विलगाव – रवीन्द्र कान्त त्यागी : Moral stories in hindi

डैप्युटी कमिश्नर ऑफ पुलिस मिष्टर सत्यकाम दुबे घर के दरवाजे पर दस्तक देने ही वाले थे कि उन्हे भीतर से किसी पुरुष के फुसफुसाने के स्वर सुनाई दिये। उनका पुलिसिया दिमाग तुरंत सचेत हो गया और उन्होने कोट की जेब में पड़ी पिष्टल हाथ में ले ली। दरवाजे को ज़ोर का धक्का दिया तो सरकारी … Read more

अंगूठी खो गई – पुष्पा जोशी : Moral stories in hindi

सुमी के हाथ से आज बड़ा नुकसान हो गया था, उसे बहुत दु:ख हो रहा था। वह घबरा रही थी,उसका रोना रूक नहीं रहा था, घर में कोई था भी नहीं जो उसे दिलासा देता। उसके हाथ से दो तोले की सोने की अंगूठी कहीं गुम गई थी।अभी छ महिने पूर्व ही उसका विवाह विवेक … Read more

कच्ची उम्र के कोमल अहसास – शुभ्रा बैनर्जी : Moral stories in hindi

विद्यालय में सोशल साइंस पढ़ाने का लगभग बीस वर्षों का अनुभव था,शुभा को।बोरिंग समझा जाने वाला विषय ‘,इतिहास’ भी बच्चे बड़े चाव से पढ़ते थे।भूगोल में एक चैप्टर है”पापुलेशन”।इस चैप्टर में मनुष्य की आयु को विभिन्न श्रेणियों में बांटकर विशेषता बताई गई है। नौंवी कक्षा में भूगोल के पापुलेशन चैप्टर में आने पर ,जब वयस्क … Read more

अर्द्धांगिनी (भाग 2)-अभिलाषा कक्कड़: Moral stories in hindi

श्वेता राकेश और शोभा की दूसरी सन्तान थी । जिसकी दस साल पहले दिल्ली में कार्यरत सोफ्टवेर इंजीनियर समर्थ के साथ शादी हुई थी । समर्थ के माता-पिता राजस्थान के रामगढ़ शहर में रहते थे । समर्थ अपनी पत्नी सात साल की बेटी और पाँच साल का बेटे के साथ दिल्ली में एक किराए के … Read more

अर्द्धांगिनी -अभिलाषा कक्कड़: Moral stories in hindi

शोभा जैसे ही फ़ोन बन्द करके मुड़ी तो एक दम से सामने पति राकेश को देख कर डरी और फिर चिल्ला कर बोली… हे भगवान पता भी है तुम्हें कि मैं डर जाती हूँ । आते हो तो कोई खटका ही कर दिया करो ताकि मेरे दिमाग़ को पता हो कि तुम आसपास हो । … Read more

अहमियत का प्रमाणपत्र नहीं – शुभ्रा बैनर्जी  : Moral stories in hindi

 बहू को घर की लक्ष्मी कहने भर से नहीं होता,मानना भी पड़ता है।प्रीति ने ससुराल के बारे में अपनी सहेलियों से अलग-अलग कहानियां सुनी थी।करुणा ने कहा था”ससुराल,बस एक जेल है।सारा दिन सास जेलर बनी सर पर मंडराती रहती है।”रक्षा ने अपना अनुभव बताते हुए कहा”अरे,दिन भर गधे के जैसे काम करते रहो,फिर भी कदर … Read more

ना जाने कैसा जमाना आ गया है! – अनिला द्विवेदी तिवारी  : Moral stories in hindi

 घर पर शादी की धूम थी। चारों ओर चहल-पहल वाला माहौल था। अम्मा जी, ओसारे में, अपनी खाट पर बैठी हुई चिल्ला रहीं थी,,, “ना जाने कौन सो जमानो आ गयो है! हमारे जमाने में तो सब मर्यादा में रहत रहे। ये छोरियां मटक-मटक कर का दिखावे हैं? मुझे तो कछू समझ ना आवे है? … Read more

क्या मेरी कोई अहमियत नहीं? – विभा गुप्ता : Moral stories in hindi

    ” मम्मी….आपके घर में रहने के लिये मुझे थोड़ी जगह मिलेगी?” रोते हुए छवि अपनी माँ प्रेमलता से पूछने लगी।    ” ये तू क्या कह रही है छवि!…शशांक जी कोई बाता-बाती हुई है क्या या फिर बच्चों से…।”    ” सबसे…आप मना कर देंगी तो मैं कहीं और…।” बात अधूरी रह गई और छवि ज़ोर-ज़ोर से … Read more

क्या जमाना आ गया है – आशा झा सखी : Moral stories in hindi

आज विद्यालय में हंगामा सा मचा हुआ है। दबी आवाज में  हर जगह एक ही  कानाफूसी हो रही है । क्या जमाना आ गया है,बताओ जरा।लड़कियों से होती हुई ये बात शिक्षिकाओं  के स्टाफरूम तक पहुंच  कर  हॉट गॉसिप  का  अंश बन गयी।हर व्यक्ति बात की सच्चाई जानने को आतुर लग रहा। लता मेडम  रंजना … Read more

आप कैसी सास हो माँ – संध्या त्रिपाठी   : Moral stories in hindi

      सवा नौ बज गए हैं ….अभी तक तुम्हारा टिफिन पैक नहीं हुआ….?? मैं चला…. शांतनु ने देर होने से मानसी पर गुस्सा होते हुए कहा…     अरे शांतनु रुको तो…. एक मिनट बस हो ही गया है ….मानसी ने अपने काम की स्पीड बढ़ा दी….! जल्दी-जल्दी टिफिन पैक किया और दौड़ कर बाहर गई… तुरंत ही … Read more

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