड़ा अजीब सा व्यवहार किया उसे समझ नहीं आया!! रेखा ने अपने प्रकृति के विपरीत व्यवहार किया है ।उसने तो आज तक नहीं देखा रेखा को किसी भी शख्स से हाथ मिलाते हुए ।जब रेखा जितेंद्र की तरफ पलटी तो उसकी आंखें बिल्कुल लाल थी और उसका माथे पर पसीने की बूंदे थी ।वह जितेंद्र से कहती है

“वह समीर ही  है !!”

क्या कह रही हो ।रेखा फिर कहती है कि वह कातिल और कोई नहीं नेताजी के लड़के समीर ही हैं। रेखा जितेंद्र से कहती है कि जब उस लड़की ने बताया थी उस सनकी कातिल के छोटी उंगली का नाखून बहुत लंबा था और उस पर गोल्ड नेल पॉलिश लगी थी उस समय से ही रेखा के मन में एक सवाल उठ रहा था उसने ऐसे नाखून वाले किसी शख्स को देखा है और बहुत हाल में ही देखा है लेकिन उसे याद नहीं आ रहा था लेकिन जब समीर जी नीचे आए तब रेखा को अचानक वह बात याद आ गई। जब उस दिन फंक्शन में वह स्टेज पर चढ़ी थी और सीढ़ी पर उसका पैर फिसल गया था तब समीर जी ने उसे सहारा देकर रोका था तब उसकी नजर समीर के नाखून पर गई थी उसकी छोटी उंगली का नाखून काफी लंबा था और उस पर गोल्ड नेल पॉलिश लगी थी ।स्टेज के तेज प्रकाश में उसका वह नाखून बहुत तेज चमक गया था। जितेंद्र रेखा को समझाता है कि इस तरह तो किसी का भी नाखून लंबा हो सकता है ।समीर जी वह बचपन से जानता है वह बहुत सुलझे हुए इंसान है ऐसा नहीं हो सकता कि वह इस तरह के सनकी कातिल हो!! लेकिन रेखा का मन यह मानने की गवाही नहीं दे रहा वह कहती है एक बार वह समीर का इम्तिहान लेना जरूर चाहेगी उसे पूरा शक है कि वह सनकी कातिल और कोई नहीं समीर ही है।

जितेंद्र कहता है लेकिन वह इसकी शुरुआत कहां से करेगी?? रेखा कहती है समीर की पत्नी से मिलकर !! जब वह कातिल  उस लड़की को पीट रहा था तो बार-बार एक ही बात सीख रहा था कि वो नामर्द नहीं है और इस बात की सच्चाई समीर की पत्नी से ज्यादा कौन जान सकता है भला!!  किसी भी हालत में जल्द से जल्द समीर की पत्नी से मिलना होगा।

जितेंद्र घबरा रहा है कि रेखा की जान को कहीं खतरा ना हो लेकिन उसके दिल को तसल्ली देने के लिए उसका हाथ पकड़ता है और उसे कहता है कि वह जल्दी समीर की पत्नी से उसे मिलवाएगा…

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गरिमा जैन 

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