भाभी माँ – विभा गुप्ता Moral Stories in Hindi

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 ” भाभी माँ…मैं पास हो गया।आपका बेटे ने पूरे जिले में टाॅप किया है।आप मुझे आशीर्वाद दीजिये कि…।” कहते हुए दीपक अपनी भाभी माँ सुमित्रा के चरण-स्पर्श करने लगा तो सुमित्रा उसे अपने दोनों हाथों से उठाकर अपने सीने-से लगाते हुए बोली,” बहुत-बहुत बधाई मेरे लाल…खूब पढ़ो…खूब तरक्की करो..मेरा आशीर्वाद हमेशा तुम्हारे साथ है मेरे … Read more

अपने मन की सुनना – विभा गुप्ता Moral Stories in Hindi

” प्रतिभा जीजी…. क्या करुँ…कुछ समझ नहीं आ रहा है।आप तो जानती ही हैं कि मानसी ने एनडीए की परीक्षा पास कर ली है।अब उसे इंटरव्यू के लिये दिल्ली जाना है।लेकिन लोग कह रहें हैं कि ज़माना बहुत खराब है..अकेली लड़की..पता नहीं वहाँ कैसे-कैसे लोग होंगे तो…आप क्या कहती हैं?”        ” देख रंजना…लोगों का तो … Read more

बुढ़ापा सार्थक हो गया – विभा गुप्ता Moral Stories in Hindi

 स्त्री हो या पुरुष, बुढ़ापा के बारे में सोचकर सभी चिंतित हो जाते हैं।जिनके बेटे हैं वो सोचते हैं कि अगर बहू सेवा न की तो…और बेटी वाले सोचते हैं कि काशः हमारे भी एक बेटा होता तो बुढ़ापा आराम से कट जाता।लेकिन श्री महावीर प्रसाद और श्रीमती कनकलता देवी जी का कहना था कि … Read more

रिश्ते अनमोल होते हैं – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

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” ये क्या भाभी…आप कैसी साड़ी लेकर आईं हैं?बड़े घर में लेन-देन कैसे करना चाहिये…इसका सलीका आपको बिल्कुल भी नहीं है।आखिर मिडिल क्लास की जो ठहरीं…।” कहते हुए चारु ने गुस्से-में अर्चना भाभी द्वारा लाई हुई साड़ी को पलंग से उठाकर नीचे फेंक दिया।उसकी भाभी रोती हुई चली गई।तब उसकी सास उसे समझाते हुए बोली,” … Read more

मेरे हमसफ़र -विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

आज सुबह से ही आनंदी जी के शरीर में गज़ब की फ़ुर्ती थी।कभी सुगना को कहतीं कि मलाई कोफ़्ते में नमक ठीक से डालना तो कभी घर के नौकर नंदू को आदेश देती ,” छोटे भईया के कमरे में पानी रखना मत भूलना।” दरअसल आज उनकी शादी की पचासवीं सालगिरह थी।शाम को उन्होंने पार्टी रखी … Read more

बेटा है तो क्या हुआ…- विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 ” अरी जन्मजली…ये क्या अनर्थ कर दिया तुमने! अपने ही कोख जाये को सज़ा दिलवाते हुए तेरी जीभ नहीं जल गई…।” कोर्ट से बाहर निकलते हुए रामरति देवी ने अपनी बहू कलावती को दुत्कारा पर वह चुपचाप सुनती रही।वह तो एक ज़िन्दा लाश बन चुकी थी।यंत्रवत चलते हुए सबके साथ वह गाड़ी में बैठ गई।गाड़ी … Read more

दिल के रिश्ते -विभा गुप्ता Moral stories in hindi

 ” नीतू…अब तुम्हें इन लोगों की गुलामी नहीं करनी पड़ेगी।मुझे दिल्ली में नौकरी मिल गई है… हम अगले महीने ही वहाँ शिफ़्ट हो जाएँगे..।” सिद्धार्थ ने धीरे-से अपनी पत्नी से कहा जो तह किये हुए कपड़ों को अलमारी में रख रही थी।सुनकर वह आश्चर्य-से बोली,” सच!…लेकिन फिर अम्मा जी को क्या कहेंगे..।”     ” माँ को … Read more

मेरी बहना आ गई – विभा गुप्ता । Moral stories in hindi

मेरी बहना आ गई        ” भवानी बाबू…आप दवा नहीं खायेंगे तो कैसे ठीक होंगे।अभी कितना कुछ करना है आपको…बेटे की शादी करनी है…पोते-पोतियों के साथ खेलना है।इसलिए दवाएँ समय पर अवश्य खाएँ और हाँ, खुश रहने का प्रयास कीजिये।” मुस्कुराते हुए डाॅक्टर अग्निहोत्री ने भवानी बाबू को देखा और कमरे से बाहर निकल गये।     ” … Read more

एक बंधन तो है ना – विभा गुप्ता Moral stories in hindi

      ” माँ..मैं कैसा लग रहा हूँ ?” कन्हैया स्कूल की यूनिफ़ाॅर्म पहनकर गले में टाई बाँधते हुए अपनी माँ श्रावणी से पूछा।    ” मेरा लाल तो लाखों में एक है।किसी की बुरी नजर न लगे…ठहर, काजल का एक टीका लगा देती हूँ।” कहते हुए श्रावणी ने काजल की डिबिया खोली और अपनी अंगुली को उसमें … Read more

टाट में मखमल का पैबंद – विभा गुप्ता   : Moral stories in hindi

   ” माँ…आप मेरी बात भी तो सुनिये…वो लोग बहुत पैसे वाले हैं..हमारा- उनका कोई मेल नहीं है।”    ” हाँ भाभी…सोमेश ठीक ही तो कह रहा है।रिश्ते हमेशा बराबर वाले से बनाना चाहिये तभी परिवार में तालमेल बना रहता है।”     ” ऐसा कुछ भी नहीं है प्रभा….शादी हो जाने के बाद सब ठीक हो जाता है।बड़े … Read more

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