धिक्कार है धिक्कार – सुभद्रा प्रसाद : Moral stories in hindi

रात के दो बजकर दस मिनट हो चुके   थे |प्रियंका स्टेशन के प्लेटफार्म  पर शाल ओढ़े चुपचाप बैठी थी | उसे समझ नहीं आ रहा था,  वह क्या करे? रात दो बजे वाली ट्रेन आकर आगे जा चुकी थी और उसका मन तेजी से पीछे की ओर भाग रहा था |       … Read more

दायित्व अपना-अपना – सुभद्रा प्रसाद: Moral stories in hindi

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आदित्य ने आफिस से आकर अपना बैग टेबल पर रखा तो उसकी निगाह फिर उस लिफाफे पर पड़ गई, जो उसे परसों मिला था  | यह लिफाफा उसके पिता ने उसे भेजा था और आदित्य ने उसे बिना खोले ही रख दिया था | वही, पिताजी ने उसे भारत आने के लिए लिखा होगा ,उसने … Read more

परिवार की अहमियत – सुभद्रा प्रसाद: Moral stories in hindi

शाम का धुंधलका फैलने लगा था |शंकर बाबू अपने हाथों में सब्जी का थैला थामे जल्दी जल्दी पुल पार कर रहे थे | एक दोस्त से बात करने के चलते कुछ देर हो गई थी और अब वे जल्दी से घर पहुंचना चाह रहे थे|  पुल ज्यादा लंबा नहीं था |नीचे नदी बह रही थी … Read more

ये हमारी भाग्यविधाता हैं – सुभद्रा प्रसाद : Moral stories in hindi

 “छि, छि, छि, कौन है ये बुढिया  ? इसने तो सारा फर्श गंदा कर दिया |”  निभा जोर से बोली और सोफे से उठकर  खडी हो गई |                                                    उसके बोलने … Read more

मेरे लिए आपका आशीर्वाद ही काफी है – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  आकाश और पूनम दोनों एक ही कंपनी में काम करते थे | दोनों ने एक ही साथ एक ही कालेज से मैनेजमेंट की पढ़ाई की थी और संयोग से दोनों को नौकरी भी एक ही कंपनी में मिल गया | कालेज के समय से शुरू हुई दोस्ती प्यार में बदल … Read more

थैली भर के आशीर्वाद-  सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  “अरे ये क्या बेटा, गगन, मैंने तो तुम्हें सब्जी लाने को भेजा था, पर तुम तो खाली थैली लेकर आ गये |” माँ ने अपने पंद्रह वर्षिय पुत्र गगन को खाली थैली  लेकर घर में आते देखकर कहा |       ” खाली थैली नहीं मां, थैली भरकर आशीर्वाद लाया हूँ |” … Read more

आंखे चार  : hindi stories with moral

hindi stories with moral : रजनी बड़ी तेजी से सीढ़ियों पर चढी जा रही थी | सोच रही थी,आज आफिस में उसका पहला दिन था और कहीं आज ही देर न हो जाये |लिफ्ट उपर गया हुआ था और आफिस पहली मंजिल पर ही है, यह सोचकर रजनी फटाफट उपर आ गई |आफिस में वह … Read more

दादी का जन्मदिन – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

 अनन्या की दादी की उम्र सतर वर्ष की थी | उसके दादाजी की मृत्यु एक साल पहले हुई थी |जबसे उसके दादाजी की मृत्यु हुई थी, तबसे दादी बहुत दुखित रहती थी | अनन्या संयुक्त परिवार में रहती थी | उसके दो चाचा, दो चाची, मम्मी-पापा और उनके दो – दो बच्चे, कुल छह बच्चे … Read more

मैं सिर्फ आपकी पत्नी नहीं किसी की बेटी भी हूँ – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “आ गई महारानी ” बहू को घर में घुसते देखकर संध्या जोर से बोली |         माँ की आवाज सुन पवन कमरे से बाहर आया और  दीपा की ओर देखते हुए चिल्लाकर बोला -” कहाँ थी तुम? हम कबसे तुम्हारी राह देख रहे हैं | आफिस तो छ बजे बंद हो … Read more

झाड़ू मारना – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

रोहित और  आनंद दोनों दोस्त थे |एक ही स्कूल और एक ही कक्षा में पढ़ते थे | आनंद एक अच्छे सुखी-संपन्न घर का लड़का था और पढ़ने में भी अच्छा था | रोहित एक साधारण घर का लड़का था और पढ़ने में भी साधारण ही था | दोनों में अच्छी दोस्ती थी और एक दूसरे … Read more

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