स्वाभिमानी हूं अभिमानी नहीं – अर्चना खंडेलवाल 

“ये जो तेरा एटीट्यूड है ना!! ये तुझे एक दिन परेशानी में डाल देगा, इस तरह का व्यवहार हर किसी के गले नहीं उतरता है, कुछ दुनियादारी भी होती है, कुछ लाज -शर्म भी होती है, कभी-कभी मन का नहीं हो, हमारी इच्छा ना हो फिर भी हमें वो करना होता है”। अब तेरी शादी … Read more

अन्याय न करना चाहिये न सहना चाहिये – बीना शुक्ला अवस्थी

आज करीब बीस दिन बाद नीलिमा मायके आई है। बीस दिन पहले चेन्नई जाने के चार दिन पहले माँ से मिलकर गई थी। जाने वाले दिन फोन पर बात करने का बहुत प्रयत्न किया था, परन्तु पता नहीं क्यों किसी का भी फोन लगा ही नहीं। अमर से कहा भी-” बहुत प्रयत्न कर रही हूँ, … Read more

पारिवारिक अदालत – विनोद प्रसाद

मेरी सिगरेट की डिब्बी कहां है? कोई भी चीज ढूंढो तो मिलती नहीं है।” निखिल ने झंझलाते हुए पूनम से कहा। “सिगरेट तो मैं पीती नहीं। आपने ही कहीं रखी होगी”- पूनम ने शांत लहजे में जवाब दिया। “जुबान लड़ाना तो तुम खूब जानती हो” और छोटी सी बात ने आज फिर उग्र रूप धारण … Read more

बेटा, तुझे दिखावा करने की कोई जरूरत नहीं। –  सविता गोयल

 ये क्या भईया !! ना आपने सारे नाते रिश्तेदारों को न्योता दिया और ना हीं भोज का आयोजन सही तरीके से रखा। समाज में क्या इज्जत रह जाएगी हमारी। अरे पैसे कम पड़ रहे थे तो एक बार बोल दिया होता मैं हीं कुछ इंतजाम कर देता….    मेरे ससुर जी भी पापा की तेरहवीं … Read more

समर्पण का ठप्पा… – स्मिता सिंह चौहान

राधिका अपनी ही तन्मयता में तेज तेज चली जा रही थी घर से काफी दूर आने के बाद उसे अपने हाथ में किसी का हाथ महसूस हुआ “पकड़ लिया  कहां भागे जा रही हो? कबसे आवाज लगाकर तुमहारे पीछे पीछे भाग रही हूँ? तुम सुन ही नहीं रही हो। ” राधिका की दोस्त बीना बोली।  … Read more

बेशर्मी नहीं शालीनता कहिए  – सोनिया कुशवाहा 

सर पर पल्लू जमाए भारी भरकम साड़ी में पंडाल के एक कोने में बैठ मैं मलाई कोफ्ते से नान का लुत्फ उठा रही थी कि तभी सामने से देवरानी आती दिखाई दी, अरे भाभी यहाँ अकेले में क्यूँ बैठी हो चलो थोड़ा चाट खाकर आते हैं! मैंने सिर उठाकर वीना को देख कर कहा ना … Read more

अपनों का अपनों पर कोई कर्ज़ नहीं होता ‘ –  विभा गुप्ता 

अश्विनी ने धीरे-धीरे अपनी आँखें खोली, खुद को अस्पताल के बेड पर देखा तो चकित रह गया।वह सोचने लगा, उसका तो एक्सीडेंट हो गया था, वो यहाँ कैसे पहुँचा,उसे यहाँ कौन लाया? तभी उसके कानों में वार्ड बाॅय की आवाज सुनाई दी,वह अपने सहकर्मी से कह रहा , ” ग्यारह नंबर वाला पेशेंट कितना भाग्यशाली … Read more

मायके का पहला सिंधारा – कुमुद मोहन

बहूजी! कोई कमी ना होनी चाहिए,बेटी का पहला सिंधारा जा रहा है,हम जानती हैं तुम हर चीज में हाथ खींच कर चलती हो,भगवान के वास्ते आज अपनी कंजूसी ना दिखाना” दादी की कड़कती आवाज सुन नीरा का मुँह उतर गया! दो महीने पहले ही नीरा और अशोक की बेटी सुमा का ब्याह सुधीर से हुआ … Read more

“नई सोच ” – Moral Story In Hindi

प्रिया एक चुलबुली लड़की थी | कॉलेज में उसकी  पहचान एक हसीन और हंसमुख लड़की में होती थी | रिया ने जब बीएससी प्रथम वर्ष में नामांकन कराया तो सिद्धांत उसी कॉलेज में बीएससी थर्ड ईयर का छात्र था | सिद्धांत का सावला गेहुआ रंग, कद काठी लगभग 5 फुट 9 इंच की होगी बिल्कुल … Read more

बहू नहीं लक्ष्मी आई है

अंकिता अपने मां-बाप की इकलौती बेटी थी बड़ी नाजो से उसके मां बाप ने पाला था। अंकिता के पापा का सपना था कि अंकिता बड़ी होकर डॉक्टर बने। लेकिन अंकिता देखने में बहुत खूबसूरत थी तो उसकी मां चाहती थी कि मेरी बेटी बड़ी होकर एक्ट्रेस बने लेकिन किस्मत को जो मंजूर होता है वही … Read more

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