देवी का रूप है – विभा गुप्ता : hindi stories with moral

hindi stories with moral :  ‘ अक्षरा धाम ‘ का लाॅन लाल-पीली बत्तियों से जगमग कर रहा था।हवा के झोंकें के साथ ताज़े फूलों की खुशबू नलिनी के नाक तो आई तो उसका तन-मन महक उठा।लोगों की भीड़ में उसकी नज़रें किसी अपने को तलाशने लगी कि तभी घर की वरिष्ठ महिला ने आकर उसका … Read more

उदारता – बालेश्वर गुप्ता : hindi stories with moral

hindi stories with moral : मनीष दो वर्ष तुम्हारी पत्नी रही हूँ, पत्नी होने का स्थान तो तुम छीन ही रहे हो,अब कम से कम मेरे आत्म सम्मान, मेरी खुद्दारी पर तो चोट मत करो।प्लीज।        अरे माधुरी मेरा ऐसा कोई इरादा नही था।देखो हम सहमति से अलग हो रहे हैं तो मेरा भी तो कुछ … Read more

हमारी नयका : एक अव्यक्त प्रेम कहानी(भाग-1) – साधना मिश्रा समिश्रा : hindi stories with moral

hindi stories with moral : आज का पूरा दिन ही हंगामे की भेंट चढ़ गया। नयका को अभी भी विश्वास नहीं हो रहा था कि जिस व्यक्ति के साथ वह सुखपूर्वक पिछले पंद्रह साल से सुखी गृहस्थ जीवन गुजार रहीं थीं। वह पति कहीं और भी प्रेम की पींगे चढ़ा रहा था और इस पराकाष्ठा … Read more

अखंड सौभाग्यवती भव – भगवती सक्सेना : Moral Stories in Hindi

रवीना की जेठानी रमा का स्वर्गवास बीस दिन पहले हुआ था, और आज जेठ जी रात को ऐसे सोये कि सुबह उठे ही नहीं। उम्र भी पचहत्तर के करीब हो चली थी। शाम तक लोगो का आना जाना होता रहा, क्रिया कर्म के बाद जब रात को थक कर चूर हो बिस्तर पर पड़ी तो … Read more

हमारी नयका : एक अव्यक्त प्रेम कहानी(आखिरी भाग ) – साधना मिश्रा समिश्रा : hindi stories with moral

hindi stories with moral : तेरह वर्ष की उम्र में ही रघु को जो धक्का लगा था, वह जैसे ताउम्र के लिये हृदय में घर कर गया था। घाव उसके भरते ही नहीं थे क्योंकि उस घाव को देने वाला उसका पिता उसकी आंखों के सामने ही उस दूसरी औरत के साथ रहता था। कितनी … Read more

हमारी नयका : एक अव्यक्त प्रेम कहानी(भाग-7) – साधना मिश्रा समिश्रा : hindi stories with moral

hindi stories with moral : चंदा… तड़प रही थी चंदा अपने नाम की नई परिभाषा से जो उसके लिये कमलकिशोर ने गढ़ा था। आज तक चंदा अपनी चांदनी की स्निग्धता, अपने धवल प्रकाश की सुंदरता के लिये ही जाना जाता था। पहली बार किसी ने दिन में उसके अस्त को अपने कल्याण से जोड़ दिया … Read more

हमारी नयका : एक अव्यक्त प्रेम कहानी(भाग-6) – साधना मिश्रा समिश्रा : hindi stories with moral

hindi stories with moral : सूखा हुआ डंठल… पुलकित थे कमलकिशोर, इस समय वह अपने को शहजादा सलीम समझ रहे थे जिसे अनारकली से प्रेम था। इतना प्रेम कि उसके लिये वह दुनिया से रार लेने के लिए भी प्रतिबद्ध थे। पर हाय…यहाँ तो उनके सारे अरमान खंडित हुये जा रहे थे। कोई उनकी प्रेमकहानी … Read more

हमारी नयका : एक अव्यक्त प्रेम कहानी(भाग-5) – साधना मिश्रा समिश्रा : hindi stories with moral

hindi stories with moral : खुमार प्रेम का… कमलकिशोर को नयका से क्षमादान तो नहीं मिला पर आज वह यह समझ गये थे कि उनके जीवित रहते क्षृंगार त्यागी हुई पत्नी के मन के किसी कोने में वे जीवित हैं। वह अपने हृदय से जानते थे कि वह नयका के और अपने बच्चों के अपराधी … Read more

हमारी नयका : एक अव्यक्त प्रेम कहानी(भाग-4) – साधना मिश्रा समिश्रा : hindi stories with moral

hindi stories with moral : भंवरजाल… आज यह कैसा भाव जाग रहा है मन में। क्या यही प्रेम है जो न जीने दे रही है न मरने दे रही है। उफ…कैसा भवंर जाल है। जितना भी ऊबरने का प्रयत्न करो और गहरे धंसते जाते हो। अब तो अंतिम परिणिति मर कर ही मिलेगी… नयका की … Read more

हमारी नयका : एक अव्यक्त प्रेम कहानी(भाग-3) – साधना मिश्रा समिश्रा : hindi stories with moral

hindi stories with moral : शर-शैय्या… आंगन में बाध की खाट पर लेटे हुए खांसते हुए पिता को नजरअंदाज करते हुए रघु मां-मां कहते हुए घर में प्रविष्ट हो गया। नयका रसोई में छोटी सी प्यारी गुदबुदी सी बहू के साथ रोटी-पानी में व्यस्त थी। एक वर्ष पहले ही रघु का ब्याह कर दिया था। … Read more

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