मुक्ति – संगीता त्रिपाठी : Moral stories in hindi

“आपकी पत्नी को जो भी पसंद है, वो सामग्री दान करें।” पंडित जी की गंभीर आवाज कमरे में गूंज उठी। सब एक दूसरे का मुँह देख रहे थे। माँ की पसंद….. बहुत याद करने पर सतीश जी को याद आया एक बार इला ने आइसक्रीम खाने की इच्छा प्रकट की थी।”बेटा माँ को आइसक्रीम बहुत … Read more

औकात बदल गई – गीता वाधवानी : Moral stories in hindi

कॉलेज में पहुंचते ही अमन कीआंखें निशा को खोजने लगती थीं। दोनों का कॉलेज का आखरी साल था। निशा शहर के प्रसिद्ध डॉक्टर अमरीशकी बेटी थी। जिनका खुद का एक बहुत बड़ा अस्पताल था। निशा को पैसेकी कोई कदर न थी और ना ही पढ़ाई-लिखाई में कोई रुचि। सिर्फ एक डिग्री प्राप्त करना उसका मकसद … Read more

घर की इज्जत – सविता गोयल : Moral stories in hindi

मिनाक्षी की शादी एक सम्पन्न परिवार में हुई थी। किसी चीज की कोई कमी नहीं थी ससुराल में| शहर में बहुत इज्जत और नाम था उसके ससुर जी का| घर में एक जेठ-जेठानी और एक कुंवारा देवर था जो बाहर पढ़ता था| मिनाक्षी की जेठानी बहुत ही सीधी-साधी सी थी, बस अपने काम से मतलब … Read more

औकात दिख गई – रोनिता कुंडु : Moral stories in hindi

अरे जीजी… अच्छा हुआ तुम सभी आ गए… अब मैं बहू को इस शादी की जिम्मेदारी देकर निश्चित हो पाऊंगी… मैं बता नहीं सकती जीजी… मुझे कितनी शांति मिली, तुम सबके आ जाने से… माया जी ने अपनी बड़ी बहन शोभा के परिवार से कहा…  माया जी की बेटी गौरी की शादी थी… जिसमें उनकी … Read more

झूठे रिश्तो की कोई औकात नहीं – सुधा जैन : Moral stories in hindi

संजना अपने मन में सपनों का संसार सजाएं ससुराल आई। ससुराल भरा पूरा चार भाई, दो बहनें, घर में खेती-बाड़ी सब कुछ था ।संजना खूब पढ़ी-लिखी तो नहीं, लेकिन  समझदार ,सुशील और सुंदर है। चार भाइयों में उसके पति संजय तीसरे नंबर के हैं। वह भी खूब पढ़े-लिखे नहीं है, पर बहुत मेहनती  है, और … Read more

मुट्ठी में चांद –  बालेश्वर गुप्ता: Moral stories in hindi

बाबू सरकार हमारी न हिम्मत है और न औकात जो आपकी तरफ देख भी सके।मेरी बिटिया को माफ कर दो सरकार,हम यहां से कही भी दूर चले जायेंगे।बाबू सरकार — हमे –माफ –कर दो।        जमीदार विक्रम के यहां बचपन से ही रामू उनकी हवेली पर ही काम करता था।पहले बचपन मे अपने पिता के साथ … Read more

औकात नहीं भूला…रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

वह शायद भिखारी ही था… एक पैर से लंगड़ा… अपनी बैसाखी टेकता… स्टेशन पर खड़ी गाड़ियों के पास हाथ फैला रहा था… कभी एक-दो खिड़कियों पर कुछ मिल भी जाता… कभी सिक्का.… कभी रोटी… कभी सड़े गले फल… सबको झोलियों में डालता हुआ फिर दूसरी खिड़की के पास पहुंच जाता था… कुछ सभ्य लोग मुंह … Read more

तमाशबीन – श्रीप्रकाश श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

पत्नी का फोन आया,’’कोई बच्चा आये थे। शादी का कार्ड दे गये है।’’ बच्चा से ख्याल आया वह मेरी दूर के रिश्ते के बूआ का लडका था। एक लंबा अरसा गुजर गया। न मेरे माॅ बाप रहे न उसके। वह रिश्ता जो कालकलवित हो चुका था, को बच्चा ने पुर्नजीवित किया तो सहसा मेरी खुशी … Read more

औकात – मनिका गर्ग : Moral stories in hindi

“औकात” कितना अजीब शब्द है ना… कितनी कितनी नकारात्मकता झलकती है इस शब्द में.. पर जाने क्यों आज बलजीत से मिलने के बाद इस शब्द से मानों नफरत सी हो गई। मन आज अचानक 15 वर्ष पुरानी यादों में खो गया। अपना ग्रेजुएशन कंप्लीट करने के बाद मैंने समय व्यतीत करने के लिए  एक स्कूल जॉइन … Read more

औकात – अर्चना सिंह : Moral stories in hindi

आँगन की रस्सी पर कपड़े सुखाने के लिए डालते हुए मधु की माँ बीच – बीच मे मधु को मनुहार करते हुए बोलती जा रही थी..”बहुत अच्छे व धनी सम्पन्न लोग हैं, कर ले ब्याह । मैं भी निश्चिंत हो जाऊँगी । मधु आईने में देखकर चोटी बना रही थी और माँ की बातों को … Read more

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