तिरस्कार – पुष्पा पाण्डेय
किसन कार्यालय से घर जा रहा था। अपने काम से ड्राइवर ने एक दुकान पर गाड़ी को थोड़ी देर के लिए रोक दिया। गाड़ी में बैठे किसन की नजर एक ठेले की दुकान पर अटक गयी। ठेले पर लिखा था कि ‘यहाँ चावल की रसमलाई मिलती है।’ किसन को जैसे एक झटका सा लगा और … Read more