क्या जमाना आ गया है – आशा झा सखी : Moral stories in hindi

आज विद्यालय में हंगामा सा मचा हुआ है। दबी आवाज में  हर जगह एक ही  कानाफूसी हो रही है । क्या जमाना आ गया है,बताओ जरा।लड़कियों से होती हुई ये बात शिक्षिकाओं  के स्टाफरूम तक पहुंच  कर  हॉट गॉसिप  का  अंश बन गयी।हर व्यक्ति बात की सच्चाई जानने को आतुर लग रहा।

लता मेडम  रंजना मेडम से बोली- अरे रंजना मेडम सुना आपने? आजकल लोग क्या गुल खिला रहे हैं।बताओ तो जरा। क्या जमाना आ गया है।रंजना मेडम- क्या हुआ लता मेडम।किस बात पर जमाने को कोसा जा रहा है। किसकी बात कर रही हैं आप? लता- अरे अपने विद्यालय में जो नए क्लर्क बाबू भर्ती हुए है न,उन्हीं की। वो आजकल बहुत गुल खिला रहे हैं।सुना है अपने ही स्कूल की छात्रा के संग उनका चक्कर चल रहा है।देखो तो जरा,क्या जमाना आ गया है।

रंजना मेडम- अरे कौन, गौरव की बात तो नहीं कर रही आप। वो तो कितने  सीधे-साधे से है। कितनी ही बार किसी न किसी कार्य से उनके पास जाना हुआ है।पर कभी उन्होंने नजर मिला कर भी बात नहीं की। हमेशा नजर झुकाकर आदर के साथ “जी मेडम” ही कहा। कभी कोई अनावश्यक शब्द भी नहीं निकलते देखा उनके मुँह से। सुना है कि वो विवाहित भी है। विश्वास नहीं हो रहा इस बात पर। 

तभी कनिका मेडम ने अपने मोबाइल पर उस लड़की सनाया का इंस्ट्राग्राम अकाउंट सर्च कर फोटो रंजना मेडम के सामने कर दी।ये देखिए मेडम,  ये बात सच है। ये रहा सबूत। फोटो देखकर रंजना मेडम भी कुछ समय के लिए अचंभित रह गयी।उस समय उनके मुँह से भी  कुछ न  निकला। दोनों की साथ में गले में हाथ डालकर घूमने का वीडियो और फोटो सनाया के अकाउंट  पर दिख रहा था।

उन्होंने बातों को विराम देने के उद्देश्य से इतना ही कहा- सबको जीवन अपने-अपने हिसाब से जीने का अधिकार है।व्यक्तिगत जीवन में कौन क्या करता है,इससे हमें क्या लेना- देना। कनिका मेडम- पर मेडम,इससे विद्यालय पर तो असर पड़ रहा है न। सारी लड़कियाँ बस यही बात कर रही है। पता नहीं इशारों- इशारों में क्या -क्या बोलकर हंस रही हैं।  रंजना मेडम- कनिका मेडम आप लड़कियों को पढ़ाई पर ध्यान लगाने को कहिए, न कि आप भी फालतू की गॉसिप को हवा दीजिए।इतना बोलकर रंजना मेडम ने बातों पर वही विराम लगा दिया।

पर अफवाहों का  बाजार इतना गर्म हो गया कि बात प्राचार्य जी तक पहुंच गई। कुछ अति उत्साही शिक्षिकाओं ने बात को नमक- मिर्च  के साथ प्राचार्य जी को बताया तो उन्होंने आनन- फानन में प्रबंधन समिति को इस बाबत सूचित कर दिया। जिसका परिणाम ये हुआ कि अगले ही दिन गौरव  को  प्रबंधन समिति के समक्ष उपस्थित होने का आदेश पारित हो गया।

गौरव जब समिति के समक्ष उपस्थित हुआ तो उसे सबकी  भेदती हुई सी  आँखों का सामना करने में बड़ी असहजता  हुई। मानो उसका चीरहरण किया जा रहा हो। वो सोचने लगा, क्यों लोग जरा सी बात का बतंगड़ बना  देते हैं। समिति के अध्यक्ष महोदय- गौरव जी आपको  लज्जा नहीं आती  विद्यालय में आकर ऐसा कृत्य करते हुऐ। बताइये जरा, ये शिक्षा का मंदिर है।यहाँ  बच्चियों को संस्कार और गरिमा की शिक्षा दी जाती है।आपने मर्यादा तोड़कर हम सभी को लज्जित कर दिया है। बताइये आपको क्या कहना है इस विषय पर।उत्तर दीजिए। आपका पक्ष सुनने के बाद ही  निर्णय किया जाएगा आपके भविष्य का।

गौरव- महोदय जी, जिस बात पर मुझे इतना लज्जित महसूस करवाया जा रहा है। वैसी कोई बात ही नही है।  किसी का किसी के साथ फोटो या वीडियो में दिखना कोई अपराध नहीं है।  जिस लड़की की बात यहाँ हो रही है। भले ही वो यहाँ पढ़ती है, पर  वो मेरी पूर्व परिचित है। दरअसल आज से तीन वर्ष पूर्व उसका परिवार हमारे पड़ोस में किराएदार था। अभी जब उसने विद्यालय में देखा तो पहचान लिया। अब परिचय निकल आया तो कभी स्कॉलरशिप या अन्य सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए बात होने लगी। उसकी माँ ने बुलाया था तो घर जाना भी हुआ एकाध बार।

   आजकल सोशल मीडिया के जमाने में सबको प्रदर्शन की लत लगी हुई है। सबको अपने को जमाने के सामने अधिकतम प्रस्तुत कर वाहवाही बटोरने का भूत सवार है। सनाया भी इससे अछूती नहीं है। अपनी सहेलियों के बीच वाहवाही बटोरने,उनको जलाने के चक्कर में वो ये मूर्खतापूर्ण कार्य कर बैठी। मैंने भी कल सुबह ही देखा ये। जब तक मैं उसको समझाकर  वो सब हटवा पाता, यहाँ वो सब  आग की तरह फैल गयी ये बात। अर्थ का अनर्थ ही कर डाला आप सभी ने। बस बात इतनी सी ही है।

 एक बात बता देता हूँ आप सभी को, आप लोगों का निर्णय जो भी हो। पर अब मैं यहाँ और कार्य नहीं कर सकता। इतने ओछे और संकीर्ण मानसिकता वाली जगह पर मेरा दम घुट रहा है। नाराजगी के साथ उसने अपना इस्तीफा अध्यक्ष महोदय के सामने रख दिया और बाहर निकल गया। यहाँ समिति सदस्य भी आश्चर्यचकित रह गए गौरव के व्यवहार पर। अध्यक्ष महोदय के मुख से इतना ही निकला- क्या जमाना आ गया है, बताओ तो जरा। लोग गलती करके भी ऐंठ कर चले जाते हैं।।।।।

 

आशा झा सखी जबलपुर( मध्यप्रदेश)

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