खुला आकाश – बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi

    एक सामान्य निम्न मध्यम वर्ग परिवार में जन्मा विक्रम भी सामान्य और साधारण सा ही युवक था।अच्छे स्वास्थ्य का धनी विक्रम अपने माता पिता का चहेता था तो वह भी अपने परिवार के प्रति समर्पित था,परिवार क्या बस माँ और बापू ही तो थे।धनीराम जी ने पूरी जिंदगी में ले देकर एक छोटा सा घर … Read more

मेरे बीमार होने से किसी को कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता – माधुरी गुप्ता : Moral stories in hindi

चालीस नम्बर की कोठी से निकल कर सोमा ने पचास नम्बर की कोठी की तरफ रूख किया,मन तो कर रहा था कि घर बापिस जाकर आराम करे बुखार से पूरा वदन दर्द कर रहा था।फिर सोचा हम गरीब कामबालों की यही मजबूरी है।तन साथ न दे तब भी काम करना पड़ता है,नहीं तो कोठी की … Read more

बीमार होने से किसी को फर्क नही पड़ता है – माधुरी गुप्ता : Moral stories in hindi

चालीस नम्बर की कोठी से निकल कर सोमा ने पचास नम्बर की कोठी की तरफ रूख किया,मन तो कर रहा था कि घर बापिस जाकर आराम करे बुखार से पूरा वदन दर्द कर रहा था।फिर सोचा हम गरीब कामबालों की यही मजबूरी है।तन साथ न दे तब भी काम करना पड़ता है,नहीं तो कोठी की … Read more

अहम फ़ैसला – विभा गुप्ता : Moral stories in hindi

   ” तो तूने सोच लिया है कि अंशु को रज़िया के हवाले कर देगी…।”      ” हाँ दी…अंशु की खुशी में ही तो मेरा सुख है…।” कहते हुए वर्षा का गला भर्रा गया।उसने अपनी बहन मेघना से ‘ ‘रखती हूँ दी’ कहकर फ़ोन डिस्कनेक्ट कर दिया और सोफ़े पर लेटे छह वर्षीय अंशु को वात्सल्य भरी … Read more

एक-दूजे के लिए – डाॅ उर्मिला सिन्हा  : Moral stories in hindi

  रातभर गर्नज-तर्जन के साथ मूसलाधार बारिश होती रही। नमन सुबह दूध लेने निकल ही नहीं सका… क्योंकि सड़क पर घुटने तक पानी था।    मीनू चाय बनाने गई… दूध के साथ गैस भी खतम, “हे भगवान… इस बरसात में कहाँ से लाऊं दूध और गैस सिलेंडर… आज भूखा ही रहना होगा। आज गैस एजेंसी भी बंद … Read more

गलतफहमी – डॉ संगीता अग्रवाल  : Moral stories in hindi

आज सुबह से ही निशा का सारा बदन टूट रहा था,शायद हल्का सा बुखार भी था ,जैसे ही सुबह का अलार्म बजा,वो हड़बड़ा के उठ बैठी,पास निगाह घुमाई…पतिदेव  मजे से खर्राटे भर रहे थे।दिल किया,उन्हें कह दे,मेरे बस का आज उठना नहीं है,कर लेना खुद काम या बाजार से लेकर कुछ खा लेना। पर कह … Read more

कभी कह कर तो देखो… रश्मि प्रकाश  : Moral stories in hindi

“ अरे बहू अब तक चाय नहीं बनी है क्या… कब से हम लोग सैर कर के आ गए… आज चाय में देरी क्यों कर रही हो?” राजबाला जी ने बाहर बरामदे से ही राशि से कहा “ ला रही हूँ मम्मी जी…सब को सब हाथ में ही वक्त पर चाहिए ये नहीं कि थोड़ा … Read more

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