मैं क्यों चुप रही? – विभा गुप्ता
कभी-कभी सबकुछ जानते हुए भी हम चुप रह जाते हैं।अपनी चुप्पी को कभी परंपरा तो कभी संस्कार का नाम दे देते हैं और फिर बाद में पछताते हैं कि काशः हम बोल दिये होते। छोटा- सा मेरा परिवार था।दादी,पापा,माँ, दीदी और मैं।पापा की आमदनी में हम सभी बहुत खुश थें।दादी के नाम की थोड़ी ज़मीन … Read more