मायका..अपना या पराया – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

ट्रेन अपनी रफ्तार में तेजी से भागे जा रही थी,नीलू एकटक खिड़की में मौन साधे गुमसुम सी अपनी दुनिया मे मग्न थी। पुरानी बातें जेहन में बार बार घूम रही थी। माँ हमेशा कहती थीं-“ऐसे मत करो, वैसे मत रहो, ऐसे पहनो,वैसे न पहनो। तरीके से रहना चाहिए, क्योंकि बेटियों को पराये घर जाना है, … Read more

नई सीख-अर्चना सिंहMoral stories in hindi

आज बच्चों की परीक्षा की कॉपी जांचते – जांचते काफी समय लग गया। मधु ने एक नज़र घड़ी पर डाली, शाम के 5 बज चुके थे। थकी सी वो सुस्ताये अलसाये कदमों से चल कर वह घर घुसी तो 6 बजने वाले थे। घर के अंदर आकर उसने झांका तो कोई न दिखा, फिर उसने … Read more

अच्छा पाने की उम्मीद हो तो अच्छा देना चाहिए – अर्चना सिंह : Moral stories in hindi

मालती जी के गृहप्रवेश की तैयारी चल रही थी । अपनी ननद अनुपमा को उन्होंने महीने भर पहले ही बोल रखा था । मालती जी ने अपनी इकलौती बेटी प्रीति को कॉल करके कहा..”बुआ और उनके परिवार के लिए कुछ उपहार और कपड़े वगैरह लेना है , आ जाती बेटा तुम तो शॉपिंग करा देती … Read more

नियति को हमारा मिलना मंजूर नहीं था ….अर्चना सिंह: Moral stories in hindi

“शादी” ! मतलब इक नई उमंग, खुशी, उत्साह होता है ।और हर तरफ सब कुछ नया- नया सा लगता है न । ये सब तो उसकी सखियों ने खूब बताया था । पर शादी का दूसरा मतलब एक शब्द में कहें तो समझौता भी होता है । बस सखियों ने ये नहीं बताया था । … Read more

माँ का दर्द समझ मे आता है, पत्नी का क्यों नहीं..?? – अर्चना सिंह : Moral stories in hindi

 “टिकट  कन्फर्म हो गया है “।आप तूलिका से बात कर लीजिए एक बार ” । लैपटॉप पर काम करते हुए क्षितिज ने अपनी माँ विद्या जी को कहा । फिर विद्या जी ने बात अनसुनी करते हुए फोन काट दिया । अगले ही दिन की फ्लाइट थी । तूलिका रसोई में रोटियाँ सेंक रही थी, … Read more

चक्रव्यूह – अर्चना सिंह : Moral stories in hindi

घर में बहुत गहमा गहमी चल रही थी, काफी दिनों से हालात ठीक नहीं नजर आ रहे थे। चीकू अपने कमरे में सुस्त पड़ा अंदर ही अंदर सोच रहा था कि माँ ने आवाज़ लगाई, चीकू बेटा! जल्दी उठो, हमें देर हो रही है। चीकू ने बहुत रूखे स्वर में कहा नहीं जाना मुझे जो … Read more

खुशहाल मायका –  अर्चना सिंह : Moral stories in hindi

नीलम जी एक कुशल गृहणी और काफी व्यावहारिक महिला थीं । उनके पति सेवा निवृत्त हो चुके थे । उसके बाद नीलम जी की आकस्मिक दुर्घटना में मृत्यु हो गयी । एक सूत्र में पिरोए रखने वाली जब परिवार को अकेले छोड़कर चली गयी तो सबसे ज्यादा तनावग्रस्त उनके पति प्रशांत जी थे । दुःख … Read more

औकात – अर्चना सिंह : Moral stories in hindi

आँगन की रस्सी पर कपड़े सुखाने के लिए डालते हुए मधु की माँ बीच – बीच मे मधु को मनुहार करते हुए बोलती जा रही थी..”बहुत अच्छे व धनी सम्पन्न लोग हैं, कर ले ब्याह । मैं भी निश्चिंत हो जाऊँगी । मधु आईने में देखकर चोटी बना रही थी और माँ की बातों को … Read more

error: Content is Copyright protected !!