ससुराल का अपमान नहीं सह सकती – विभा गुप्ता : Moral stories in hindi
” नहीं माँ…अब मैं यहाँ एक पल भी नहीं रुकूँगी…जहाँ मेरे परिवार का अपमान हो..वहाँ का पानी पीना भी मेरे लिये हराम है..।” कहते हुए रचना बैग में अपने कपड़े रखने लगी। ” लेकिन बेटा…तुझे भी तो भाभी की बहन के लिये वो सब नहीं कहना चाहिये था।” शकुंतला जी बेटी को समझाते हुए बोली। … Read more