चलें जड़ों की ओर -सरला मेहता
ननकू सपरिवार बस से उतरकर बापू द्वारा भेजी बैलगाड़ी में बैठा अपने गाँव के बारे में सोच रहा है। गया था तो माँ ने कितना सामान बाँध दिया था अचार, गाय का घी बच्चों के लिए लड्डू और ना जाने क्या क्या। और वह जा रहा है खाली हाथ। चार वर्ष पूर्व अपने बूढ़े माँ … Read more