खुशी – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ” सुनो सरला एक बहुत अच्छी खबर है !” जितेंद्र जी दरवाजे से ही चिल्लाते हुए बोले। ” अरे ऐसी क्या खबर है जो आपको अंदर आने का सब्र भी नही हो रहा ?” सरला जी रसोई से निकलते हुए बोली। ” अरे भाग्यवान बात ही ऐसी है ! अपनी … Read more

‘ पुरुष अहं ‘ – विभा गुप्ता

  सुमेश को आज लड़की देखने जाना था।वह स्वयं एक मल्टीनेशनल कम्पनी में मैनेजर के पद पर चेन्नई में कार्यरत था।अपने लिये वह वर्किंग वाइफ ही चाहता था।पहले तो उसके माता-पिता वर्किंग बहू के लिये ना कह दिये थें लेकिन फिर सोचे,घर में बेटे के साथ बहू की आमदनी भी आये तो क्या बुराई है।            सुमेश … Read more

बेशर्म – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “ देखो इसको कैसे बेशर्म की तरह अभी भी इस घर में पड़ी हुई है… ये नहीं कि अब यहाँ से चली जाए… भगवान बचाएँ ऐसी बहू से।” कहने को तो अक्षरशः यही शब्द कहे थे जमना चाची ने सुकृति को और संजोग देखो वही शब्द आज उनकी बेटी के … Read more

एक पश्चाताप ऐसा भी – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : शुभम-“पापा, कल मेरे स्कूल में फंक्शन है। सबके पेरेंट्स आ रहे हैं। आप और मम्मी भी मेरा डांस देखने के लिए आना।”  पापा जिनका नाम नवीन था-“बेटा, तुम्हें तो पता है मैं नहीं आ सकता। मुझे बहुत सारे पेशेंट देखने है। मम्मी से कहना आने के लिए और यह क्या … Read more

अपमान : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  मां! “आज आप मेरी निगाहों से गिर गईं ।एक औरत हो कर आपने सरे आम इतने सारे रिश्तेदारों के बीच काव्या के घर वालों का मजाक बनने दिया। आपने जरा सा नहीं सोचा कि उसके दिल पर क्या गुजर रहा होगा जब उसकी गरीबी का मजाक बन रहा था और … Read more

एक बार फिर (भाग 29) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

पिछले भाग में शेखर अपने और रिनी के रिश्ते के बारे में प्रिया को सब कुछ बताता है। प्रिया सोचती है कि शेखर रिनी को हराने के लिए इस शादी को करना चाहता है। उसका मकसद रिनी को नीचा दिखाना है। इसलिए वह कोर्ट मैरिज का प्रपोजल रख रहा है। वो नाश्ते पर दी के … Read more

लड़के वाले भाग 14 – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : जैसा आप सबने अभी तक पढ़ा कि नरेशजी और उनके परिवार को अपने बड़े लाला उमेश के लिए लाली शुभ्रा पसंद आ चुकी हैं… उमेश,,नरेशजी और वीनाजी का खुद का बेटा नहीं हैं,, यह जान दादा नारायणजी अपने परिवार की आपसी सहमति जानने के बाद इस रिश्ते के लिए सहमत … Read more

कोशिशें बाकी हैं अभी…! – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “हेलो… हां बेटी कैसी है क्या खाना मिला आज हॉस्टल में ..!फिर नहीं खाया आज खाना बेटा ये तो गलत है ऐसे रोज रोज खाना नही खाओगी तो पढ़ाई कैसे कर पाओगी ….मीरा भाभी अपनी बेटी प्रीति से मोबाइल पर बात कर रही थी मम्मा एकदम गंदा खाना है यहां … Read more

वो सुबह कभी तो आएगी – पूनम वर्मा

मोबाइल पर स्क्रॉल करते हुए एक तस्वीर पर अचानक नजर ठिठक गई । अरे ! यह तो बिंदिया है ! क्या बात है !बिंदिया आज हवाई जहाज में सफर कर रही है ! अपनी बेटी और दामाद के साथ उसकी तस्वीर कितनी प्यारी लग रही है । उसके चेहरे की आभा आकर्षित कर रही है … Read more

बेटियां क्या सचमुच पराई होती हैं? –  शुभ्रा बैनर्जी  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : बचपन से हर मां पर एक ही लांछन लगाया जाता है,परिवार के लोगों के द्वारा ,कि बेटे को ज्यादा प्यार करतीं हैं।श्यामा ने भी हंसकर यह लांछन लिया था अपने स्नेह पर।बेटी पापा की लाड़ली और बेटा मां का।अनचाहे ही मांएं पक्षपात करतीं हैं बेटे-बेटियों में,यह श्यामा स्वयं ही स्वीकार … Read more

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