‘ पुरुष अहं ‘ – विभा गुप्ता

  सुमेश को आज लड़की देखने जाना था।वह स्वयं एक मल्टीनेशनल कम्पनी में मैनेजर के पद पर चेन्नई में कार्यरत था।अपने लिये वह वर्किंग वाइफ ही चाहता था।पहले तो उसके माता-पिता वर्किंग बहू के लिये ना कह दिये थें लेकिन फिर सोचे,घर में बेटे के साथ बहू की आमदनी भी आये तो क्या बुराई है।            सुमेश … Read more

सदा सुखी रहो – प्रीति आनंद

आज इंदू के विवाह की पच्चीसवीं वर्षगाँठ थी… क्या कहते हैं इसे … सिल्वर जुबली! “तो मैडम कैसे मनाना है ये दिन?” जतिन ने प्यार से ठुड्डी उठाते हुए उसके नयनों की गहराइयों में झाँकते हुए कहा, “पार्टी दें दोस्तों को?” “न-न बस हम-तुम और बच्चे ही साथ में मनाएँगे, किसी और की क्या ज़रूरत?” … Read more

समझौता – पुष्पा पाण्डेय 

कांता जीवन भर समझौता ही तो करती आई है। अब जीवन के इस मोड़ पर वह थक चुकी है। मानसिक थकान असहनीय हो चुकी है। बचपन से लेकर आज तक समझौता ही तो किया।——– बचपन से डाॅक्टर बनने का सपना देखा था, पर पिता जी विज्ञान विषय से दूर रहने को कहा, क्योंकि उसके लिए … Read more

” ज़िंदगी से लड़कर कथिर से कुंदन बन गई” – भावना ठाकर ‘भावु’ 

वंदना आज कलेक्टर की कुर्सी संभालने जा रही थी, उस सम्मान में एक समारोह रखा गया। पूरा हाॅल बड़े-बड़े  अधिकारियों और कुछ रिश्तेदारों से खिचोखिच भरा हुआ था। वंदना खोई-खोई दोहरे भाव से जूझ रही थी गरीबी, ससुराल वालों की प्रताड़ना घर-घर जाकर खाना बनाकर पाई-पाई जोड़कर पढ़ना वगैरहे एक-एक घटना किसी फ़िल्म की तरह … Read more

न्याय-रीटा मक्कड़

‘बहु…रागिनी बहु जरा इधर तो आना” ‘जी मम्मी जी” ‘वो कल अंजली बिटिया और दामाद जी आ रहे हैं। खाने में कुछ अच्छा सा बना लेना।तेरे पापा जी बाजार जा रहे हैं।जो चाहिए अभी से मंगा लेना उनसे” “जी मम्मी जी मैं अभी लिस्ट बना कर लाती हूँ।’ रागिनी जल्दी से ससुर जी को लिस्ट … Read more

“समझदारी” – मीनाक्षी राय

पाखी बहुत  गुस्से में अपनी मां से बात कर रही थी, और रोये जा रही थी। आज उसे नभ की बातें बहुत चुभ रही थी । उसकी मम्मी  उसको समझा समझा कर थक गई थी,  पर पाखी चुप होने का नाम ही नहीं ले रही थी ।चुकी पाखी के मम्मी पापा एक ही शहर में … Read more

अंतहीन ” – गोमती सिंह

शाम का समय था ,सूरज अपनेख आप को सिंदूरी चादर में लपेटते हुए अस्तांचल की ओर रवाना करनें लगे थे।  ठीक उसी समय सरोज अपने घर की दूसरी मंजिल पर खिड़की के पास बैठे हुए इस दृश्य को देखकर उदासी के सागर में खोने लगी । उसकी आँखों के सामने 35-40 वर्ष की एक महिला … Read more

लाल बॉर्डर की साड़ी – लतिका श्रीवास्तव

मेघना जी जड़ सी हो गई जब उनके पति शिशिर ने उन्हें देखते ही कहा,ये क्या पहन लिया तुमने!!ये रंग तुम पर सूट नहीं करता,इतने चटक रंग की साड़ी पहनने की तुम्हारी उम्र है क्या??जाओ मेहमानों के आने से पहले चेंज करके आओ!!और हां इस बार ध्यान रखना ……अरे अकल नहीं है तो पूछ लेना … Read more

रिश्तो का ताना-बाना – मीनाक्षी राय

जयकिशनजी की उम्र लगभग 65 वर्ष की हो गई थी। वह एक प्रसिद्ध कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति पद से सेवानिवृत्त हुए थे | उनका बचपन गरीबी में बीता था, लेकिन पढ़ने में बहुत मेहनती और कुशाग्र बुद्धी के  थे | उनको सरकार की तरफ से कृषि पर शोध करने के लिए विदेश में भेजा गया … Read more

तिरस्कार – पुष्पा पाण्डेय 

किसन कार्यालय से घर जा रहा था। अपने काम से ड्राइवर ने एक दुकान पर गाड़ी को थोड़ी देर के लिए रोक दिया। गाड़ी में बैठे किसन की नजर एक ठेले की दुकान पर अटक गयी। ठेले पर लिखा था कि ‘यहाँ चावल की रसमलाई मिलती है।’  किसन को जैसे एक झटका सा लगा और … Read more

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