अनजाने रास्ते (भाग-5) – अंशु श्री सक्सेना : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : घर से बाहर क़दम रखते हुए वह एक पल को ठिठकी। इस घर में बिताए बाइस वर्ष उस एक पल में सिमट गये। उसकी सारी आकांक्षाएँ, इच्छाएँ पलक झपकते ही पूरी करते पापा, लाड़ दुलार से पापा के कंधों पर झूलती वो, उसकी चोटी खींचकर चिढ़ाते अमित भैया, उसके छुपने … Read more

अनजाने रास्ते (भाग-4) – अंशु श्री सक्सेना : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : रक्षाबंधन का दिन था। अमित भैया ने पापा के समक्ष अपनी लाडली बहन को फ़िल्म दिखाने का प्रस्ताव रखा और बोले, “पापा, आज मैं और वैदेही फ़िल्म देख आते हैं और डिनर भी बाहर करके लौटेंगे” वैदेही का मुरझाया चेहरा देखकर पापा ने सहर्ष अनुमति दे दी।पिक्चर हॉल में पहुँचने … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 16) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

विनया ने बीप की आवाज से मोबाइल उठा कर देखा और एक प्यार भरी इमोजी भेज कर मोबाइल रख आगे की रणनीति पर गौर करने लगी और रणनीति के बीच में कब उसके पलकों पर नींद ने अपना घर बना लिया, उसे पता भी नहीं चला और उधर अंजना की ऑंखों का नींद उड़ चुका … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 15) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

“ये क्या कर रही हैं माॅं? अभी तो और रोटियाॅं भी तो बनानी हैं।” गूंथे आटे के बर्तन को उठाकर फ्रिज में रखती अंजना से विनया पूछती है। “क्यों, अब कौन खाएगा।” विनया के बगल से निकलती हुई अंजना कहती है। “मैं और आप।” विनया अंजना के हाथ से बर्तन लेती हुई कहती है। “सबको … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 14) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

“संपदा कुछ बोलोगी।” संपदा बिना कुछ उत्तर दिए अपने कमरे की ओर बढ़ ही रही थी कि मनीष फिर से गरज उठा था। “वो भैया भाभी ने जिद्द की थी इसीलिए”…. हड़बड़ाती हुई संपदा बोल गई। “मैं जानता था, ये इसकी ही सिखाई–पकाई है।” उंगली से विनया की ओर प्वाइंट करता हुआ मनीष कहता है। … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 13) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

“दीदी, एक बात तो अधूरी ही रह गई।” कैब के घर के समीप आते ही अचानक विनया को कुछ याद आया। “क्या भाभी।” संपदा विनया की ओर मुड़ती हुई पुछती है। “आप सुबह किसी बात से परेशान थी और इस कारण माॅं,से भी नाराज दिख रही थी। क्या बात रही दीदी।”” विनया संपदा को सुबह … Read more

लड़के वाले सीजन -3 भाग -23 एवं अंतिम भाग : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : जैसा कि आप सबने अभी तक पढ़ा कि उमेश और शुभ्रा की तेल हल्दी की रस्म और मेहंदी संगीत भी पूरी धूम धाम से हो चुका हैँ… दोनों घरों में खुशियों का माहोल हैँ…. शादी वाले दिन सुबह दादा नारायण जी अपने दामाद जी से कहते हैँ कि बबलू के … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 12) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

“तो मिस संपदा, आपकी भाभी गेम में आपसे आगे चल रही हैं। क्या आप इस गेम को जीतना चाहेंगी और बताना चाहेंगी कि आपकी भाभी मिसेज विनया को खाने में क्या–क्या पसंद है।” टेबल पर रखे अखबार को रोल कर माइक की तरह बनाती दीपिका संपदा के सामने करती हुई कहती है। “उस दिन रात … Read more

लड़के वाले सीजन -3 (भाग – 22) : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : जैसा कि आप सबने अभी तक पढ़ा कि उमेश और शुभ्रा की हल्दी तेल की रस्म शुरू हो गयी हैँ…. दोनों तरफ ढ़ोलक की ढापों  से पूरा घर गूंज रहा हैँ… इधर शुभ्रा को उसकी माँ बबिता जी हल्दी लगा रही हैँ तभी विक्की हांफता हुआ आता हैँ…. वो दादा … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 11) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

“हूं तो अब बताइए ऐसे ही घर पर भी आप दोनों गुटर गूं करती रहती हैं क्या?” दीपिका कॉफी के सिप के साथ पूछती है। “क्यों जलन हो रही है क्या भाभी।” विनया चुटकी लेती हुई दीपिका से कहती है। “जलन क्यों होगी भला, कभी हम ननद–भाभी भी इसी तरह गुटर गूं करती थीं, फिर … Read more

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