ये घर मेरा ससुराल भी है और मायका भी – मुकेश पटेल

अचानक से संतोष जी की आधी रात में तबीयत खराब हो गई और वह बेहोश हो गए थे.घर में कोई पुरुष नहीं था।  संतोष जी के तीन बेटे थे जिसमें से एक बड़ा बेटा भगवान को प्यारा हो गया था और उसकी पत्नी गायत्री अपने सास-ससुर  के साथ ही  रहती थी जबकि दो बेटे मे  … Read more

बहू, बेटी बनने के लिए तैयार हो तब तो… – मुकेश पटेल

रूबी ने कभी नहीं सोचा था कि उसकी शादी छोटे शहर में हो जाएगी क्योंकि वह दिल्ली जैसे बड़े महानगर में रहती थी।  लेकिन जो किस्मत को मंजूर होता है उसे कोई झुठला नहीं सकता।   रविवार का दिन था दोपहर के समय पापा के दोस्त विनोद अंकल पापा से मिलने के लिए आए हुए थे।  … Read more

मेरी सासू मां कड़वी दवाई की तरह है – मुकेश पटेल

मिथिलेश जी बिजली विभाग में एसडीओ थे और इसी साल सेवानिवृत्त होने वाले थे उनकी पत्नी उर्मिला जी का मन था कि रिटायर होने के बाद वह अपने इकलौते बेटे दुर्गेश जो गुडगांव  की एक आईटी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर था और बहू भी गुड़गांव की ही दूसरी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थी.   बेटे … Read more

धुंधली शिकायतें – उमा भगत

ट्यूशन में बैठे -बैठे आशिमा की कमर में दर्द होने लगता है , वो जब अपने कमर को सीधा करती है ,और एक सांस भर्ती है तो उसका वक्ष थोड़ा फूल जाता है। उसे हंसने की आवाज सुनाई देती है , उसके आस पास बैठे लड़कों की आवाज थी । विज्ञान विभाग ,कक्षा ११वी की … Read more

जब पोती ने दहेज मे दादा जी को मांग लिया – मुकेश पटेल

बिन्नी स्कूल से जैसे ही घर वापस लौटी वो देखती है कि उसके दादाजी अपना बैग पैक कर रहे हैं ।  बिन्नी ने अपने दादा जी से पूछा कि दादाजी आप कहां जा रहे हैं दादाजी ने बताया बेटी  मैं गांव जा रहा हूं और बहुत जल्द ही वापस आ जाऊंगा।  बिन्नी जिद करते हुए … Read more

ये गलियां भी कुछ कहती हैं

“अरी ओ,ई का कान में ठूंसी रहती हो,कुछ पढ़ लिख लिया करो।” “अरे दादी का कह रही हो” ,(कान से हेडफोन निकाल कर उर्मिला पूछती है) “हम ई कह रहे हैं कि ,पढ लो कुछ ,नाहि तो देखत हउ ना इ झाड़ू वाले को , एही करना तुम भी।,” “पर दादी झाड़ू मारने में का … Read more

स्वार्थी माँ – मुकेश पटेल :Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : रजनी बहुत खुश थी क्योंकि उसकी शादी शहर में होने वाली थी उसका ससुराल दिल्ली में था पति भी सरकारी नौकरी करता था इससे ज्यादा रजनी को और क्या चाहिए था।  रजनी तो कभी सोच भी नहीं सकती थी कि उसकी शादी इतने अच्छे घर में होगी।  आखिर वह दिन … Read more

सस्ती खुशियां

कई दिनों से बच्चे रेस्टोरेंट में पिज़्ज़ा खाने जाने के लिए कह रहे थे.  ऑफिस में काम का इतना ज्यादा वर्क लोड था  कि घर आने के बाद फिर कहीं जाने की इच्छा नहीं होती थी।  आज संडे का दिन था तो मैंने बच्चों से कहा कि आज सब लोग तैयार हो जाओ आज चलते … Read more

खुशी चाहिए तो खुशी बांटनी पड़ती है

संतोष कल सुबह जल्दी आ जाना तुम्हें तो पता ही है कि कल मेरी बेटी राधिका का जन्मदिन है और हाँ कल तुम्हें  मेरी बेटी के जन्मदिन की खुशी में ₹1000 एक्स्ट्रा भी मिलेंगे।  वैसे तो संतोष कल छुट्टी करना चाहता था क्योंकि उसके बेटे का भी कल जन्मदिन है उसकी पत्नी 10 साल पहले  … Read more

सोने का हार

अपने मां-बाप की इकलौती बेटी शालिनी बचपन से होनहार थी।  जैसे ही थोड़ी बड़ी हुई वह अपने से छोटे बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने लगी और अपने पढ़ाई का खर्चा अपने ट्यूशन के पैसे से  निकाल लेती थी।   उसके पापा की गांव में ही किराने की दुकान थी।  वह बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती थी … Read more

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