मुक्ति – संगीता त्रिपाठी : Moral stories in hindi

“आपकी पत्नी को जो भी पसंद है, वो सामग्री दान करें।” पंडित जी की गंभीर आवाज कमरे में गूंज उठी।

सब एक दूसरे का मुँह देख रहे थे। माँ की पसंद….. बहुत याद करने पर सतीश जी को याद आया एक बार इला ने आइसक्रीम खाने की इच्छा प्रकट की थी।”बेटा माँ को आइसक्रीम बहुत पसंद थी , पंडित जी को पेट भर खिलाना।”सतीश जी ने बड़े गर्व से बेटे रमन को याद दिला अपने कर्तव्य की इति श्री कर दी। पति है इला के, सारे दान करेंगे दुनिया देखेगी कितने अच्छे से इला की तेरहवीं होगी। कोई कमी नहीं छोडूंगा।

इला तस्वीर के बाहर खड़ी थी।सतीश जी ने कभी जानने की कोशिश ही नहीं की, इला को क्या पसंद है।

पंडित जी की बात सुन तस्वीर वाली इला ने खुद से पूछा –मेरी पसंद… मुझे ही याद नहीं, पति को दक्षिण भारतीय भोजन पसंद, तो इला को भी वही पसंद, बेटे को छोले -भठूरे पसंद तो इला को भी पसंद, बहू -बेटी को चाइनीज पसंद तो इला को भी वही पसंद… इला को सब कुछ वो पसंद जो उसके परिवार को पसंद.., जो परिवार के लोग छोड़ देते, इला उसे भी मन से खा लेती थी। बचपन से सुना था अन्न का अपमान नहीं करना चाहिये..।

     बेटे को याद आया माँ कई बार उसे पढ़ने के लिये किताबें लाने को कहती, समय के अभाव में नहीं ला पाया, चलो कोई ना, अब दान कर देते।माँ को अच्छा लगेगा।बेटे को भी आत्मसंतुष्टि मिल गई।इला आश्चर्य से बेटे को देख रही, जीते -जी कभी नहीं लाया आज दस किताबें दान कर पूरे जीवन का कर्ज उतार दे रहा। बारी आई बेटी की, भरे मन से बेटी बोली -जीते जी हम माँ को समय नहीं दे पाये, जिसकी चाहत सबसे ज्यादा थी उन्हें…। इला उदास हो गई, बेटी के लिये ममता हो गई। माँ की तकलीफ बेटी समझती थी। वैसे देखा जाये तो सभी इला को प्यार करते थे। बस समय ही नहीं रहता था सबके पास…।

बहू ने दुखी हो कर कहा -माँ की सेवा करना चाहती थी पर माँ खुद ही सारे काम कर लेती थी, बेटी समझती थी मुझे…। इला आवाक -बहू काम करने के लिये नहीं उठती थी, गृह में शांति बनी रहे अतः इला बहू आने के बाद भी पहले की तरह काम करती रही। “

बहुरानी मैंने तो बेटी जरूर माना पर तुमने क्या मुझे माँ का दर्जा दिया था। उसदिन अपनी सहेली को बोल रही थी -सासु माँ की जरा तारीफ कर दो फिर रसोई में जाने की जरूरत ही नहीं… कितनी जोर से हँसी थी बहू, पीछे मै तुम्हारे लिये चाय का कप ले खड़ी थी। उलटे पैर वापस चली गई। वही तुम्हारी माँ को हल्की सी सर्दी हो जाये तो तुम मायके भाग जाती थी…। मैंने बहू -बेटी में फर्क नहीं किया पर तुमने तो माँओं में फर्क कर दिया..। “पर इला की आवाज तो कोई नहीं सुन रहा। इला चुपचाप शांति पाठ होते देख रही थी।

      सतीश बाबू माँ -बाप के इकलौते पुत्र थे अतः खुद की इच्छायें ज्यादा बलवती थी। शादी कर माँ -बाप पर ही नहीं इला पर भी अहसान कर दिया। माँ -बाप की देखभाल और वंश बेल बढ़ाने के लिये इला आ गई और इला को एक घर और कमाऊ पति मिल गया, कानूनन पत्नी का अधिकार मिल गया..।

 सतीश जी की अपनी दिनचर्या थी जिससे वो कोई समझौता नहीं करते थे। आज भी उनकी यार -दोस्तों के संग बैठकी जरूर होती थी, बस इला को ज्यादा नहीं कभी चाय -नाश्ता तो कभी खाना बनाना पड़ता था। इला कभी शिकायत करती तो सतीश जी कठोर हो बोल देते “दोस्तों के संग ना रहूँ तो क्या तुम्हारे पल्लू में लटका रहूँ दिन भर…। “

अब तो उम्र हो गई है….।पर क्या एक स्त्री की यही औकात है…।सिर्फ पत्नी, माँ या बेटी, बहू… सिर्फ इन्ही रिश्तों में उसका जीवन होता है, कोई वजूद नहीं होता.।

              नहीं स्त्रियाँ भी ख्वाब देखती है, उनको पूरा करने की कोशिश करती है इस प्रयास में कुछ सफल तो कुछ असफल होती है।पर क्या उनके ख़्वाबों की कोई कीमत नहीं..।

इला अक्सर सोचती थी पर मन के विचारों को झटका, अपने परिवार पर ध्यान देने लगती।

कोई पांच दिन पहले इला सोई तो फिर उठी ही नहीं, घर में कोहराम मच गया। सतीश जी को याद नहीं पिछले चालीस साल में कभी इला इतनी देर सोई हो। डॉ. के आने के बाद पता चला, इला अपनी काया छोड़ चुकी।

            पंडित जी का कार्य खत्म हो चुका, दान देख सब नाते -रिश्तेदार और परिचितों की ऑंखें खुली रह गई, सच भाग्य हो तो इला जैसा, जिसे इतने अच्छे पति और बच्चे मिले। इला सुन रही थी,। अब उसका कोई काम नहीं था वहाँ सब ने नई काम वाली लगा कर उसकी अनुपस्थिति को स्वीकार कर लिया। इला भी चल पड़ी…तभी कानों में अस्पष्ट स्वर सुनाई दिया..। सतीश जी अकेले कैसे रह पाएंगे ना हो तो उनकी दूसरी शादी करा दिया जाये, अभी उम्र ही उनकी क्या है…इकत्तर साल के ही है…

इला आगे सुन ना सकी… चल पड़ी उन सितारों के पास, जहाँ स्वार्थ ना था…।इला ने भी अपनी औकात दिखा दी,तस्वीर चटक कर टूट गई..सबने कहा मुक्ति मिल गई इला को..।

                            —संगीता त्रिपाठी..

#औकात  

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!